यरुशलम : इजरायल ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद- UNSC के उस आह्वान को खारिज कर दिया, जिसमें गाजा में चल रहे युद्ध में मानवीय सहायता के लिए विस्तारित विराम की मांग की गई थी. उसने कहा कि जब तक कि हमास ने बंधकों को बंदी बना रखा है लंबा युद्ध विराम संभव नहीं है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने इजरायली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियोर हयात के एक बयान के हवाले से कहा, "जब तक 239 अपहृत लोग हमास के हाथों में हैं, तब तक मानवीय सहायता के लिए विस्तारित युद्ध विराम संभव नहीं है."
बयान में सुरक्षा परिषद से इज़रायल पर 7 अक्टूबर के अभूतपूर्व हमले के लिए "हमास की स्पष्ट रूप से निंदा करने" का आह्वान किया गया. अधिकारियों के मुताबिक, बंधकों में इजरायली और विदेशी नागरिक शामिल हैं, जिन्हें आतंकवादी समूह ने बड़े पैमाने पर हमले के तुरंत बाद बंदी बना लिया था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बंधकों में करीब 30 बच्चे हैं. अब तक हमास द्वारा चार नागरिक बंधकों को रिहा किया गया है, जबकि एक महिला इजरायली सैनिक को इजरायली बलों ने बचाया है.
UNSC द्वारा बुधवार को प्रस्ताव अपनाने से एक दिन पहले हमास ने दावा किया था कि पकड़े गए सैनिकों में से एक इजरायली हवाई हमले में मारा गया है. समूह का आरोप है कि गाजा में लगातार हो रही बमबारी में अब तक कम से कम 57 बंधकों की मौत हो चुकी है. इस बीच, UNSC के प्रस्ताव में "पूरे गाजा पट्टी में तत्काल और विस्तारित मानवीय ठहराव और गलियारों" का आह्वान किया गया है ताकि घिरे फिलिस्तीनी क्षेत्र में नागरिकों तक तत्काल आवश्यक सहायता पहुंचाई जा सके. सुरक्षा परिषद द्वारा चल रहे इज़रायल-हमास युद्ध पर एक प्रस्ताव अपनाने का यह पांचवां प्रयास था. प्रस्ताव में हमास द्वारा बंधक बनाये गये लोगों की रिहाई की भी मांग की गयी है. रूस और ब्रिटेन भी अमेरिका के साथ उस प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहे, जिससे अन्य स्थायी सदस्यों फ्रांस और चीन सहित परिषद के अन्य 12 सदस्यों के समर्थन से इसे अपनाया जा सके.