अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में बीते दिनों विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा शोध छात्रा के साथ छेड़छाड़ व अश्लील हरकतें करने का मामला सामने आया था. घटना के बाद पीड़िता ने महिला थाना पुलिस को लिखित शिकायत दी थी. जिसके बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए छेड़छाड़ सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था. पीड़ित छात्रा का आरोप है कि एएमयू प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है. आरोपी प्रोफेसर पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पीड़िता ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर सीएम योगी और पीएम मोदी से न्याय की गुहार लगाई है. छात्रा ने कहा है कि अगर न्याय नहीं मिला तो सुसाइड कर लूंगी.
पीड़िता का कहना है कि उसका 2017 में AMU के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट में एडमिशन हुआ था. जिस प्रोफेसर के अंडर में एडमिशन हुआ था, उसका व्यवहार बहुत गंदा था वह गंदे कमेंट करता था. शुरुआत में प्रोफेसर का चेंबर के बाहर के साइड में था. लेकिन, जैसे ही उसका चेंबर अंदर शिफ्ट हुआ, प्रोफेसर की बदतमीजी बढ़ती चली गई. छात्रा कहना है कि उसने गंदे तरीके से टच करना शुरू कर दिया और अपने साथ बैठने के लिए फोर्स करता था.
जिसपर उसने मना किया तो प्रोफेसर उससे बुरे तरीके से चिढ़ गया और कहा कि अगर अब तुम मेरे साथ नहीं बैठी तो मैं तुम्हारी थीसिस जमा नहीं करुंगा. इस पर वह बहुत परेशान हो गई और प्रोफेसर के पास गई. प्रोफेसर से कहा कि, "सर मेरा थीसिस जमा कर दीजिए". इस पर प्रोफेसर ने थीसिस जमा करने से इंकार करते हुए कहा कि "चाहे जिससे बोलना है बोल दो, चाहे वाइस चांसलर से बोल दो या प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया से, किसी से भी बोलो मैं थीसिस नहीं जमा करूंगा".
छात्रा ने आगे कहा कि 'इसके बाद प्रोफेसर ने उसे बुरे तरीके से व्यवहार करते हुए भगा दिया. उसे नहीं समझ नहीं आ रहा था कि क्या करू. मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मैं मर जाऊंगी या मुझे नहीं पता कि सुबह देखूंगी या नहीं". इसके बाद एएमयू एडमिनिस्ट्रेशन को लेटर लिखा, उसमें अपने साथ हुई आपबीती उसमें लिख दी. लेकिन, वहां से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. 40 दिन से ऊपर हो चुके हैं, लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से तो कोई कार्रवाई नहीं हुई है. विश्वविद्यालय ने जो जांच कराई थी उसमें प्रोफेसj को क्लीन चिट दे दी गई है. इसका तो साफ मतलब है कि पूरा विश्वविद्यालय एडमिनिस्ट्रेशन उसको सपोर्ट कर रहा है'.
पीड़िता का आगे कहना है कि 'एक लड़की इधर-उधर पूरे में भाग रही है, लेकिन उसकी कोई बात सुनने के लिए तैयार नहीं है. वह आदमी ( प्रोफेसर) अभी तक अपने पदों पर ही है, उस को सस्पेंड तक भी नहीं किया गया है. अगर कहीं छोटी-छोटी जगहों पर भी ऐसी कोई वारदात होती है, तो उसके(आरोपी) खिलाफ कोई एक्शन लेता. यह एक कितनी बड़ी सेंट्रल यूनिवर्सिटी है, लेकिन यहां सब खामोशी से बैठे है. सरकार से यही विनती है कि इस आदमी को कड़ी से कड़ी सजा दे. पीएम मोदी और सीएम योगी से रिक्वेस्ट है कि प्लीज आप लोग मुझे इंसाफ दिलाएं. क्योंकि मेरे पास अब कोई और उम्मीद नहीं बची है, केवल सरकार के क्योंकि कोई सुनने के लिए तैयार ही नहीं है. अगर मुझे न्याय नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगी'.
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