लखनऊ: स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ और मिलिट्री इन्टेलीजेन्स के ज्वाइंट ऑपरेशन में आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक अभियुक्त को सेना के कई फर्जी दस्तावेजों सहित धर दबोचा गया. आर्मी कैन्टीन में बिलिंग व चेकिंग स्टाफ असिस्टेट के पद पर नौकरी लगवाने व फर्जी डिपेन्डेन्ट आईडेनटिडी कार्ड बनवाने के नाम पर ठगी करने वाले अभियुक्त विक्रम सिंह सिकरवार उर्फ आदित्य उर्फ राजन को सेना के कई फर्जी दस्तावेजों सहित गिरफ्तार करने में मिलिट्री इंटेलिजेंस और एसटीएफ को सफलता मिली है.
स्पेशल टास्क फोर्स को आर्मी कैन्टीन में बिलिंग व चेकिंग स्टाफ असिस्टेट के पद पर नौकरी लगवाने व डिपेन्डेन्ट आईडेनटिडी कार्ड बनवाने के नाम पर (जिससे आर्मी एरिया के अन्दर प्रवेश करने वाले कार्ड) प्रतिबन्धित क्षेत्र में फोटो लेने, सोशल मीडिया में अपलोड करने और फौज के नाम पर अवैध वसूली की सूचना मिलिट्री इन्टेलीजेन्स इकाई लखनऊ से प्राप्त हो रही थी. इस सम्बन्ध में एसटीएफ फील्ड इकाई, आगरा इकाई को अभिसूचना संकलन कर एक्शन लेने के लिए निर्देशित किया गया था.
एसटीएफ फील्ड इकाई आगरा के अपर पुलिस अधीक्षक राकेश के नेतृत्व में नौ नवंबर को एसटीएफ आगरा की टीम आगरा के थाना सदरबाजार क्षेत्र में आपराधिक अभिसूचना संकलन के उद्देश्य से गश्त कर रही थी. इसी दौरान पता चला कि आर्मी कैन्टीन में बिलिंग व चेकिंग स्टाफ असिस्टेट के पद पर नौकरी लगवाने व डिपेन्डेन्ट आईडेनटिडी कार्ड बनवाने के नाम पर ठगी करने वाला व्यक्ति पीआर गेट ग्राण्ड होटल छावनी क्षेत्र में है. सूचना पर निरीक्षक यतीन्द्र शर्मा व हेड कांस्टेबल दिनेश गौतम, हेड कांस्टेबल अंकित गुप्ता, कांस्टेबल प्रदीप चौधरी, कॉन्स्टेबल हरपाल सिंह ने धावा बोल दिया.
एक व्यक्ति को घेराबन्दी कर पकड़ लिया गया, जिसने अपना नाम विक्रम सिंह उर्फ आदित्य बताया और उसके पास से कई अवैध दस्तावेज बरामद हुए. गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया कि मथुरा के थिरावली गांव का रहने वाला है. वर्तमान में पेटीएम साउण्ड बॉक्स स्टाल करने के काम के साथ-साथ लोगों से फौज में नौकरी लगवाने की ठगी करता है. सितम्बर 2024 में पवन सोनी, पुष्पेन्द्र सिंह, गोविन्द, राजाराम की आर्मी कैन्टीन में बिलिंग व चेकिंग स्टाफ असिस्टेट के पद पर नौकरी लगवाने व डिपेन्डेन्ट आईडेनटिडी कार्ड बनवाने के नाम पर 20 हजार रुपये की ठगी की थी.
इस काम में कुछ धन ऑनलाइन व नकद लिया था और कुछ के डिपेन्डेन्ट आईडेनटिडी कार्ड लेने के लिए इनको बुलाया था. फौजी हुलिया, पहनावा एवं फर्जी आर्मी आईडेनटिडी कार्ड के आधार पर मैं सेना के प्रतिबन्धित क्षेत्र में अन्दर गया था. मैंने पूर्व में सेना की भर्ती के लिए आगरा में टेस्ट दिया था. इसी दौरान भर्ती के नाम पर लड़कों से 2015 में ठगी की थी. सेना पुलिस ने पकड़ा था और जेल भी भेजा था. साल 2018 में जेल गया था. गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ थाना सदरबाजार आगरा में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
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