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काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर 13 मई को होगी अगली सुनवाई - वाराणसी ताजा समाचार

काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर वाराणसी के जिला न्यायालय में अब 13 मई को सुनवाई होगी. सोमवार 26 अप्रैल को यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की ओर से दाखिल निगरानी याचिका पर कोर्ट में सुनवाई होनी थी, जिसे कोर्ट ने आज टाल दिया.

वाराणसी जिला न्यायालय
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Published : Apr 26, 2021, 8:38 PM IST

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर वाराणसी के जिला न्यायालय में सोमवार 26 अप्रैल को होने वाली सुनवाई टल गई है. सोमवार को ज्ञानवापी मामले में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की ओर से दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई होनी थी. अब इस याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 मई की नियत की गई है.

1991 में दायर किया गया था मुकदमा
इस मामले को लेकर वादी पक्ष की ओर से बात करते हुए अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में जो स्वयंभू विशेश्वर का मंदिर है इसके लिए वाद संख्या 610 सन् 1991 में दाखिल किया गया है और न्यायालय से यह निवेदन किया गया है कि यह घोषित कर दिया जाए कि जो विवादित स्थल है, वह स्वयंभू विशेश्वर के मंदिर का एक अंश है. हिंदुओं को इसमें पूजा-पाठ करने, मरम्मत करने, मंदिर का नवनिर्माण इत्यादि करने का अधिकार है.

उन्होंने यह भी बताया कि न्यायालय में यह वाद चल रहा है, लेकिन विपक्षियों द्वारा यह प्रश्न उठाया गया कि सिविल न्यायालय को इस बात की सुनवाई के लिए क्षेत्राधिकार नहीं है, इसलिए सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट वाराणसी में उनके द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था. इस पर दोनों पक्षों की सुनवाई हुई. सुनवाई के पश्चात उनका प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया था. उस आदेश से क्षुब्ध होकर उन्होंने जनपद न्यायाधीश वाराणसी के समक्ष दो सिविल रिवीजन फाइल किए हैं.

इसे भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति ने दायर की याचिका, रखी बड़ी मांग

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर वाराणसी के जिला न्यायालय में सोमवार 26 अप्रैल को होने वाली सुनवाई टल गई है. सोमवार को ज्ञानवापी मामले में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की ओर से दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई होनी थी. अब इस याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 मई की नियत की गई है.

1991 में दायर किया गया था मुकदमा
इस मामले को लेकर वादी पक्ष की ओर से बात करते हुए अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में जो स्वयंभू विशेश्वर का मंदिर है इसके लिए वाद संख्या 610 सन् 1991 में दाखिल किया गया है और न्यायालय से यह निवेदन किया गया है कि यह घोषित कर दिया जाए कि जो विवादित स्थल है, वह स्वयंभू विशेश्वर के मंदिर का एक अंश है. हिंदुओं को इसमें पूजा-पाठ करने, मरम्मत करने, मंदिर का नवनिर्माण इत्यादि करने का अधिकार है.

उन्होंने यह भी बताया कि न्यायालय में यह वाद चल रहा है, लेकिन विपक्षियों द्वारा यह प्रश्न उठाया गया कि सिविल न्यायालय को इस बात की सुनवाई के लिए क्षेत्राधिकार नहीं है, इसलिए सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट वाराणसी में उनके द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था. इस पर दोनों पक्षों की सुनवाई हुई. सुनवाई के पश्चात उनका प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया था. उस आदेश से क्षुब्ध होकर उन्होंने जनपद न्यायाधीश वाराणसी के समक्ष दो सिविल रिवीजन फाइल किए हैं.

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