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लखनऊ में डेंगू का बढ़ा प्रकोप, फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कागजों तक सीमित

अगस्त में डेंगू मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है. इस माह में 28 डेंगू मरीज मिले हैं. जबकि, अन्य माह में यह संख्या 10 से 15 के बीच रही. टीम के जरिए कंटेनमेंट जोन में फॉगिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव पूरी तरह से शिथिल पड़ा है.

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लखनऊ में डेंगू का प्रकोप
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Published : Aug 29, 2022, 8:44 AM IST

लखनऊ: राजधानी में डेंगू मरीजों का आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. इस माह अलग-अलग इलाकों से डेंगू के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं टूट रही है. कंटेनमेंट जोन में सिर्फ कागजों पर खानापूर्ति हो रही है. आरोप है कि पुराने कंटेनमेंट जोन में टीम के जरिए फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव सिर्फ कागजों तक ही सीमित है. अफसरों का कहना है कि जिन जगह से केस मिल रहे हैं, वहां पर कार्रवाई कराई जा रही है.

अगस्त में डेंगू मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है. इस माह में 28 डेंगू मरीज मिले हैं. जबकि, अन्य माह में यह संख्या 10 से 15 के बीच रही. डेंगू के लिहाज से बेहद संवेदनशील इलाके खदरा, फैजुल्लागंज, त्रिवेणीनगर, केशवनगर, तेलीबाग, आशियाना और आलमबाग, ठाकुरगंज इलाके के कंटेनमेंट जोन में खानापूर्ति हो रही है. टीम के जरिए कंटेनमेंट जोन में फॉगिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव पूरी तरह से शिथिल पड़ा है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक, पुराने कंटेनमेंट जोन में टीमें जा रही हैं. दवाओं के छिड़काव के साथ फॉगिंग भी कराई जा रही है.

इसे भी पढ़े-यूपी ने पार किया कोविड बूस्टर डोज के 2 करोड़ से अधिक का आंकड़ा

शहर के निजी लैब-अस्पतालों में मरीजों के कार्ड टेस्ट पर डेंगू की पुष्टि कर रिपोर्ट थमाई जा रही है. मरीजों की एलाइजा जांच तक नहीं कराई जा रही है. निजी अस्पताल कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही मरीजों को भर्ती कर इलाज कर रहे हैं. कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट सीएमओ ऑफिस तक नहीं जा रही है. इससे डेंगू मरीजों का सही आंकड़ा भी विभाग के पास नहीं पहुंच रहा है. डिप्टी सीएमओ डॉ. संदीप के मुताबिक, सभी निजी लैब-अस्पताल को ईमेल भेज दिया गया है. यदि डेंगू का कोई केस आता है तो इसकी सूचना तुरंत सीएमओ कार्यालय को भेजी जाएगी. इसमें लापरवाही करने वाली लैब-अस्पताल पर भी कार्रवाई होगी.

यह भी पढ़े-कोरोना और मंकीपॉक्स के बाद डेंगू भी दे रहा लखनऊ में दस्तक

लखनऊ: राजधानी में डेंगू मरीजों का आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. इस माह अलग-अलग इलाकों से डेंगू के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं टूट रही है. कंटेनमेंट जोन में सिर्फ कागजों पर खानापूर्ति हो रही है. आरोप है कि पुराने कंटेनमेंट जोन में टीम के जरिए फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव सिर्फ कागजों तक ही सीमित है. अफसरों का कहना है कि जिन जगह से केस मिल रहे हैं, वहां पर कार्रवाई कराई जा रही है.

अगस्त में डेंगू मरीजों का आंकड़ा बढ़ा है. इस माह में 28 डेंगू मरीज मिले हैं. जबकि, अन्य माह में यह संख्या 10 से 15 के बीच रही. डेंगू के लिहाज से बेहद संवेदनशील इलाके खदरा, फैजुल्लागंज, त्रिवेणीनगर, केशवनगर, तेलीबाग, आशियाना और आलमबाग, ठाकुरगंज इलाके के कंटेनमेंट जोन में खानापूर्ति हो रही है. टीम के जरिए कंटेनमेंट जोन में फॉगिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव पूरी तरह से शिथिल पड़ा है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक, पुराने कंटेनमेंट जोन में टीमें जा रही हैं. दवाओं के छिड़काव के साथ फॉगिंग भी कराई जा रही है.

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शहर के निजी लैब-अस्पतालों में मरीजों के कार्ड टेस्ट पर डेंगू की पुष्टि कर रिपोर्ट थमाई जा रही है. मरीजों की एलाइजा जांच तक नहीं कराई जा रही है. निजी अस्पताल कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर ही मरीजों को भर्ती कर इलाज कर रहे हैं. कार्ड टेस्ट की रिपोर्ट सीएमओ ऑफिस तक नहीं जा रही है. इससे डेंगू मरीजों का सही आंकड़ा भी विभाग के पास नहीं पहुंच रहा है. डिप्टी सीएमओ डॉ. संदीप के मुताबिक, सभी निजी लैब-अस्पताल को ईमेल भेज दिया गया है. यदि डेंगू का कोई केस आता है तो इसकी सूचना तुरंत सीएमओ कार्यालय को भेजी जाएगी. इसमें लापरवाही करने वाली लैब-अस्पताल पर भी कार्रवाई होगी.

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