अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 15 दिसंबर की घटना को लेकर एनएचआरसी द्वारा हाईकोर्ट में रिपोर्ट सबमिट की गई थी. इस रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए निर्देश जारी किया है, जिसका एएमयू के छात्रों ने स्वागत किया है. अगली सुनवाई 25 मार्च को होनी है.
हाईकोर्ट के फैसले को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र मोहम्मद आमिर ने बताया कि एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट में कई बिंदुओं को शामिल किया था, जिसका हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिया है कि छह एएमयू छात्रों को सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाए. वहीं डीजीपी उत्तर प्रदेश को आदेश दिया है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस व आरएएफ के जवानों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
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छात्र आमिर ने बताया कि हाईकोर्ट ने माना है कि एएमयू प्रशासन का रवैया डिक्टेटरशिप वाला था. आमिर ने बताया कि यह फाइनल फैसला नहीं है. लड़ाई अब शुरू हुई है. उन्होंने बताया कि यह एनएचआरसी की रिपोर्ट थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया है. आमिर ने बताया कि केवल छह छात्र घायल नहीं हुए थे और भी कई छात्र 15 दिसंबर की घटना में घायल हुए थे. जिनको मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने बताया कि फोर्स ने जिस तरीके से छात्रों को मारा वह कानून के खिलाफ था और इस बारे में राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं.