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अलीगढ़: डॉक्टर कफील की रिहाई की खबर से AMU में खुशी - डॉक्टर कफील की रिहाई

सीएए व एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए डॉक्टर कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने उन पर की जा रही एनएसए की कार्रवाई को अनुचित ठहराया है. इस पर एएमयू के छात्र नेताओं में खुशी की लहर है.

kafil khan get bail from allahabad high court
हाईकोर्ट ने उन पर की जा रही एनएसए की कार्रवाई को अनुचित ठहराया है.
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Published : Sep 1, 2020, 5:28 PM IST

अलीगढ़: इलाहाबाद हाईकोर्ट से डॉ. कफील खान की रिहाई के आदेश दिए हैं. उन पर सीएए व एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही थी. कोर्ट ने एनएसए की कार्रवाई को अनुचित मानते हुए कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इस पर एएमयू के छात्र नेताओं में खुशी का माहौल है.

मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत पर निलंबित हुए थे कफील
सीएए व एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डॉ. कफील के खिलाफ अलीगढ़ के थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद डॉ. कफील को गिरफ्तार कर मथुरा जेल में रखा गया. उनको जमानत मिलने के बावजूद सरकार की तरफ से डॉ. कफील पर एनएसए की कार्रवाई की गई. हाईकोर्ट की तरफ से दोनों पक्षों को सुनने के बाद डॉ. कफील के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई को अनुचित मानते हुए उन्हें रिहा करने के निर्देश दिये हैं. उनकी रिहाई की खबर से एएमयू के छात्र नेताओं में खुशी है. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ रहे डॉक्टर कफील उस समय चर्चा में आए थे. जब इंसेफलाइटिस बीमारी से बच्चों की मौत हो रही थी. उस समय मेडिकल कॉलेज से उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

डॉक्टर कफील की रिहाई से AMU में खुशी.

नए हौसलों के साथ सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ाई होगी
एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज सरकार की तानाशाही पर तमाचा मारा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर कफील खान को हाइकोर्ट ने आजाद कर दिया है. अब एक नए हौसलों के साथ सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी. उन्होंने कहा कि सीएए व एनआरसी के खिलाफ धरना करने पर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया था. अब कोर्ट ने अपना फैसला डॉ. कफील के हक में देकर सरकार की तानाशाही पर विराम लगा दिया है.

अलीगढ़: इलाहाबाद हाईकोर्ट से डॉ. कफील खान की रिहाई के आदेश दिए हैं. उन पर सीएए व एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही थी. कोर्ट ने एनएसए की कार्रवाई को अनुचित मानते हुए कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इस पर एएमयू के छात्र नेताओं में खुशी का माहौल है.

मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत पर निलंबित हुए थे कफील
सीएए व एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डॉ. कफील के खिलाफ अलीगढ़ के थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद डॉ. कफील को गिरफ्तार कर मथुरा जेल में रखा गया. उनको जमानत मिलने के बावजूद सरकार की तरफ से डॉ. कफील पर एनएसए की कार्रवाई की गई. हाईकोर्ट की तरफ से दोनों पक्षों को सुनने के बाद डॉ. कफील के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की कार्रवाई को अनुचित मानते हुए उन्हें रिहा करने के निर्देश दिये हैं. उनकी रिहाई की खबर से एएमयू के छात्र नेताओं में खुशी है. गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ रहे डॉक्टर कफील उस समय चर्चा में आए थे. जब इंसेफलाइटिस बीमारी से बच्चों की मौत हो रही थी. उस समय मेडिकल कॉलेज से उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

डॉक्टर कफील की रिहाई से AMU में खुशी.

नए हौसलों के साथ सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ाई होगी
एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज सरकार की तानाशाही पर तमाचा मारा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर कफील खान को हाइकोर्ट ने आजाद कर दिया है. अब एक नए हौसलों के साथ सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी. उन्होंने कहा कि सीएए व एनआरसी के खिलाफ धरना करने पर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया था. अब कोर्ट ने अपना फैसला डॉ. कफील के हक में देकर सरकार की तानाशाही पर विराम लगा दिया है.

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