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साइबर ठगी कर क्रिप्टो करेंसी में बदला जा रहा भारतीय रुपया, साइबर विशेषज्ञों ने दी ये चेतावनी

साइबर पुलिस के मुताबिक, ठगी का पैसा जब बड़ी संख्या में इकट्ठा हो जाता है इसके बाद उनका दूसरे स्टेप का काम शुरू होता था. इसके तहत भारतीय रुपयों (Indian Rupee) को बिटकॉइन में एक्सचेंज कर चीन भेजना होता है. इसके लिये गिरोह दर्जनों बैंक खातों का एक्सेस रखते हैं.

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Published : Sep 15, 2022, 1:32 PM IST

लखनऊ : भारत का पैसा लोगों से ठगकर चीन भेजा जा रहा है. चीन से ही देश में बैठे साइबर ठगों को नये-नये तरीकों से ठगी करने के कमांड मिल रहे हैं. यूपी साइबर पुलिस ने बीते दिनों कुछ साइबर क्रिमिनल्स की गिरफ्तारी की तो ऐसे ही चौंकाने वाले खुलासे हुये हैं. जांच में ये भी सामने आया है कि ठगी किये गये 100 करोड़ से भी अधिक रुपये क्रिप्टो करेंसी के रूप में चीन भेजे गये हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार चीन कैसे भारत में बैठे अपने गुर्गों से साइबर ठगी करवा रहा है और वापस क्रिप्टो करेंसी के रूप में पैसे वापस ले रहा है.

चीन में बैठे मास्टरमाइंड भारत के अलग-अलग हिस्सों में साइबर के आइटी के जानकारों की ऑनलाइन रिक्रूटमेंट करते हैं. फिर उनसे फेक टेलीग्राम आईडी पर बातचीत की जाती है. यही नहीं ये सभी आईडी अलग-अलग देशों के एड्रेस से इस्तमाल होती हैं. बीते दिनों साइबर क्राइम की टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. ये सभी चीन में मौजूद अपने आकाओं के इशारे पर यूपी के लोगों को निवेश, ऑनलाइन गेमिंग, सेक्सटॉर्शन और लोन देने का झांसा देकर ठगी को अंजाम देते थे. साइबर पुलिस के मुताबिक, इसके लिये चीनी आका कमोडिटी एक्सचेंज की वेबसाइट बनाता है. इसका एक्सेस भारत में अपने गिरोह के लोगों को दे देता था. इसके बाद ये ठग शिकार को चिन्हित कर ई-मेल व अन्य सोशल मीडिया के जरिये संपर्क कर निवेश करने का लालच देते और जब बड़ी रकम निवेश हो जाती है तो वेबसाइट को क्रैश करवा देते थे.

जानकारी देते साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे




साइबर पुलिस के मुताबिक, ठगी का पैसा जब बड़ी संख्या में इकट्ठा हो जाता है इसके बाद उनका दूसरे स्टेप का काम शुरू होता था. इसके तहत भारतीय रुपयों (Indian Rupee) को बिटकॉइन में एक्सचेंज कर चीन भेजना होता है. इसके लिये गिरोह दर्जनों बैंक खातों का एक्सेस रखते हैं. पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह होओबी, बिनेंस, ओकेक्स, पोलोनिएक्स, स्मार्ट कांट, ओकेक्वाइनव, बिटपाई, बिटफिन्केस व एफटीएफ एक्सचेंज के वॉलेट पैसों को चीन ट्रांसफर करने के लिये इस्तेमाल करते हैं.


साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे बताते हैं कि वर्तमान में जितने भी साइबर क्राइम हो रहे हैं उनसे ठगा गया पैसा अवैध चैनेल के जरिये चीन भेजा जा रहा है. इसमें बिटकॉइन का रोल सामने आया था, जिस पर काफी समय से जांच चल रही है. ड्रग ट्रैफिकिंग का भी पैसा चाइना भेजा जा रहा है. अमित दुबे बताते हैं कि अलवर, मेवात व जामताड़ा जहां साइबर ठगी का अड्डा बना हुआ है, उन्हें कमांड चीन में बैठे उनके आका दे रहे हैं. यहां बैठे ठग तो महज ठगी करने का माध्यम होते हैं.



अमित दुबे कहते हैं कि देश में ठगा गया अधिकतम पैसा क्रिप्टो करेंसी के रूप में बाहर भेजा जा रहा है. वो कहते हैं कि देखा गया है कि बीते कुछ महीनों में क्रिप्टो का ट्रांजेक्शन एकदम से बढ़ गया है. अचानक से कैश में बिटकॉइन की ट्रेडिंग हो रही है उसके सप्लायर्स और बायर्स बहुत तेजी से बढ़े हैं. यह अपने आप में दिखा रहा है कि पैसा क्रिप्टो करेंसी के थ्रू बाहर जा रहा है. अमित कहते हैं कि स्पेशल टास्क फोर्स बनाकर इस पूरे नेक्स्ट को तोड़ना जरूरी है, क्योकि यह धीरे-धीरे अपने पांव फैला रहा है और अगर यह रुका नहीं तो आगे इसे रोकना बड़ा मुश्किल हो सकता है.

इन मामलों से हुआ खुलासा : नॉएडा में फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों में ऑनलाइन पार्टटाइम नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी हुई थी. बरेली की एक युवती ने खुद के साथ दो लाख की हुई ठगी होने पर साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. जिस पर जांच में सामने आया कि इस गिरोह ने 3 हजार करोड़ रुपये की ठगी की और इस रुपये को अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज में वॉलेट बनाकर चीन भेजा था.


कानपुर में एक व्यापारी के साथ ऑनलाइन निवेश करने के नाम पर लाखों रुपयों की ठगी हुई. साइबर सेल ने जांच करते हुये पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और पता चला कि ठगे गये 100 करोड़ से अधिक रुपये क्रिप्टो करेंसी के रूप में चीन भेजे गये.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में अतीक अहमद की आठ करोड़ की संपत्ति कुर्क

दिल्ली की स्पेशल सेल ने जांच में पाया था कि पावर बैंक, सुन फैक्ट्री व इजी प्लान जैसे App डाउनलोड हो रही थे और इसी से लोगों का डेटा चोरी करके विदेश भेजा जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने इन ऐप का फॉरेंसिक लैब में एनालिसिस किया, जिस पर सामने आया कि ये ऐप चीन से ऑपरेट हो रहे हैं और इनसे लोगों को पैसे इंवेस्ट कर पैसे कमाने का लालच दिया जा रहा था. यही नहीं ठगा गया पैसा चीन वापस भेजा जा रहा था.
यह भी पढ़ें : दोहरीकरण कार्य के चलते 6 ट्रेनें निरस्त, 2 का बदलेगा रास्ता

लखनऊ : भारत का पैसा लोगों से ठगकर चीन भेजा जा रहा है. चीन से ही देश में बैठे साइबर ठगों को नये-नये तरीकों से ठगी करने के कमांड मिल रहे हैं. यूपी साइबर पुलिस ने बीते दिनों कुछ साइबर क्रिमिनल्स की गिरफ्तारी की तो ऐसे ही चौंकाने वाले खुलासे हुये हैं. जांच में ये भी सामने आया है कि ठगी किये गये 100 करोड़ से भी अधिक रुपये क्रिप्टो करेंसी के रूप में चीन भेजे गये हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार चीन कैसे भारत में बैठे अपने गुर्गों से साइबर ठगी करवा रहा है और वापस क्रिप्टो करेंसी के रूप में पैसे वापस ले रहा है.

चीन में बैठे मास्टरमाइंड भारत के अलग-अलग हिस्सों में साइबर के आइटी के जानकारों की ऑनलाइन रिक्रूटमेंट करते हैं. फिर उनसे फेक टेलीग्राम आईडी पर बातचीत की जाती है. यही नहीं ये सभी आईडी अलग-अलग देशों के एड्रेस से इस्तमाल होती हैं. बीते दिनों साइबर क्राइम की टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. ये सभी चीन में मौजूद अपने आकाओं के इशारे पर यूपी के लोगों को निवेश, ऑनलाइन गेमिंग, सेक्सटॉर्शन और लोन देने का झांसा देकर ठगी को अंजाम देते थे. साइबर पुलिस के मुताबिक, इसके लिये चीनी आका कमोडिटी एक्सचेंज की वेबसाइट बनाता है. इसका एक्सेस भारत में अपने गिरोह के लोगों को दे देता था. इसके बाद ये ठग शिकार को चिन्हित कर ई-मेल व अन्य सोशल मीडिया के जरिये संपर्क कर निवेश करने का लालच देते और जब बड़ी रकम निवेश हो जाती है तो वेबसाइट को क्रैश करवा देते थे.

जानकारी देते साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे




साइबर पुलिस के मुताबिक, ठगी का पैसा जब बड़ी संख्या में इकट्ठा हो जाता है इसके बाद उनका दूसरे स्टेप का काम शुरू होता था. इसके तहत भारतीय रुपयों (Indian Rupee) को बिटकॉइन में एक्सचेंज कर चीन भेजना होता है. इसके लिये गिरोह दर्जनों बैंक खातों का एक्सेस रखते हैं. पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह होओबी, बिनेंस, ओकेक्स, पोलोनिएक्स, स्मार्ट कांट, ओकेक्वाइनव, बिटपाई, बिटफिन्केस व एफटीएफ एक्सचेंज के वॉलेट पैसों को चीन ट्रांसफर करने के लिये इस्तेमाल करते हैं.


साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे बताते हैं कि वर्तमान में जितने भी साइबर क्राइम हो रहे हैं उनसे ठगा गया पैसा अवैध चैनेल के जरिये चीन भेजा जा रहा है. इसमें बिटकॉइन का रोल सामने आया था, जिस पर काफी समय से जांच चल रही है. ड्रग ट्रैफिकिंग का भी पैसा चाइना भेजा जा रहा है. अमित दुबे बताते हैं कि अलवर, मेवात व जामताड़ा जहां साइबर ठगी का अड्डा बना हुआ है, उन्हें कमांड चीन में बैठे उनके आका दे रहे हैं. यहां बैठे ठग तो महज ठगी करने का माध्यम होते हैं.



अमित दुबे कहते हैं कि देश में ठगा गया अधिकतम पैसा क्रिप्टो करेंसी के रूप में बाहर भेजा जा रहा है. वो कहते हैं कि देखा गया है कि बीते कुछ महीनों में क्रिप्टो का ट्रांजेक्शन एकदम से बढ़ गया है. अचानक से कैश में बिटकॉइन की ट्रेडिंग हो रही है उसके सप्लायर्स और बायर्स बहुत तेजी से बढ़े हैं. यह अपने आप में दिखा रहा है कि पैसा क्रिप्टो करेंसी के थ्रू बाहर जा रहा है. अमित कहते हैं कि स्पेशल टास्क फोर्स बनाकर इस पूरे नेक्स्ट को तोड़ना जरूरी है, क्योकि यह धीरे-धीरे अपने पांव फैला रहा है और अगर यह रुका नहीं तो आगे इसे रोकना बड़ा मुश्किल हो सकता है.

इन मामलों से हुआ खुलासा : नॉएडा में फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों में ऑनलाइन पार्टटाइम नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी हुई थी. बरेली की एक युवती ने खुद के साथ दो लाख की हुई ठगी होने पर साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. जिस पर जांच में सामने आया कि इस गिरोह ने 3 हजार करोड़ रुपये की ठगी की और इस रुपये को अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज में वॉलेट बनाकर चीन भेजा था.


कानपुर में एक व्यापारी के साथ ऑनलाइन निवेश करने के नाम पर लाखों रुपयों की ठगी हुई. साइबर सेल ने जांच करते हुये पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और पता चला कि ठगे गये 100 करोड़ से अधिक रुपये क्रिप्टो करेंसी के रूप में चीन भेजे गये.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में अतीक अहमद की आठ करोड़ की संपत्ति कुर्क

दिल्ली की स्पेशल सेल ने जांच में पाया था कि पावर बैंक, सुन फैक्ट्री व इजी प्लान जैसे App डाउनलोड हो रही थे और इसी से लोगों का डेटा चोरी करके विदेश भेजा जा रहा है. दिल्ली पुलिस ने इन ऐप का फॉरेंसिक लैब में एनालिसिस किया, जिस पर सामने आया कि ये ऐप चीन से ऑपरेट हो रहे हैं और इनसे लोगों को पैसे इंवेस्ट कर पैसे कमाने का लालच दिया जा रहा था. यही नहीं ठगा गया पैसा चीन वापस भेजा जा रहा था.
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