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नासिक से 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन पहुंची लखनऊ, घर के लिए रवाना हुए मजदूर - migrant laborers sent home by roadways bus

उत्तर प्रदेश के 847 प्रवासी मजदूरों को लेकर आज सुबह श्रमिक स्पेशल ट्रेन लखनऊ लेकर पहुंची. यह ट्रेन नासिक से लखनऊ आई थी. वहीं सभी मजदूरों को रोडवेज बस से उनके जिलों में भेज दिया गया है.

migrant laborers sent home by roadways bus
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Published : May 3, 2020, 1:35 PM IST

लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान फंसे महाराष्ट्र के नासिक से सभी 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन से लखनऊ पहुंचे. यहां चारबाग रेलवे स्टेशन पर सभी श्रमिकों की मेडिकल टीम ने सघन जांच की. कामगारों के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए डॉक्टरों की आठ टीमें स्टेशन पर लगाई गई थीं. इसके अलावा स्टेशन पर ही उनके लिए खाने की व्यवस्था की गई थी.

जानकारी देते संवाददाता.

नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम ने थर्मल स्कैनिंग के बाद सभी को एक-एक लंच पैकेट दिया गया. लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस के नेतृत्व में रोडवेज के अधिकारियों ने सभी कामगारों को बस में बिठा कर रवाना किया. सभी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए रोडवेज की तरफ से 18 रूट तय किए गए हैं. जो 813 यात्रियों को उनके जनपदों के पहुंचाएंगे.

workers sent home by buses
बसों से अपने-अपने जिलों के लिए रवाना हुए श्रमिक.

कामगारों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने के लिए रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस, आलमबाग डिपो के एआरएम डीके गर्ग, उपनगरीय डिपो के एआरएम काशी प्रसाद, चारबाग डिपो के एआरएम अमरनाथ सहाय, कैसरबाग डिपो के एआरएम गौरव वर्मा, यूनियन नेता रजनीश मिश्रा के साथ रोडवेज के कई अधिकारी और कर्मचारी रात से ही बसों को रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में लगाने और रूट तय करने में जुट गए थे.

workers sent home by buses
बस से बाहर की तरह देखता बच्चा.

लखनऊ पहुंचे 813 कामगारों को 30 बसों के माध्यम से उनके घरों के लिए रवाना किया गया. कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि ट्रेन से कुल 817 श्रमिक आए थे जिनमें से दो श्रमिक लखनऊ के थे उन्हें क्वॉरेंटाइन करा दिया गया है. लखीमपुर के दो श्रमिकों को जिला प्रशासन ने भेजने की जिम्मेदारी ली. शेष 18 जनपदों के 813 श्रमिकों को बसों से भेज दिया गया.

इसे भी पढ़ें-प्रवासी मजदूरों की वापसी पर सरकार अलर्ट, UP में बन रहे 15 लाख क्वारंटाइन सेंटर

लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान फंसे महाराष्ट्र के नासिक से सभी 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन से लखनऊ पहुंचे. यहां चारबाग रेलवे स्टेशन पर सभी श्रमिकों की मेडिकल टीम ने सघन जांच की. कामगारों के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए डॉक्टरों की आठ टीमें स्टेशन पर लगाई गई थीं. इसके अलावा स्टेशन पर ही उनके लिए खाने की व्यवस्था की गई थी.

जानकारी देते संवाददाता.

नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम ने थर्मल स्कैनिंग के बाद सभी को एक-एक लंच पैकेट दिया गया. लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस के नेतृत्व में रोडवेज के अधिकारियों ने सभी कामगारों को बस में बिठा कर रवाना किया. सभी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए रोडवेज की तरफ से 18 रूट तय किए गए हैं. जो 813 यात्रियों को उनके जनपदों के पहुंचाएंगे.

workers sent home by buses
बसों से अपने-अपने जिलों के लिए रवाना हुए श्रमिक.

कामगारों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने के लिए रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस, आलमबाग डिपो के एआरएम डीके गर्ग, उपनगरीय डिपो के एआरएम काशी प्रसाद, चारबाग डिपो के एआरएम अमरनाथ सहाय, कैसरबाग डिपो के एआरएम गौरव वर्मा, यूनियन नेता रजनीश मिश्रा के साथ रोडवेज के कई अधिकारी और कर्मचारी रात से ही बसों को रेलवे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में लगाने और रूट तय करने में जुट गए थे.

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बस से बाहर की तरह देखता बच्चा.

लखनऊ पहुंचे 813 कामगारों को 30 बसों के माध्यम से उनके घरों के लिए रवाना किया गया. कैसरबाग डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि ट्रेन से कुल 817 श्रमिक आए थे जिनमें से दो श्रमिक लखनऊ के थे उन्हें क्वॉरेंटाइन करा दिया गया है. लखीमपुर के दो श्रमिकों को जिला प्रशासन ने भेजने की जिम्मेदारी ली. शेष 18 जनपदों के 813 श्रमिकों को बसों से भेज दिया गया.

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