ETV Bharat / city

काशी के विजय ने Commonwealth Games में जीता ब्रोंज मेडल, मां-बाप ने कही दिल को छू लेने वाली बात - judo player Vijay Kumar Yadav

वाराणसी के विजय कुमार यादव ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के जूडो गेम में ब्राेंज मेडल जीता. इसके बाद पूर्वांचल समेत पूरे देश से विजय को बधाई दी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विजय को उनकी जीत पर शुभकामनाएं दीं. विजय के गांव में जश्न का मौहाल है.

etv bharat
विजय कुमार ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जीता ब्रोंज मेडल
author img

By

Published : Aug 2, 2022, 1:13 PM IST

Updated : Aug 2, 2022, 2:14 PM IST

वाराणसी: जिले के हरहुआ के सुलेमानपुर निवासी विजय कुमार यादव ने सोमवार को इतिहास रच दिया. उन्होंने बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) की जूडो प्रतियोगिता के 60 किग्रा वर्ग में ब्रोंज मेडल जीत लिया. विजय ने कामनवेल्थ गेम्स 2022 के चौथे दिन देश को आठवां मेडल दिलाया. उन्होंने साइप्रस के पेट्रोस क्रिस्टोडोलू को हराकर ये तमगा हासिल किया. विजय की इस जीत से वाराणसी समेत पूरे देश में जश्न का मौहाल है. विजय के इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जीत की बधाई दी. वहीं विजय के माता-पिता ने इसका पूरा श्रेय विजय की मेहनत और उनकी खेल के प्रति उनके लग्न को दिया.

etv bharat
विजय कुमार यादव के पिता दशरथ यादव

बता दें कि विजय का ये पहला कामनवेल्थ गेम्स है. विजय की जीत के बाद उनके गांव सुलेमानपुर, मौहरिया हरहुआ में परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. 30 साल के विजय ने कॉलेज में आने के बाद जूडो की शुरुआत की थी. विजय ने इससे पहले कामनवेल्थ चैंपियनशिप 2018 गोल्ड मेडल, एशियन चैंपियनशिप 2017 गोल्ड मेडल, एशियन चैंपियनशिप 2018 गोल्ड मेडल जीता है.

ये भी पढ़ें- नशा देकर महिला मित्र की बनाई न्यूड वीडियो क्लिप, दोबारा मिलने न आने पर कर दी वायरल

erv bharat
कॉमनवेल्थ गेम्स में टीवी पर बेटे को खेलते देखते विजय कुमार यादव के माता-पिता

पहली बार पूर्वांचल के किसी खिलाड़ी ने जीता कॉमनवेल्ड गेम्स में मेडलः गौरतलब है कि विजय के पिता दशरथ यादव खराद का काम करते है. स्थानीय लोगों के अनुसार उनकी इतनी आमदनी नहीं थी कि वह बेटे को अच्छी खुराक दे सके. अपनी खुराक पूरी करने के लिए विजय भारतीय खेल प्राधिकरण सेंटर लखनऊ चले गए. यूपी जूडो संघ के सचिव मुनव्वर अंजार ने बताया कि पूर्वांचल के इतिहास में अभी तक जूडो का कोई खिलाड़ी कामनवेल्थ गेम्स तक नहीं पहुंचा था. बनारस में जूडो की 27 साल पहले बुनियाद रखने वाले सिगरा स्टेडियम में अंशकालिक प्रशिक्षक लाल कुमार ने बताया कि जिले में 50 खिलाड़ी हैं. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काशी का मान बढ़ाया है. कामनवेल्थ में पहली बार 1990 में जूडो को शामिल किया गया था. अब तक किसी भी खिलाड़ी ने स्वर्ण पदक नहीं जीता है. लेकिन विजय ने कमाल कर दिया. उम्मीद है कि वो अगली बार स्वर्ण पदक लेकर लौटेगा.

देश के सभी खिलाड़ियों को मेरी शुभकामनाएंः विजय के जीत के बाद पिता दशरथ यादव ने बताया कि परिवार में जश्न का माहौल है और लोग एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं. पिता दशरथ ने विजय जीत को लेकर कहा कि इस सफलता के पीछे विजय कुमार की मेहनत एवं गुरु के प्रशिक्षण है. मेरी बस यही दुआ है कि वो और अच्छा खेले और ऐसे ही देश का नाम रौशन करें. इस दौरान उन्होंने देश सभी खिलाड़ियों को अच्छा खेलने के लिए शुभकामनाएं दी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: जिले के हरहुआ के सुलेमानपुर निवासी विजय कुमार यादव ने सोमवार को इतिहास रच दिया. उन्होंने बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Commonwealth Games 2022) की जूडो प्रतियोगिता के 60 किग्रा वर्ग में ब्रोंज मेडल जीत लिया. विजय ने कामनवेल्थ गेम्स 2022 के चौथे दिन देश को आठवां मेडल दिलाया. उन्होंने साइप्रस के पेट्रोस क्रिस्टोडोलू को हराकर ये तमगा हासिल किया. विजय की इस जीत से वाराणसी समेत पूरे देश में जश्न का मौहाल है. विजय के इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें जीत की बधाई दी. वहीं विजय के माता-पिता ने इसका पूरा श्रेय विजय की मेहनत और उनकी खेल के प्रति उनके लग्न को दिया.

etv bharat
विजय कुमार यादव के पिता दशरथ यादव

बता दें कि विजय का ये पहला कामनवेल्थ गेम्स है. विजय की जीत के बाद उनके गांव सुलेमानपुर, मौहरिया हरहुआ में परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. 30 साल के विजय ने कॉलेज में आने के बाद जूडो की शुरुआत की थी. विजय ने इससे पहले कामनवेल्थ चैंपियनशिप 2018 गोल्ड मेडल, एशियन चैंपियनशिप 2017 गोल्ड मेडल, एशियन चैंपियनशिप 2018 गोल्ड मेडल जीता है.

ये भी पढ़ें- नशा देकर महिला मित्र की बनाई न्यूड वीडियो क्लिप, दोबारा मिलने न आने पर कर दी वायरल

erv bharat
कॉमनवेल्थ गेम्स में टीवी पर बेटे को खेलते देखते विजय कुमार यादव के माता-पिता

पहली बार पूर्वांचल के किसी खिलाड़ी ने जीता कॉमनवेल्ड गेम्स में मेडलः गौरतलब है कि विजय के पिता दशरथ यादव खराद का काम करते है. स्थानीय लोगों के अनुसार उनकी इतनी आमदनी नहीं थी कि वह बेटे को अच्छी खुराक दे सके. अपनी खुराक पूरी करने के लिए विजय भारतीय खेल प्राधिकरण सेंटर लखनऊ चले गए. यूपी जूडो संघ के सचिव मुनव्वर अंजार ने बताया कि पूर्वांचल के इतिहास में अभी तक जूडो का कोई खिलाड़ी कामनवेल्थ गेम्स तक नहीं पहुंचा था. बनारस में जूडो की 27 साल पहले बुनियाद रखने वाले सिगरा स्टेडियम में अंशकालिक प्रशिक्षक लाल कुमार ने बताया कि जिले में 50 खिलाड़ी हैं. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काशी का मान बढ़ाया है. कामनवेल्थ में पहली बार 1990 में जूडो को शामिल किया गया था. अब तक किसी भी खिलाड़ी ने स्वर्ण पदक नहीं जीता है. लेकिन विजय ने कमाल कर दिया. उम्मीद है कि वो अगली बार स्वर्ण पदक लेकर लौटेगा.

देश के सभी खिलाड़ियों को मेरी शुभकामनाएंः विजय के जीत के बाद पिता दशरथ यादव ने बताया कि परिवार में जश्न का माहौल है और लोग एक-दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं. पिता दशरथ ने विजय जीत को लेकर कहा कि इस सफलता के पीछे विजय कुमार की मेहनत एवं गुरु के प्रशिक्षण है. मेरी बस यही दुआ है कि वो और अच्छा खेले और ऐसे ही देश का नाम रौशन करें. इस दौरान उन्होंने देश सभी खिलाड़ियों को अच्छा खेलने के लिए शुभकामनाएं दी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Aug 2, 2022, 2:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.