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सन्यास जीवन बुजुर्ग महिला ने अपने से छोटे प्रेमी बाबा से रचाई शादी

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Published : Jan 3, 2021, 10:49 PM IST

आगरा के तीर्थ बटेश्वर में एक बुजुर्ग सन्यासी दादी ने अपने से छोटे प्रेमी बाबा के साथ शादी रचाकर गृहस्थ जीवन को दोबारा से अपना लिया है.

तीर्थ बटेश्वर आगरा
तीर्थ बटेश्वर आगरा

आगराः लोग कहते हैं प्यार की कोई उम्र नहीं होती, चाहे वह आदमी का कोई भी पड़ाव हो. लोग प्यार में कुछ भी करने को तैयार होते हैं, चाहे फिर कुछ भी क्यों न करना पड़े.ऐसा ही तीर्थ बटेश्वर में देखने को मिला. रविवार को एक बुजुर्ग 55 वर्षीय सन्यासी दादी ने अपने से 10 वर्ष छोटे 45 वर्षीय प्रेमी बाबा से सन्यास त्याग कर दोबारा से शादी कर गृहस्थ जीवन बसा लिया है. बटेश्वर धाम के एक आश्रम में आश्रम में वरमाला डालकर सात फेरे लिए. 10 वर्ष छोटे प्रेमी ने बुजुर्ग महिला दादी की मांग में सिंदूर भर अपना जीवन साथी बनाया.

आगरा समाचार.
बाह क्षेत्र के एक गांव की 55 वर्षीय महिला दादी के पति की म़ृत्यु हो काफी वर्ष पूर्व हो चुकी थी. किसी तरह बच्चों का पालन-पोषण किया. बच्चे बड़े हो गए तो सभी की शादी शादी कर दी. लड़के-लड़कियां अपने जीवन में मस्त हो गए और मां की तरफ किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़कर सन्यास लिया. दादी ने करीब पांच माह पूर्व गृहस्थ जीवन को त्याग कर भगवा धारण कर संन्यास लेकर वह तीर्थ धाम बटेश्वर में भगवान की नगरी में समय बिताने लगी. कुछ दिनों पूर्व करीब 1 माह से अपने से 10 वर्षीय छोटे 45 वर्षीय सन्यासी बाबा से प्यार हो गया और प्यार परवान चढ़ता चला गया.
गवाह बने सन्यासी लोग
बुजुर्ग महिला एवं उसके प्रेमी के शादी के गवाह सन्यासी लोग बने. सन्यासी लोग तीर्थ धाम बटेश्वर में टीन सेड में रहते थे. यह सभी दादी और उनके प्रेमी के साथ उसी टिन शेड में रहते थे। दोनों की शादी की रस्मों के गवाह बने, लोगों में ऐसी शादी चर्चा का विषय बनी रही.

आगराः लोग कहते हैं प्यार की कोई उम्र नहीं होती, चाहे वह आदमी का कोई भी पड़ाव हो. लोग प्यार में कुछ भी करने को तैयार होते हैं, चाहे फिर कुछ भी क्यों न करना पड़े.ऐसा ही तीर्थ बटेश्वर में देखने को मिला. रविवार को एक बुजुर्ग 55 वर्षीय सन्यासी दादी ने अपने से 10 वर्ष छोटे 45 वर्षीय प्रेमी बाबा से सन्यास त्याग कर दोबारा से शादी कर गृहस्थ जीवन बसा लिया है. बटेश्वर धाम के एक आश्रम में आश्रम में वरमाला डालकर सात फेरे लिए. 10 वर्ष छोटे प्रेमी ने बुजुर्ग महिला दादी की मांग में सिंदूर भर अपना जीवन साथी बनाया.

आगरा समाचार.
बाह क्षेत्र के एक गांव की 55 वर्षीय महिला दादी के पति की म़ृत्यु हो काफी वर्ष पूर्व हो चुकी थी. किसी तरह बच्चों का पालन-पोषण किया. बच्चे बड़े हो गए तो सभी की शादी शादी कर दी. लड़के-लड़कियां अपने जीवन में मस्त हो गए और मां की तरफ किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते उन्होंने गृहस्थ जीवन छोड़कर सन्यास लिया. दादी ने करीब पांच माह पूर्व गृहस्थ जीवन को त्याग कर भगवा धारण कर संन्यास लेकर वह तीर्थ धाम बटेश्वर में भगवान की नगरी में समय बिताने लगी. कुछ दिनों पूर्व करीब 1 माह से अपने से 10 वर्षीय छोटे 45 वर्षीय सन्यासी बाबा से प्यार हो गया और प्यार परवान चढ़ता चला गया.
गवाह बने सन्यासी लोग
बुजुर्ग महिला एवं उसके प्रेमी के शादी के गवाह सन्यासी लोग बने. सन्यासी लोग तीर्थ धाम बटेश्वर में टीन सेड में रहते थे. यह सभी दादी और उनके प्रेमी के साथ उसी टिन शेड में रहते थे। दोनों की शादी की रस्मों के गवाह बने, लोगों में ऐसी शादी चर्चा का विषय बनी रही.
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