लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान फंसे महाराष्ट्र के नासिक से सभी 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन से लखनऊ पहुंचे. यहां चारबाग रेलवे स्टेशन पर सभी श्रमिकों की मेडिकल टीम ने सघन जांच की. कामगारों के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए डॉक्टरों की आठ टीमें स्टेशन पर लगाई गई थीं. इसके अलावा स्टेशन पर ही उनके लिए खाने की व्यवस्था की गई थी.
नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम ने थर्मल स्कैनिंग के बाद सभी को एक-एक लंच पैकेट दिया गया. लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस के नेतृत्व में रोडवेज के अधिकारियों ने सभी कामगारों को बस में बिठा कर रवाना किया. सभी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए रोडवेज की तरफ से 18 रूट तय किए गए हैं. जो 813 यात्रियों को उनके जनपदों के पहुंचाएंगे.
कामगारों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने के लिए रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस, आलमबाग डिपो के एआरएम डीके गर्ग, उपनगरीय डिपो के एआरएम काशी प्रसाद, चारबाग डिपो के एआरएम अमरनाथ सहाय, कैसरबाग डिपो के एआरएम गौरव वर्मा, यूनियन नेता रजनीश मिश्रा के साथ रोडवेज के कई अधिकारी और कर्मचारी रात से ही बसों को रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में लगाने और रूट तय करने में जुट गए थे.
लखनऊ पहुंचे 813 कामगारों को 30 बसों के माध्यम से उनके घरों के लिए रवाना किया गया. कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि ट्रेन से कुल 817 श्रमिक आए थे जिनमें से दो श्रमिक लखनऊ के थे उन्हें क्वॉरेंटाइन करा दिया गया है. लखीमपुर के दो श्रमिकों को जिला प्रशासन ने भेजने की जिम्मेदारी ली. शेष 18 जनपदों के 813 श्रमिकों को बसों से भेज दिया गया.
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