लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में गैंगरेप के बाद जिंदा जलाई गई किशोरी की 12 दिन संघर्ष करने के बाद मौत हो गई. लखनऊ के अस्पताल में किशोरी की इलाज के दौरान मौत हुई है. घटना के बाद परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
माधोटांडा थाना क्षेत्र की रहने वाली एक किशोरी 7 सितंबर को जिला अस्पताल में भर्ती कराई गई थी. 10 सितंबर को किशोरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसमें किशोरी ने गांव के ही रहने वाले दो आरोपियों पर गैंगरेप करने और जिंदा जलाने का आरोप लगाया था. मामले में पुलिस ने पिता की तहरीर पर दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था. बता दें कि 11 सितंबर को किशोरी को जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने हालत नाजुक होने पर लखनऊ रेफर कर दिया था. लखनऊ के अस्पताल में किशोरी की सोमवार को सुबह करीब 3 बजे इलाज के दौरान मौत हो गई.
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फिलहाल घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए गांव में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. किशोरी की मौत के बाद परिजनों का हाल बेहाल हो गया है. परिजन किशोरी का शव लेकर पैतृक गांव गए हैं और वहीं उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
गांव पहुंचा किशोरी का शव, 50 लाख मुआवजे की मांग
किशोरी का शव देर शाम गांव पहुंच गया. इस दौरान भारी फोर्स तैनात रहा. सीओ और एसडीएम समेत कई थानों की फोर्स मौजूद रही. वहीं, बसपा नेताओं ने भी गांव में डेरा डाल दिया. वहीं, पीड़िता के परिजनों ने खुद की सुरक्षा के लिए गुहार लगाई है. गांव में शव के अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं है. परिजनों ने 50 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है. सीओ व एसडीएम परिजनों को मानने में जुटे हुए हैं.
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