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अंतिम संस्कार के नाम पर बंद होगी सेवादारों की मनमानी, तय किए गए रेट

आगरा जिले के ताजगंज श्मशान घाट पर शिकायत के बाद आखिरकार कमेटी ने चिता जलाने के रेट तय कर दिए हैं. यहां के सेवादार पर मनमाने ढंग से पैसा वसूलने का आरोप लगा था.

ताजगंद श्मशान घाट पर तय किए चिता जलाने के रेट
ताजगंद श्मशान घाट पर तय किए चिता जलाने के रेट
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Published : May 2, 2021, 8:20 AM IST

आगरा: जनपद में लगातार कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है. श्मशान घाट पर शवों के आने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन इस बीच इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. दरअसल यहां आने वाले लोगों का आरोप है कि दाह संस्कार के नाम पर सेवादार ज्यादा शुल्क वसूल रहे हैं.

शिकायत मिलने पर उठाए गए कदम

लोगों की शिकायत के बाद आखिरकार कमेटी ने यहां शुल्क तय कर दिए हैं. कमेटी की तरफ से लगाए गए पोस्टर में कहा गया है कि कोविड के शव को चिता तक पहुंचाने तक का शुल्क 1000 रुपये है. इसके अलावा चिता बनाने के अलग से 250 रुपये लगेंगे. लकड़ी पहुंचाने के लिए अलग से 50 रुपये प्रति चक्कर लगेंगे.

पढ़ें: लापता युवक चंबल से बरामद, पुलिस मामले की कई पहलुओं पर कर रही जांच

कोविड के शवों को नहीं छूते परिजन

क्षेत्र बजाजा कमेटी के अशोक गोयल ने बताया कि कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को परिवार वाले छूते तक नहीं. ऐसे में सेवादार जो कि क्षेत्र बजाजा के कर्मचारी नहीं है, उन शवों को उठा कर भट्टी या श्मशान तक पहुंचाते हैं. शिकायत मिल रही थी कि सेवादार मनमानी वसूली कर रहे है, इसलिए सेवादारों की एक रेट फिक्स की गई है.

आगरा: जनपद में लगातार कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है. श्मशान घाट पर शवों के आने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन इस बीच इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है. दरअसल यहां आने वाले लोगों का आरोप है कि दाह संस्कार के नाम पर सेवादार ज्यादा शुल्क वसूल रहे हैं.

शिकायत मिलने पर उठाए गए कदम

लोगों की शिकायत के बाद आखिरकार कमेटी ने यहां शुल्क तय कर दिए हैं. कमेटी की तरफ से लगाए गए पोस्टर में कहा गया है कि कोविड के शव को चिता तक पहुंचाने तक का शुल्क 1000 रुपये है. इसके अलावा चिता बनाने के अलग से 250 रुपये लगेंगे. लकड़ी पहुंचाने के लिए अलग से 50 रुपये प्रति चक्कर लगेंगे.

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कोविड के शवों को नहीं छूते परिजन

क्षेत्र बजाजा कमेटी के अशोक गोयल ने बताया कि कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को परिवार वाले छूते तक नहीं. ऐसे में सेवादार जो कि क्षेत्र बजाजा के कर्मचारी नहीं है, उन शवों को उठा कर भट्टी या श्मशान तक पहुंचाते हैं. शिकायत मिल रही थी कि सेवादार मनमानी वसूली कर रहे है, इसलिए सेवादारों की एक रेट फिक्स की गई है.

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