लखनऊ: जेल अधीक्षक आशीष तिवारी (Jail Superintendent Ashish Tiwari) ने डीजी को जवाब भेजकर जानकारी दी है कि कृष्णानगर के आरके ज्वेलर्स (RK Jewelers in Krishnanagar) को कारतूस के साथ धमकी भरा पत्र लखनऊ जेल से नहीं भेजा गया था. पुलिस अब यह पता करने में जुट गई है कि जेल के पते से कुरियर आखिर भेजा कहां से गया था.
जेल अधीक्षक आशीष तिवारी की तरफ से भेजे गए जवाब में जिक्र किया गया कि हिस्ट्रीशीटर विजय जायसवाल दो जुलाई को ही रिहा हो चुका है जबकि आरके ज्वेलर्स के मालिक आकाश गुप्ता को 22 जुलाई को पत्र के साथ कारतूस भेजा गया. विजय जायसवाल 31 जुलाई 2020 को उनकी जेल में आया था. पत्र में कहा गया है कि विजय जायसवाल मेरठ जेल में है, इसलिए वहां से रंगदारी मांगी गई होगी.
कृष्णानगर के एडीशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस पवन गौतम ने बताया कि धमकी भरा पत्र ट्रैकोंन कुरियर से आया है. कुरियर के कर्मचारियों से पूछताछ जारी है. मेरठ जेल से पता लगाया गया है, लेकिन विजय वहां बंद नहीं है. आकाश के पुराने विवादों की बारीकी से पड़ताल की गई है. लेकिन विजय का उससे भी कोई कनेक्शन नहीं मिला है.
बता दें कि पुलिस महानिदेशक को भेजी गई जानकारी में वरिष्ठ जेल अधीक्षक जिला कारागार ने यह भी कहा है कि कुछ दैनिक समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भ्रामक सूचना प्रसारित की गई है. बताया गया कि कारागार में निरुद्ध बंदी विजय जायसवाल की तरफ से जिला कारागार मेरठ से पत्र के माध्यम से रंगदारी की मांग की गई है.
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लखनऊ जेल से नहीं भेजा गया था धमकी भरा पत्र: जेल अधीक्षक - threat letter was not sent from Lucknow jail
जेल अधीक्षक आशीष तिवारी (Jail Superintendent Ashish Tiwari) ने डीजी को जवाब भेजकर जानकारी दी है कि कृष्णानगर के आरके ज्वेलर्स को कारतूस के साथ धमकी भरा पत्र लखनऊ जेल से नहीं भेजा गया था.
लखनऊ: जेल अधीक्षक आशीष तिवारी (Jail Superintendent Ashish Tiwari) ने डीजी को जवाब भेजकर जानकारी दी है कि कृष्णानगर के आरके ज्वेलर्स (RK Jewelers in Krishnanagar) को कारतूस के साथ धमकी भरा पत्र लखनऊ जेल से नहीं भेजा गया था. पुलिस अब यह पता करने में जुट गई है कि जेल के पते से कुरियर आखिर भेजा कहां से गया था.
जेल अधीक्षक आशीष तिवारी की तरफ से भेजे गए जवाब में जिक्र किया गया कि हिस्ट्रीशीटर विजय जायसवाल दो जुलाई को ही रिहा हो चुका है जबकि आरके ज्वेलर्स के मालिक आकाश गुप्ता को 22 जुलाई को पत्र के साथ कारतूस भेजा गया. विजय जायसवाल 31 जुलाई 2020 को उनकी जेल में आया था. पत्र में कहा गया है कि विजय जायसवाल मेरठ जेल में है, इसलिए वहां से रंगदारी मांगी गई होगी.
कृष्णानगर के एडीशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस पवन गौतम ने बताया कि धमकी भरा पत्र ट्रैकोंन कुरियर से आया है. कुरियर के कर्मचारियों से पूछताछ जारी है. मेरठ जेल से पता लगाया गया है, लेकिन विजय वहां बंद नहीं है. आकाश के पुराने विवादों की बारीकी से पड़ताल की गई है. लेकिन विजय का उससे भी कोई कनेक्शन नहीं मिला है.
बता दें कि पुलिस महानिदेशक को भेजी गई जानकारी में वरिष्ठ जेल अधीक्षक जिला कारागार ने यह भी कहा है कि कुछ दैनिक समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भ्रामक सूचना प्रसारित की गई है. बताया गया कि कारागार में निरुद्ध बंदी विजय जायसवाल की तरफ से जिला कारागार मेरठ से पत्र के माध्यम से रंगदारी की मांग की गई है.
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