वाराणसी: इन दिनों मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भारत दौरे पर हैं. वाराणसी में तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रविंद जगन्नाथ ने आज अपने पिता की अस्थियों का विसर्जन करने के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया. तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन यानी शुक्रवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री होटल ताज में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे. इस मौके पर उन्हें तोहफा देने के लिए बनारस के बुनकर और स्टोन कारीगरों ने खास तोहफे तैयार किए हैं जो सीएम योगी की तरफ से उन्हें भेंट किए जाएंगे.
वाराणसी में अपने दौरे के दूसरे दिन मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने पहले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत पूजा की है. षोडशोपचार विधि से मंदिर के मुख्य पुजारियों के ने उनको विशेष अनुष्ठान संपन्न कराया गया है. इसके बाद कमिश्नर दीपक अग्रवाल और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के साथ उन्होंने विश्वनाथ धाम का निरीक्षण करके इसकी भव्यता को देख कर खुशी जाहिर की और प्रधानमंत्री मोदी को इसका श्रेय दिया. इस दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने विश्वनाथ धाम परिसर में विशेष 3D फोटो गैलरी का भी अवलोकन किया. उन्हें कमिश्नर दीपक अग्रवाल की तरफ से स्मृति चिह्न और बाबा विश्वनाथ के प्रसाद के साथ विशेष उपहार भी दिया गया.
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वहीं, मॉरिशस के प्रधानमंत्री को सीएम योगी द्वारा भेंट देने के लिए बनारस में दो खास तोहफे तैयार किए गए हैं. इस बारे में पद्मश्री सम्मानित जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनी कांत ने बताया कि उनके आगमन कि जानकारी मिलते ही दिशा निर्देश के अनुसार रामनगर निवासी स्टेट अवॉर्डी बच्चा लाल मौर्या शिल्पी की टीम विशेष स्टोन जाली क्राफ्ट में बनाने मे जुट गई. बुनकरों ने जाली क्राफ्ट से मॉरिशस का राष्ट्रीय पक्षी डोडो (Dodo, the national bird of Mauritius) और उसके अंदर भी जाली काट कर डोडो बनाया गया है. इसे बनाने में 8 दिन का समय लगा है. इसमें ऊपर से नक्काशी की गई है. केसरिया रंग के बॉक्स में इसे पैक किया गया है.
इसी प्रकार जमालुद्दीन अंसारी और शादाब आलम द्वारा बनारस अंगवस्त्र पर जरदोजी विधि से मॉरिशस और भारत के झंडे को बनाकर उसपर दोनों देशों के नाम लिखकर झालर के साथ तैयार किया गया है. यह सभी लोग जीआई के आधिकृत यूजर भी हैं. मॉरिशस के राष्ट्रीय पक्षी क्राफ्ट से काशी के शिल्पी लोगों के लिए व्यापर का एक नया मार्ग खुलेगा और अन्य जीआई क्राफ्ट भी यहां से मॉरिशस और वहां के व्यापारी वर्ग द्वारा अन्य देश मे पहुंचेगा. डॉ. रजनीकांत ने बताया कि मॉरिशस मे रहने वाले भोजपुरी समाज में यहां के पूजा पात्र के साथ ही रेशम के वस्त्र और आभूषण, साड़ी की मांग रहती है. लकड़ी के खिलौने भी यहां अपनी पकड़ वहां बनाये हुए हैं.
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