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तंजील के हत्यारे साइको किलर मुनीर की कहानी, जो बनना चाहता था किलर मशीन

गिरफ्तार होने के बाद मुनीर ने बताया था कि वो किलिंग मशीन बनना चाहता था. इसके लिए उसे हाईटेक हथियार खरीदने थे. खासकर एके 47 लेनी थी. इसीलिए उसने बिजनौर में कई लूट की घटनाओं को अंजाम दिया था.

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Published : May 21, 2022, 10:38 PM IST

साइको किलर मुनीर
साइको किलर मुनीर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में NIA के DSP तंजील अहमद हत्याकांड में दोषी मुनीर और रेयान को बिजनौर कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है. बिजनौर में दो अप्रैल 2016 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी में डिप्टी एसपी रहे तंजील अहमद व उनकी पत्नी को हत्यारों ने गोलियाें से छलनी कर दिया था. साइको किलर के नाम से चर्चित मुनीर ने तंजील की हत्या करने के लिए लखनऊ में नींव रखी थी. यहीं से उसने बाइक और मोटरसाइकिल का जुगाड़ किया था.

पिस्टल व बाइक लूटने के लिए कर दिया सीना छलनी: लखनऊ में 18 नवंबर 2015 को शहर के एक बड़े होटल मैनेजर नमन की शहीद पथ पर हत्या हो गयी थी. मौके पर उसकी बाइक भी लापता थी. नमन की हत्या के महज 7 दिन बाद 25 नवंबर को गोमतीनगर के जुगौली रेलवे क्रासिंग के पास जज के गनर को गोली मार कर उसकी पिस्टल छीन ली गयी. वैसे तो ये दोनों ही सनसनीखेज घटनाएं एक दूसरे से बिल्कुल अलग लग रही थीं, लेकिन जब मुनीर पकड़ा गया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. मुनीर को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया तो पता चला कि नमन की बाइक लूटने के लिए उसने उसकी हत्या की थी. वहीं पिस्टल के लिए गनर को गोली मार दी.

28 जून 2016 को मुठभेड़ में गिरफ्तार हुए मुनीर ने यूपी एसटीएफ की पूछताछ में बताया था कि NIA के डिप्टी एसपी रहे तंजील अहमद उसके कामकाज पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रहा था. मुनीर से उसके साथियों ने बताया था कि दिल्ली के कमलानगर में 1.5 करोड़ रुपये की बैंक लूट के बाद आशुतोष को तंजील अहमद ने ही मुखबिरी करके पकड़वाया था. यही नहीं अब तंजील उसे भी गिरफ्तार करने की फिराक में है. मुनीर ने बताया कि इसके बाद मैंने तंजील अहमद से बात की तो उसने कहा कि जरूर तुम कोई गलत काम कर रहे हो. तभी मैंने उसे ठिकाने लगाने की ठान ली थी.

मुनीर ने बताया था कि कई बार तंजील की हत्या का प्रयास भी किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. दो अप्रैल 2016 को पता चला कि तंजील अपने रिश्तेदार की शादी में गांव आने वाला है. इसके बाद मैंने शादी से लौटने के दौरान रेयान के साथ मिलकर तंजील अहमद की हत्या कर दी. जिसमें उनकी पत्‍‌नी फरजाना भी घायल हो गयी थी और बाद में उसकी भी मौत हो गयी.

आशुतोष ने कराई जरायम की दुनिया में एंट्रीः साइको किलर मुनीर का लंबा आपराधिक रिकार्ड रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में पढ़ाई के दौरान वह आपराधिक प्रवृत्ति के छात्रों के सम्पर्क में आया. इस दौरान उसकी मुलाकात अपराधी आशुतोष मिश्रा से हुई. इसी मुलाकात ने मुनीर की एंट्री जरायम की दुनिया में करा दी. आशुतोष मिश्रा का यूनिवर्सिटी के आलमगीर से विवाद चल रहा था. एक झगड़े में आशुतोष को काफी चोट आई थी, जिसका उसने आलमगीर के साथी कादिर पर हमला करके बदला भी लिया था. आशुतोष अलीगढ़ के कुख्यात अपराधी हरेन्द्र सिंह के संपर्क में था. हरेंद्र के कहने पर मुनीर ने आशुतोष के साथ मिलकर अलीगढ़ के एक व्यापारी की हत्या की थी. इसके अलावा रामघाट रोड पर पीडब्लूडी ठेकेदार मनदीप को गोली मार कर उसकी लाइसेंसी रिवाल्वर छीनी थी.

इस घटना के बाद मुनीर ने एक अन्य अपराधी सऊद के साथ मिलकर लाइसेंसी रिवाल्वर लूटी थी. इसके बाद मुनीर और आशुतोष ने कुछ बड़ा करने की योजना बनाई और साल 2014 में इंडसइंड बैंक के कर्मचारी वरूण की मुखबिरी पर दोनों ने थाना क्षेत्र बन्नादेवी से Atm गार्ड को गोली मारकर करीब 34 लाख लूट लिये. इसमें 15 लाख रुपये वरूण को मिले, बाकी पैसा उन्होंने हाथरस निवासी दीपू ठाकुर को रखने के लिए दिया, लेकिन वह पैसे लेकर गायब हो गया. एक महीने बाद उन्होंने रेलवे रोड पीएनबी के सामने से बैंक कर्मचारी से कैश वैन से 31 लाख रुपये लूटे. इसके बाद मुनीर और आशुतोष दिल्ली में रहने लगे. 29 नवंबर 2014 को कमलानगर से कैश वैन के कर्मचारियों द्वारा एटीएम में पैसा डालने के दौरान गार्ड की हत्या करके कैश से भरा सूटकेस लूट लिया. जिसमें 1.5 करोड़ रुपये थे.

मुनीर ने बताया था कि दिल्ली में कैश वैन लूटने के बाद वो लखनऊ चला गया और लूटा हुआ पैसा अपने मामा के लड़के साकिब के माध्यम से सहसपुर निवासी रिजवान को दे दिया गया. जिसने एक प्लॉट मेरे लिये खरीदा. इसके बाद मुनीर ने सऊद के साथ अपराध करना शुरू कर दिया. इसके बाद उसने अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के पीछे जनता होटल के पास सिपाही सुरेश बाबू को गोली मारकर उसकी सरकारी पिस्टल लूटी. जिसमें मुनीर के हाथ में गोली भी लग गयी थी. यह पिस्टल उसने अपने साथी फहद व जुबैर के भाई सद्दाम को दी. बाद में जब सद्दाम से पिस्टल मांगने गया तो उसने देने से इंकार कर दिया. गुस्से में आकर मुनीर ने उसकी भी हत्या कर दी.

ये भी पढ़ें : जाली नोट का सौदा करने के नाम पर लूट करने वाले दो गिरफ्तार

बनना चाहता था किलिंग मशीन : गिरफ्तार होने के बाद मुनीर ने बताया था कि वो किलिंग मशीन बनना चाहता था. इसके लिए उसे हाईटेक हथियार खरीदने थे. खासकर एके 47 लेनी थी. इसीलिए उसने बिजनौर में कई लूट की घटनाओं को अंजाम दिया था. उसने हथियार खरीदने के लिए कुछ पैसे एडवांस भी दे दिए थे, लेकिन तंजील अहमद को इस बात की सूचना लग गयी. जिससे वो उसके पीछे हाथ धो कर पड़ गए थे.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में NIA के DSP तंजील अहमद हत्याकांड में दोषी मुनीर और रेयान को बिजनौर कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी है. बिजनौर में दो अप्रैल 2016 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी में डिप्टी एसपी रहे तंजील अहमद व उनकी पत्नी को हत्यारों ने गोलियाें से छलनी कर दिया था. साइको किलर के नाम से चर्चित मुनीर ने तंजील की हत्या करने के लिए लखनऊ में नींव रखी थी. यहीं से उसने बाइक और मोटरसाइकिल का जुगाड़ किया था.

पिस्टल व बाइक लूटने के लिए कर दिया सीना छलनी: लखनऊ में 18 नवंबर 2015 को शहर के एक बड़े होटल मैनेजर नमन की शहीद पथ पर हत्या हो गयी थी. मौके पर उसकी बाइक भी लापता थी. नमन की हत्या के महज 7 दिन बाद 25 नवंबर को गोमतीनगर के जुगौली रेलवे क्रासिंग के पास जज के गनर को गोली मार कर उसकी पिस्टल छीन ली गयी. वैसे तो ये दोनों ही सनसनीखेज घटनाएं एक दूसरे से बिल्कुल अलग लग रही थीं, लेकिन जब मुनीर पकड़ा गया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. मुनीर को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया तो पता चला कि नमन की बाइक लूटने के लिए उसने उसकी हत्या की थी. वहीं पिस्टल के लिए गनर को गोली मार दी.

28 जून 2016 को मुठभेड़ में गिरफ्तार हुए मुनीर ने यूपी एसटीएफ की पूछताछ में बताया था कि NIA के डिप्टी एसपी रहे तंजील अहमद उसके कामकाज पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रहा था. मुनीर से उसके साथियों ने बताया था कि दिल्ली के कमलानगर में 1.5 करोड़ रुपये की बैंक लूट के बाद आशुतोष को तंजील अहमद ने ही मुखबिरी करके पकड़वाया था. यही नहीं अब तंजील उसे भी गिरफ्तार करने की फिराक में है. मुनीर ने बताया कि इसके बाद मैंने तंजील अहमद से बात की तो उसने कहा कि जरूर तुम कोई गलत काम कर रहे हो. तभी मैंने उसे ठिकाने लगाने की ठान ली थी.

मुनीर ने बताया था कि कई बार तंजील की हत्या का प्रयास भी किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. दो अप्रैल 2016 को पता चला कि तंजील अपने रिश्तेदार की शादी में गांव आने वाला है. इसके बाद मैंने शादी से लौटने के दौरान रेयान के साथ मिलकर तंजील अहमद की हत्या कर दी. जिसमें उनकी पत्‍‌नी फरजाना भी घायल हो गयी थी और बाद में उसकी भी मौत हो गयी.

आशुतोष ने कराई जरायम की दुनिया में एंट्रीः साइको किलर मुनीर का लंबा आपराधिक रिकार्ड रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में पढ़ाई के दौरान वह आपराधिक प्रवृत्ति के छात्रों के सम्पर्क में आया. इस दौरान उसकी मुलाकात अपराधी आशुतोष मिश्रा से हुई. इसी मुलाकात ने मुनीर की एंट्री जरायम की दुनिया में करा दी. आशुतोष मिश्रा का यूनिवर्सिटी के आलमगीर से विवाद चल रहा था. एक झगड़े में आशुतोष को काफी चोट आई थी, जिसका उसने आलमगीर के साथी कादिर पर हमला करके बदला भी लिया था. आशुतोष अलीगढ़ के कुख्यात अपराधी हरेन्द्र सिंह के संपर्क में था. हरेंद्र के कहने पर मुनीर ने आशुतोष के साथ मिलकर अलीगढ़ के एक व्यापारी की हत्या की थी. इसके अलावा रामघाट रोड पर पीडब्लूडी ठेकेदार मनदीप को गोली मार कर उसकी लाइसेंसी रिवाल्वर छीनी थी.

इस घटना के बाद मुनीर ने एक अन्य अपराधी सऊद के साथ मिलकर लाइसेंसी रिवाल्वर लूटी थी. इसके बाद मुनीर और आशुतोष ने कुछ बड़ा करने की योजना बनाई और साल 2014 में इंडसइंड बैंक के कर्मचारी वरूण की मुखबिरी पर दोनों ने थाना क्षेत्र बन्नादेवी से Atm गार्ड को गोली मारकर करीब 34 लाख लूट लिये. इसमें 15 लाख रुपये वरूण को मिले, बाकी पैसा उन्होंने हाथरस निवासी दीपू ठाकुर को रखने के लिए दिया, लेकिन वह पैसे लेकर गायब हो गया. एक महीने बाद उन्होंने रेलवे रोड पीएनबी के सामने से बैंक कर्मचारी से कैश वैन से 31 लाख रुपये लूटे. इसके बाद मुनीर और आशुतोष दिल्ली में रहने लगे. 29 नवंबर 2014 को कमलानगर से कैश वैन के कर्मचारियों द्वारा एटीएम में पैसा डालने के दौरान गार्ड की हत्या करके कैश से भरा सूटकेस लूट लिया. जिसमें 1.5 करोड़ रुपये थे.

मुनीर ने बताया था कि दिल्ली में कैश वैन लूटने के बाद वो लखनऊ चला गया और लूटा हुआ पैसा अपने मामा के लड़के साकिब के माध्यम से सहसपुर निवासी रिजवान को दे दिया गया. जिसने एक प्लॉट मेरे लिये खरीदा. इसके बाद मुनीर ने सऊद के साथ अपराध करना शुरू कर दिया. इसके बाद उसने अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के पीछे जनता होटल के पास सिपाही सुरेश बाबू को गोली मारकर उसकी सरकारी पिस्टल लूटी. जिसमें मुनीर के हाथ में गोली भी लग गयी थी. यह पिस्टल उसने अपने साथी फहद व जुबैर के भाई सद्दाम को दी. बाद में जब सद्दाम से पिस्टल मांगने गया तो उसने देने से इंकार कर दिया. गुस्से में आकर मुनीर ने उसकी भी हत्या कर दी.

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बनना चाहता था किलिंग मशीन : गिरफ्तार होने के बाद मुनीर ने बताया था कि वो किलिंग मशीन बनना चाहता था. इसके लिए उसे हाईटेक हथियार खरीदने थे. खासकर एके 47 लेनी थी. इसीलिए उसने बिजनौर में कई लूट की घटनाओं को अंजाम दिया था. उसने हथियार खरीदने के लिए कुछ पैसे एडवांस भी दे दिए थे, लेकिन तंजील अहमद को इस बात की सूचना लग गयी. जिससे वो उसके पीछे हाथ धो कर पड़ गए थे.

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