अलीगढ़: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का मामला सामने आया है. अधिकारियों ने को-वैक्सीनेशन सेंटर पर ड्यूटी के लिए बनाई गई लिस्ट में उन लोगों के भी नाम दर्ज कर दिए हैं जो रिटायर्ड हो चुके हैं या फिर जिनके ट्रांसफर हो चुके हैं. इतना ही नहीं, जो अब इस दुनिया में जीवित ही नहीं हैं यानी कि लापरवाही उच्चकोटि की हुई है. इसकी जानकारी मीडिया में आने के बाद अब सीएमओ विभाग लापरवाही मानकर जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
मामला जिले के गंगीरी ब्लॉक क्षेत्र में स्थित कस्बा छर्रा के गांव रुखाला समेत अन्य कुछ और पीएचसी से संबंधित है. चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छर्रा, अलीगढ़ द्वारा कोविड टीकाकरण कराने के लिए हर छोटे- बड़े स्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ की ड्यूटी निश्चित की है. जिसमें एएनएम की ड्यूटी लगाई गई है. लेकिन जो लिस्ट 23 मई 2021 को रिलीज हुई है. उसमें गांव रुखाला पीएचसी पर जिस एएनएम सुरजमुखी का नाम दर्ज है. उसकी मृत्यु पंचायत चुनाव के कुछ समय बाद ही कोविड पॉजिटिव होने के बाद ऑक्सीजन लेवल घटने के चलते हो चुकी है.
वहीं, पीएचसी सुनपहर पर पुष्पा देवी व पीएचसी महौला पर कुसुमलता का नाम दर्ज है. यह दोनों विभाग से रिटायर्ड हो चुकी हैं. इधर गांव राजमऊ पीएचसी पर एएनएम सावित्री की ड्यूटी लगाई गई है. उसका ट्रांसफर हो चुका है. बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग पर अपनी एएनएम का भी डाटा नहीं है कि उसका कोविड पॉजिटिव होने के बाद उपचार के दौरान मौत हो चुकी है. मृतक सुरजमुखी बीजेपी के पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. सीवी सिंह की धर्मपत्नी थीं और सुरजमुखी ने भी इस बार पंचायत चुनाव पर्चा दाखिल भी किया था.
गांव रुखाला पीएचसी के बारे में स्थानीय व्यक्ति प्रधान सेवक विक्रम सिंह राजपूत ने भी बताया कि यह पीएचएसी चुनाव के वक्त से ही बंद पड़ी हुई है. क्योंकि इस पर तैनात एएनएम सुरजमुखी का कोविड पॉजिटिव होने के बाद मौत हो चुकी है.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
वहीं, सीएमओ डॉ. भानुप्रताप सिंह कल्याणी ने बताया कि मामला प्रकाश में आया है. यह ड्यूटी छर्रा अधीक्षक द्वारा लगाई गई हैं. इस तरह से वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रभावित होगा. क्योंकि जिसका ट्रांसफर हो चुका है या जो जीवित नहीं है तो कैसे काम होगा. इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा. उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
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