लखनऊ : देश में ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ रही है. वहीं अनियंत्रित बीपी कई अंगों की सेहत खराब कर सकता है. लिहाजा, डॉक्टर से जांच कराने के बजाये लोग घर में ही बीपी माप रहे हैं. मगर इसकी सही माप का तरीका ज्ञात नहीं है. ऐसे में इसे कैसे मापें, घर में मापा गया बीपी कितना उच्च व सामान्य होगा. किस समय, कैसी अवस्था में बीपी मापना चाहिए, इसको लेकर देश में 'होम ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग' गाइड लाइन बनेगी. इसके लिए देश भर में स्टडी होगी. केजीएमयू समेत 20 सेंटर चुने गए हैं.
जानकारी देते संवाददाता संदीप पांडेय केजीएमयू फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरसिंह वर्मा के मुताबिक बीपी का समय पर इलाज जरूरी है. वहीं सटीक इलाज सही जांच पर निर्भर करता है. बीपी की गलत रीडिंग इलाज की दिशा बदल देती है. तमाम लोग बीपी की सही माप नहीं ले पाते हैं. ऐसे में लम्बे समय तक हाई बीपी बने रहने पर हार्ट, किडनी, आई, ब्रेन पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है.
केजीएमयू बनेगा मददगार : केजीएमयू का फिजियोलॉजी विभाग होम ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग पर शोध करेगा. इसके लिए देश भर के 20 सेंटरों को चुना गया है. प्रत्येक सेंटर में 500 लोगों के ब्लड प्रेशर की माप की जाएगी. डॉ. नरसिंह वर्मा के मुताबिक अस्पताल में आने के बाद 90 फीसदी लोगों का बीपी गड़बड़ा जाता है. डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ और अस्पताल का माहौल देख कर लोग घबरा जाते हैं. ऐसे में बीपी की सटीक माप नहीं आ पाती है. वहीं घरों में लोग सही बीपी माप नहीं पाते हैं.
10 हजार लोगों पर होगा शोध : डॉ. नरसिंह वर्मा के मुताबिक अभी भारत में होम ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग के आंकड़े नहीं हैं. इसलिए इस विषय को चुना गया है. करीब 10 हजार लोगों को शोध में शामिल किया जाएगा. देश भर में 20 सेंटर बनाए गए हैं. प्रत्येक सेंटर को पांच ब्लड प्रेशर मशीन दी जाएंगी. पहले एक सप्ताह अस्पताल में ब्लड प्रेशर मापा जाएगा, फिर व्यक्ति को मशीन घर के लिए दी जाएगी. एक सप्ताह उसे सुबह-शाम ब्लड प्रेशर मापना होगा. साथ ही घर में ब्लड प्रेशर मापने का तरीका सिखाया जाएगा. इसके लिए वीडियो तैयार किया गया है. सात भाषाओं में वीडियो बनाया गया है. इस वीडियो में ब्लड प्रेशर कब, कैसे मापना है, क्या करें, क्या न करें इसे भी बताया गया है.
बीपी के लक्षण : गुस्सा आना, मुंह सूखना, थकावट रहना, घबराहट रहना, सीने में दर्द होना, सिर दर्द होना, नाक से खून, चक्कर आना व पैरों में सूजन आना.
ऐसे मापें बीपी, ध्यान से खरीदें मेडिकल डिवाइस : डॉ नरसिंह वर्मा के मुताबिक सुबह उठने के आधा घंटे बाद ब्लड प्रेशर मापना चाहिए. ढीले कपड़े पहनकर, कुर्सी पर बैठकर व पैर लटकाकर बीपी मापना बेहतर होता है. इस समय यूरिन ब्लैडर खाली होना चाहिए. वहीं शाम को खाना खाने के 2 घण्टे बाद और सोने के आधे घंटे पहले बीपी मापा जा सकता है. बाजार में मेडिकल डिवाइस की भरमार है. प्रमाणित डिवाइस ही खरीदें वरना रीडिंग गलत आएगी. डिवाइस से बीपी मापने के बाद उसका सेल निकाल कर रख दें. साथ ही समय-समय पर सेल बदलते रहें. अगर उसकी बैट्री लो होगी, तो रीडिंग गलत हो जाएगी.
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तनाव से बचें
कसरत करें
चार से पांच किलोमीटर पैदल चलें
साइकिल चलाएं
तली-भुनी वस्तुओं से परहेज करें
खाने में अलग से नमक न डालें
बीडी, सिगरेट व शराब का सेवन न करें
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