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भीषण गर्मी बच्चों के लिए है बीमारी की जड़, बचाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स

भीषण गर्मी और लू की वजह से मानव, पशु और पक्षी बेहाल हैं. यह बेतहाशा गर्मी बच्चों के लिए आफत बन गई है. इस भीषण गर्मी में बच्चे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, बुखार और डायरिया के शिकार हो रहे हैं. इसे लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. गर्मी में मासूम बच्चों की देखभाल कैसे करें, जाननें के लिए पढ़ें पूरी खबर..

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Published : May 18, 2022, 8:16 PM IST

आगरा : जिले में एक सप्ताह से तापमान 44 से 47 के आसपास है. भीषण गर्मी और लू की वजह से मानव, पशु और पक्षी बेहाल हैं. यह बेतहाशा गर्मी बच्चों के लिए आफत बन गई है. इस भीषण गर्मी में बच्चे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, बुखार और डायरिया के शिकार हो रहे हैं. इससे जिला अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी और बच्चा वार्ड में गर्मी से परेशान बच्चों की संख्या बढ़ी है. इसे लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. इसमें जनता से अपील की गई है गर्मी में मासूम बच्चों के खानपान का विशेष ख्याल रखें. उन्हें धूप में खेलने या निकलने न दें. डिहाइड्रेशन या डायरिया की शिकायत होने पर चिकित्सक से जरूर संपर्क करेंगे.

विशेषज्ञों की राय

ताजनगरी में भीषण गर्मी और हीट वेव के चलते बच्चों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. तापमान बढ़ने और लू के थपेड़े की वजह से जरा सी लापरवाही से मासूम बीमार हो रहे हैं. जुकाम, खांसी, बुखार, डिहाइड्रेशन और डायरिया की चपेट में आए बच्चे जिला अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग की ओपीडी में पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों की मानें तो एक सप्ताह से ओपीडी में उल्टी, दस्त, बुखार और डिहाइड्रेशन की चपेट में आए बच्चों की संख्या बढ़ रही हैं. ओपीडी में करीब 60 प्रतिशत बच्चे इन्हीं बीमारियों से पीड़ित हैं. इनमें से कई बच्चों की तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें भर्ती करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल की ओपीडी में अपनी बेटी का उपचार कराने आई सना ने बताया कि बच्ची को बुखार है. साथ में खांसी भी रही है. उसकी तबियत सर्द-गर्म की वजह से खराब हुई है. बेटी जब चाहे तब ठंडा पानी पी लेती है. इस वजह से इसकी तबियत खराब हुई है. वहीं, ओपीडी में बेटे का उपचार कराने आए राजेश ने बताया कि बेटे को भी 2 दिन से खांसी और बुखार है. इसलिए उसे आज दिखाने आया हूं. बेटे की तबियत गर्मी की वजह से खराब हुई है.

पढ़ेंः यूपी में सुबह कोरोना के 76 नए केस मिले, टेस्ट की संख्या घटी

जिला अस्पताल के वरिष्ठ शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि हमारी ओपीडी में बुखार, उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन के शिकार बच्चों की संख्या बढ़ी है. ओपीडी में हर दिन 60 फीसदी ऐसे बच्चे आ रहे हैं. गर्मी की वजह से बीमार हुए हैं. परामर्श और जांच कराने के साथ ही सभी बच्चों को दवा वितरण केंद्र से दी दवा देखकर उसे बच्चे को खिलाने की जानकारी देते हैं. इससे घर जाकर परिजन बच्चों को सही तरह से दवा की खुराक दें. वरिष्ठ शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गुरमीत सिंह ने बताया कि इस समय चिलचिलाती धूप में बच्चों को लेकर नहीं निकलें.

गर्मी में यूं रखे बच्चों का ख्याल

  • गर्मी में बच्चों को सूती और ढीले कपड़े पहनाएं.
  • गर्मी में बच्चों को धूप में बिल्कुल न लेकर जाएं.
  • गर्मी में बच्चों को सूती कपड़े की नैपी पहनाएं.
  • छह माह तक के शिशु को सिर्फ मां का स्तनपान कराएं.
  • बच्चों को ताजे और मौसमी फल ही खिलाएं.
  • बच्चों को मौसमी फलों का जूस भी पिलाएं.
  • बच्चों को दही, लस्सी और छाछ भी पिलाएं.
  • बच्चों को घर का ताजा बना खाना ही खिलाएं.
  • बच्चों को दलिया और खिचड़ी खिलाएं.
  • बच्चों को फास्ट फूड खिलाने से परहेज करें.

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आगरा : जिले में एक सप्ताह से तापमान 44 से 47 के आसपास है. भीषण गर्मी और लू की वजह से मानव, पशु और पक्षी बेहाल हैं. यह बेतहाशा गर्मी बच्चों के लिए आफत बन गई है. इस भीषण गर्मी में बच्चे हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, बुखार और डायरिया के शिकार हो रहे हैं. इससे जिला अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी और बच्चा वार्ड में गर्मी से परेशान बच्चों की संख्या बढ़ी है. इसे लेकर जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है. इसमें जनता से अपील की गई है गर्मी में मासूम बच्चों के खानपान का विशेष ख्याल रखें. उन्हें धूप में खेलने या निकलने न दें. डिहाइड्रेशन या डायरिया की शिकायत होने पर चिकित्सक से जरूर संपर्क करेंगे.

विशेषज्ञों की राय

ताजनगरी में भीषण गर्मी और हीट वेव के चलते बच्चों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. तापमान बढ़ने और लू के थपेड़े की वजह से जरा सी लापरवाही से मासूम बीमार हो रहे हैं. जुकाम, खांसी, बुखार, डिहाइड्रेशन और डायरिया की चपेट में आए बच्चे जिला अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग की ओपीडी में पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों की मानें तो एक सप्ताह से ओपीडी में उल्टी, दस्त, बुखार और डिहाइड्रेशन की चपेट में आए बच्चों की संख्या बढ़ रही हैं. ओपीडी में करीब 60 प्रतिशत बच्चे इन्हीं बीमारियों से पीड़ित हैं. इनमें से कई बच्चों की तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें भर्ती करना पड़ रहा है.

जिला अस्पताल की ओपीडी में अपनी बेटी का उपचार कराने आई सना ने बताया कि बच्ची को बुखार है. साथ में खांसी भी रही है. उसकी तबियत सर्द-गर्म की वजह से खराब हुई है. बेटी जब चाहे तब ठंडा पानी पी लेती है. इस वजह से इसकी तबियत खराब हुई है. वहीं, ओपीडी में बेटे का उपचार कराने आए राजेश ने बताया कि बेटे को भी 2 दिन से खांसी और बुखार है. इसलिए उसे आज दिखाने आया हूं. बेटे की तबियत गर्मी की वजह से खराब हुई है.

पढ़ेंः यूपी में सुबह कोरोना के 76 नए केस मिले, टेस्ट की संख्या घटी

जिला अस्पताल के वरिष्ठ शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि हमारी ओपीडी में बुखार, उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन के शिकार बच्चों की संख्या बढ़ी है. ओपीडी में हर दिन 60 फीसदी ऐसे बच्चे आ रहे हैं. गर्मी की वजह से बीमार हुए हैं. परामर्श और जांच कराने के साथ ही सभी बच्चों को दवा वितरण केंद्र से दी दवा देखकर उसे बच्चे को खिलाने की जानकारी देते हैं. इससे घर जाकर परिजन बच्चों को सही तरह से दवा की खुराक दें. वरिष्ठ शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गुरमीत सिंह ने बताया कि इस समय चिलचिलाती धूप में बच्चों को लेकर नहीं निकलें.

गर्मी में यूं रखे बच्चों का ख्याल

  • गर्मी में बच्चों को सूती और ढीले कपड़े पहनाएं.
  • गर्मी में बच्चों को धूप में बिल्कुल न लेकर जाएं.
  • गर्मी में बच्चों को सूती कपड़े की नैपी पहनाएं.
  • छह माह तक के शिशु को सिर्फ मां का स्तनपान कराएं.
  • बच्चों को ताजे और मौसमी फल ही खिलाएं.
  • बच्चों को मौसमी फलों का जूस भी पिलाएं.
  • बच्चों को दही, लस्सी और छाछ भी पिलाएं.
  • बच्चों को घर का ताजा बना खाना ही खिलाएं.
  • बच्चों को दलिया और खिचड़ी खिलाएं.
  • बच्चों को फास्ट फूड खिलाने से परहेज करें.

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