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लखनऊः सितंबर बना सितमगर, बरिश में ढहे कई लोगों के घर - मोहनलालगंज का संकटमोचन मोहल्ला

राजधानी लखनऊ में बारिश अपना कहर लोगों के घरों पर बरपा रही है. जहां एक तरफ लोगों के घरों में बरसात का पानी घुसा है, वहीं दूसरी तरफ कई लोगों के मकान भी बारिश में ढह गए हैं. कुछ लोग तो सामान लेकर सड़क पर आ गए हैं.

लखनऊ में भारी बारिश.
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Published : Sep 27, 2019, 5:35 PM IST

लखनऊः मोहनलालगंज के संकटमोचन मोहल्ले में कई लोगों के घरों में पानी घुस गया है और कई लोगों के मकान भी बारिश की वजह से ढह गए हैं. लोगों का खाना-पानी बंद हो चुका है, लेकिन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है.

लखनऊ में भारी बारिश के चलते ढहे मकान.


हम उसी मोहल्ले की बात कर रहें हैं जिस पर पिछले दिनों गंदगी फैलाने के नाम पर प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई थी. वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है, कि ग्राम प्रधान और जिलाधिकारी को भी जल निकासी की समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक उस पर कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई. वहीं तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि लोगों के घरों तक पानी किस कदर जा पहुंचा है, जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.

इसे भी पढ़ेंः-लखनऊः बारिश में अनियंत्रित रोडवेज बस डिवाइडर पर चढ़ी, बाल बाल बचे यात्री


वहीं कई ऐसे घर भी हैं जो इस बारिश की वजह से गिर गए हैं. सितंबर का महीना लोगों के लिए सितमगर बन गया है और बारिश बन कर लोगों के घरों पर आफत बरसा रहा है. जहां एक तरफ जिला प्रशासन के द्वारा बरसात के मौसम में होने वाली जल निकासी की समस्याओं को लेकर सारी व्यवस्थाएं पूरे करने के दावे किए गए थे. वहीं दूसरी तरफ लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है और जलभराव की समस्याओं से जनता जूझ रही है.

वहीं दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन मूक बनकर कर बैठा हुआ है. अब देखने वाली बात यह होगी कि लोगों को जलभराव की समस्या से कब निजात मिलती है.

लखनऊः मोहनलालगंज के संकटमोचन मोहल्ले में कई लोगों के घरों में पानी घुस गया है और कई लोगों के मकान भी बारिश की वजह से ढह गए हैं. लोगों का खाना-पानी बंद हो चुका है, लेकिन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है.

लखनऊ में भारी बारिश के चलते ढहे मकान.


हम उसी मोहल्ले की बात कर रहें हैं जिस पर पिछले दिनों गंदगी फैलाने के नाम पर प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई थी. वहीं स्थानीय निवासियों का कहना है, कि ग्राम प्रधान और जिलाधिकारी को भी जल निकासी की समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक उस पर कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई. वहीं तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि लोगों के घरों तक पानी किस कदर जा पहुंचा है, जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है.

इसे भी पढ़ेंः-लखनऊः बारिश में अनियंत्रित रोडवेज बस डिवाइडर पर चढ़ी, बाल बाल बचे यात्री


वहीं कई ऐसे घर भी हैं जो इस बारिश की वजह से गिर गए हैं. सितंबर का महीना लोगों के लिए सितमगर बन गया है और बारिश बन कर लोगों के घरों पर आफत बरसा रहा है. जहां एक तरफ जिला प्रशासन के द्वारा बरसात के मौसम में होने वाली जल निकासी की समस्याओं को लेकर सारी व्यवस्थाएं पूरे करने के दावे किए गए थे. वहीं दूसरी तरफ लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है और जलभराव की समस्याओं से जनता जूझ रही है.

वहीं दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन मूक बनकर कर बैठा हुआ है. अब देखने वाली बात यह होगी कि लोगों को जलभराव की समस्या से कब निजात मिलती है.

Intro:राजधानी लखनऊ मैं बारिश ने अपना कहर लोगों के घरों पर ढाया है जहां एक तरफ लोगों के घरों में बरसात का पानी घुसा है वहीं दूसरी तरफ कई लोगों के मकान भी बारिश में ढह गए हैं।


Body:मामला राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज का है जहां संकटमोचन मोहल्ले में कई लोगों के घरों में पानी घुस गया है वहीं कई लोगों के मकान भी बारिश की वजह से ढह गए हैं।

यह वही मोहल्ला है जिस पर पिछले दिनों गंदगी फैलाने को लेकर के प्रशासन के द्वारा एफ आई आर दर्ज की गई थी वही स्थानीय निवासियों का कहना है कि ग्राम प्रधान व जिलाधिकारी को भी जल निकासी की समस्याओं से अवगत कराया गया लेकिन अब तक उस पर कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई है वही तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि लोगों के घरों तक पानी किस कदर जा पहुंचा है जिससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

वहीं कई ऐसा घर भी हैं जो इस बारिश की वजह से गिर गए हैं सितंबर का महीना लोगों के लिए सितमगर बन गया है और बारिश बन कर लोगों के घरों पर आफत बरसा रहा है। जहां एक तरफ जिला प्रशासन के द्वारा बरसात के मौसम में होने वाली जल निकासी की समस्याओं को लेकर सारी व्यवस्थाएं पूरे करने के दावे किए गए थे वहीं दूसरी तरफ लोगों के घरों में भरा हुआ पानी और जलभराव की समस्याओं से जनता जूझ रही है।

बाइट- पान पत्ती (स्थानीय निवासी)
बाइट-सिंपी(स्थानीय निवासी)
बाइट-संजय(स्थानीय निवासी)
बाइट-बिंदू(स्थानीय निवासी)
पीटीसी योगेश मिश्रा




Conclusion:जहां एक तरफ सितंबर सितमगर बनकर लोगों पर कहर बरपा रहा है वहीं दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन मूक बनकर कर बैठा हुआ है वहीं अब देखने वाली बात होगी कि कब लोगों को जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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