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Apple को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन, महाकुंभ में 10 दिन रुकेंगी - LAUREN POWELL IN VARANASI

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में रहेंगी.

लॉरेन पॉवेल ने बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन
लॉरेन पॉवेल ने बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 11, 2025, 8:19 PM IST

वाराणसी : प्रयागराज में दो दिन बाद महाकुंभ की शुरुआत होने वाली है. शनिवार को एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स वाराणसी पहुंचीं. विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के बाद वह महाकुंभ के लिए रवाना होंगी. कुंभ में वह 10 दिनों तक कल्पवास करेंगी और निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में ही रहेंगी.

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि पूरी कुंभ की जिम्मेदारी निरंजनी अखाड़े के कंधों पर होती है और हर अखाड़े संत संप्रदाय और अलग-अलग जगह से बड़ी संख्या में लोग कुंभ में आ रहे हैं. सरकार अपनी तरफ से सब प्रयास कर रही है, लेकिन हमारी भी जिम्मेदारी है. सभी कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो.

लॉरेन पॉवेल ने बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन (Video credit: ETV Bharat)

इसके लिए आज हम बाबा विश्वनाथ का सूक्ष्म अभिषेक और दर्शन पूजन करने के लिए वाराणसी पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि सभी कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो जाएं, इसके लिए बाबा से आज प्रार्थना की गई है. इस दौरान लॉरेन पॉवेल जॉब्स भारतीय परिवेश में बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने पहुंचीं थीं. वह अपने सिर पर दुपट्टा रखी हुईं थीं.

स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने गर्भगृह के बाहर से ही बाबा का आशीर्वाद लिया है. उन्होंने बताया कि हमारे सनातन धर्म में गैर हिंदू शिवलिंग को स्पर्श नहीं करते हैं, इस बात का ध्यान रखते हुए उन्होंने बाहर से ही दर्शन किया है. स्टीव जॉब्स को बचपन से ही अध्यात्म में काफी रुचि थी और वह नीम करोली बाबा के सानिध्य में भी दर्शन पूजन के लिए पहुंचते रहते थे.

यही वजह है कि उनके बाद उनकी पत्नी भी आध्यात्मिक गुरु कैलाशानंद गिरि के सानिध्य में सनातन धर्म के साथ जुड़कर सुकून और शांति के साथ कुंभ में अपना समय बिताएंगी. स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि मेरे शिष्य महर्षि व्यासानंद गिरि अमेरिका से भारत आए हैं. इनका अमेरिका में आध्यात्मिक आश्रम है. इनको रविवार को कुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि दी जाएगी. इसके लिए सारी तैयारी कर ली गई हैं. आज हम सभी ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं और सनातन धर्म से जुड़कर लोग अपने जीवन में शांति सुकून चाह रहे हैं. हम सभी को कुंभ में आमंत्रित कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025; जानिए क्या है मकर संक्रांति का पुण्य काल, न करें यह गलती - AUSPICIOUS TIME IF MAKAR SANKRANTI

वाराणसी : प्रयागराज में दो दिन बाद महाकुंभ की शुरुआत होने वाली है. शनिवार को एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स वाराणसी पहुंचीं. विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के बाद वह महाकुंभ के लिए रवाना होंगी. कुंभ में वह 10 दिनों तक कल्पवास करेंगी और निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में ही रहेंगी.

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि पूरी कुंभ की जिम्मेदारी निरंजनी अखाड़े के कंधों पर होती है और हर अखाड़े संत संप्रदाय और अलग-अलग जगह से बड़ी संख्या में लोग कुंभ में आ रहे हैं. सरकार अपनी तरफ से सब प्रयास कर रही है, लेकिन हमारी भी जिम्मेदारी है. सभी कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो.

लॉरेन पॉवेल ने बाबा विश्वनाथ के किए दर्शन (Video credit: ETV Bharat)

इसके लिए आज हम बाबा विश्वनाथ का सूक्ष्म अभिषेक और दर्शन पूजन करने के लिए वाराणसी पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि सभी कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो जाएं, इसके लिए बाबा से आज प्रार्थना की गई है. इस दौरान लॉरेन पॉवेल जॉब्स भारतीय परिवेश में बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने पहुंचीं थीं. वह अपने सिर पर दुपट्टा रखी हुईं थीं.

स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने गर्भगृह के बाहर से ही बाबा का आशीर्वाद लिया है. उन्होंने बताया कि हमारे सनातन धर्म में गैर हिंदू शिवलिंग को स्पर्श नहीं करते हैं, इस बात का ध्यान रखते हुए उन्होंने बाहर से ही दर्शन किया है. स्टीव जॉब्स को बचपन से ही अध्यात्म में काफी रुचि थी और वह नीम करोली बाबा के सानिध्य में भी दर्शन पूजन के लिए पहुंचते रहते थे.

यही वजह है कि उनके बाद उनकी पत्नी भी आध्यात्मिक गुरु कैलाशानंद गिरि के सानिध्य में सनातन धर्म के साथ जुड़कर सुकून और शांति के साथ कुंभ में अपना समय बिताएंगी. स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि मेरे शिष्य महर्षि व्यासानंद गिरि अमेरिका से भारत आए हैं. इनका अमेरिका में आध्यात्मिक आश्रम है. इनको रविवार को कुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि दी जाएगी. इसके लिए सारी तैयारी कर ली गई हैं. आज हम सभी ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए हैं और सनातन धर्म से जुड़कर लोग अपने जीवन में शांति सुकून चाह रहे हैं. हम सभी को कुंभ में आमंत्रित कर रहे हैं.

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