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बाबुओं के ट्रांसफर में नियमों का पालन न करने का आरोप, संगठन ने की स्थानांतरण निरस्त करने की मांग

परिवहन विभाग में बाबुओं के ट्रांसफर में स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किए जाने का उत्तर प्रदेश संभागीय परिवहन कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया है. वहीं स्थानांतरण निरस्त ना किए जाने पर विरोध की चेतावनी भी दी है.

परिवहन विभाग
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Published : Jul 1, 2022, 9:29 PM IST

लखनऊ : परिवहन विभाग में बाबुओं के ट्रांसफर में स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किए जाने का उत्तर प्रदेश संभागीय परिवहन कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया है. संगठन की तरफ से अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) को पत्र भेजा गया है, जिसमें दर्जन भर बाबुओं के तबादलों को निरस्त करने की मांग की गई है. यह सभी बाबू संगठन के पदाधिकारी हैं और नियमों के मुताबिक पदाधिकारियों का तबादला नहीं किया जा सकता है.


संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय सिंह और महामंत्री आशुतोष तिवारी ने अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन को भेजे गए पत्र में लिखा है कि किसी भी पदाधिकारी के स्थानांतरण आदेश में अपरिहार्य कारण का उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही संबंधित जनपद के जिलाधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त की गई है. इस तरह नियम विरुद्ध तरीके से किए गए स्थानांतरण का अपने सभी कर्मचारियों की ओर से संघ विरोध करता है और अनुरोध है कि सभी स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाएं, अन्यथा की दशा में संघ विरोध करने के लिए बाध्य होगा.

चार जुलाई से परिवहन आयुक्त कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने और मांगें न माने जाने की स्थिति में न्यायालय की शरण में भी जाने के लिए विवश होगा. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि सेवा संघ के अध्यक्ष, सचिव, जिला शाखाओं के अध्यक्ष और सचिव का पद धारित करने की तिथि से दो वर्ष तक ट्रांसफर न किए जाने की व्यवस्था है, बाकायदा इसकी जानकारी भी संगठन की तरफ से अधिकारियों को उपलब्ध कराई गई थी. बावजूद इसके पदाधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया, जो बिल्कुल भी सही नहीं है.

ये भी पढ़ें : इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आसान नहीं है एडमिशन, 1 सीट के लिए 6 छात्रों में प्रतिस्पर्धा

इन कर्मचारियों का हुआ ट्रांसफर : वरिष्ठ सहायक राजीव कुमार चौबे, सुनील कुमार मणि त्रिपाठी, यतेंद्र कुमार, अतुल कुमार मौर्य, रवि करण सिंह, अतीक उल्लाह खान, उमाशंकर वर्मा, राजकुमार गौतम, खुशीराम, अंबिका प्रसाद, पंकज कुमार, दयानंद उपाध्याय

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लखनऊ : परिवहन विभाग में बाबुओं के ट्रांसफर में स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किए जाने का उत्तर प्रदेश संभागीय परिवहन कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया है. संगठन की तरफ से अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) को पत्र भेजा गया है, जिसमें दर्जन भर बाबुओं के तबादलों को निरस्त करने की मांग की गई है. यह सभी बाबू संगठन के पदाधिकारी हैं और नियमों के मुताबिक पदाधिकारियों का तबादला नहीं किया जा सकता है.


संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय सिंह और महामंत्री आशुतोष तिवारी ने अपर परिवहन आयुक्त प्रशासन को भेजे गए पत्र में लिखा है कि किसी भी पदाधिकारी के स्थानांतरण आदेश में अपरिहार्य कारण का उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही संबंधित जनपद के जिलाधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त की गई है. इस तरह नियम विरुद्ध तरीके से किए गए स्थानांतरण का अपने सभी कर्मचारियों की ओर से संघ विरोध करता है और अनुरोध है कि सभी स्थानांतरण तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाएं, अन्यथा की दशा में संघ विरोध करने के लिए बाध्य होगा.

चार जुलाई से परिवहन आयुक्त कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने और मांगें न माने जाने की स्थिति में न्यायालय की शरण में भी जाने के लिए विवश होगा. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि सेवा संघ के अध्यक्ष, सचिव, जिला शाखाओं के अध्यक्ष और सचिव का पद धारित करने की तिथि से दो वर्ष तक ट्रांसफर न किए जाने की व्यवस्था है, बाकायदा इसकी जानकारी भी संगठन की तरफ से अधिकारियों को उपलब्ध कराई गई थी. बावजूद इसके पदाधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया, जो बिल्कुल भी सही नहीं है.

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इन कर्मचारियों का हुआ ट्रांसफर : वरिष्ठ सहायक राजीव कुमार चौबे, सुनील कुमार मणि त्रिपाठी, यतेंद्र कुमार, अतुल कुमार मौर्य, रवि करण सिंह, अतीक उल्लाह खान, उमाशंकर वर्मा, राजकुमार गौतम, खुशीराम, अंबिका प्रसाद, पंकज कुमार, दयानंद उपाध्याय

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