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आगरा के दोनों सांसदों का कटा टिकट, भाजपा ने उतारे नए प्रत्याशी

भाजपा ने होली के दिन गुरुवार को अपने 184 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. इनमें यूपी के 80 सीटों में से 28 सीटें भी रहीं. कई पुराने चेहरे फिर सामने आए, लेकिन कई वर्तमान सांसदों पर गाज भी गिरी है. आगरा से दोनों भाजपा सांसद को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है.

एसपी सिंह बघेल
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Published : Mar 21, 2019, 11:57 PM IST

आगरा: बीजेपी ने गुरुवार को आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीट के प्रत्याशी घोषित कर दिए. इनमें से दोनों वर्तमान सांसदों के नाम काट दिए गए, जिसके कयास लगाये जा रहे थे. आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सांसदों को दोबारा टिकट न मिलने की चर्चाएं जोरो पर थीं. गुरुवार को बीजेपी की समिति के प्रभारी जेपी नड्डा ने आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए. सूची में बीजेपी ने मौजूदा सांसदों के टिकट काटकर नए महारथियों पर दांव खेला है. पार्टी ने जहां आगरा सुरक्षित सीट से सूबे के कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल पर दांव खेला है, तो फतेहपुर सीकरी में जाट वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए एक बार फिर जाट प्रत्याशी के रूप में राजकुमार चाहर को मैदान में उतारा गया है. दोनों ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बीजेपी में जोश की लहर है और लोगों ने आतिशबाजी की.

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एसपी सिंह बघेल


आगरा सुरक्षित सीट से 3 बार से लगातार सांसद रहे राम शंकर कठेरिया का आखिरकार बीजेपी ने टिकट काट दिया. रामशंकर कठेरिया हाल में एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष रहे. आगरा से सांसद हैं, लेकिन आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट की जलेसर विधानसभा और एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार उनका विरोध हो रहा था. गांवों में जनसंपर्क के समय लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाने के साथ ही उनके खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसके साथ ही बीजेपी में एक असंतुष्ट गुट भी लगातार रामशंकर कठेरिया की शिकायत वरिष्ठ पदाधिकारियों तक पहुंचा रहा था. इतना ही नहीं अभी बीजेपी की ओर से हाल में लोगों को जोड़ने के लिए चलाए गए अभियानों में भी सांसद रामशंकर कठेरिया की सहभागिता बहुत कम थी. इसके साथ ही हाल में धनगर के प्रमाण पत्र को लेकर भी कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल और एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया में ठनी हुई थी.दोनों नेता कई बार मंच से भी एक-दूसरे के खिलाफ आग उगल चुके थे. इससे पार्टी की छवि खराब हो रही थी.

इन सब वजहों से ही बीजेपी ने सूबे के कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल पर आगरा सुरक्षित सीट से दांव खेला है. उन्हें यहां प्रत्याशी बनाया गया है.इसकी दूसरी वजह यह भी है कि एसपी सिंह बघेल पूर्व में भी जलेसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर सांसद रह चुके हैं और आगरा सुरक्षित सीट पर जलेसर और एत्मादपुर दोनों ही विधानसभा थीं. ऐसे में एसपी सिंह बघेल की दावेदारी काफी हद तक पार्टी के लिए सही है.

वहीं, बीजेपी में फतेहपुर सीकरी के सांसद बाबूलाल चौधरी के टिकट कटने को लेकर काफी समय से गर्म थी. बीजेपी की ओर से जारी की गई सूची में उनकी जगह पार्टी ने किसान नेता और बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारी राजकुमार चाहर को प्रत्याशी बनाया है. क्योंकि अभी हाल में बसपा ने फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट में ठाकुर वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए पैराशूट प्रत्याशी के रूप में दिल्ली के राजवीर सिंह को उतारा है. ऐसे में बीजेपी के सामने अब जाट वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए ऐसे प्रत्याशी की तलाश थी,जो जाट हो और उसकी छवि अच्छी और साफ हो. इसलिए बीजेपी ने चौधरी बाबूलाल की जगह राजकुमार को फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी बनाया है.

आगरा: बीजेपी ने गुरुवार को आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीट के प्रत्याशी घोषित कर दिए. इनमें से दोनों वर्तमान सांसदों के नाम काट दिए गए, जिसके कयास लगाये जा रहे थे. आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से सांसदों को दोबारा टिकट न मिलने की चर्चाएं जोरो पर थीं. गुरुवार को बीजेपी की समिति के प्रभारी जेपी नड्डा ने आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए. सूची में बीजेपी ने मौजूदा सांसदों के टिकट काटकर नए महारथियों पर दांव खेला है. पार्टी ने जहां आगरा सुरक्षित सीट से सूबे के कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल पर दांव खेला है, तो फतेहपुर सीकरी में जाट वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए एक बार फिर जाट प्रत्याशी के रूप में राजकुमार चाहर को मैदान में उतारा गया है. दोनों ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बीजेपी में जोश की लहर है और लोगों ने आतिशबाजी की.

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आगरा सुरक्षित सीट से 3 बार से लगातार सांसद रहे राम शंकर कठेरिया का आखिरकार बीजेपी ने टिकट काट दिया. रामशंकर कठेरिया हाल में एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष रहे. आगरा से सांसद हैं, लेकिन आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट की जलेसर विधानसभा और एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार उनका विरोध हो रहा था. गांवों में जनसंपर्क के समय लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाने के साथ ही उनके खिलाफ नारेबाजी भी की थी. इसके साथ ही बीजेपी में एक असंतुष्ट गुट भी लगातार रामशंकर कठेरिया की शिकायत वरिष्ठ पदाधिकारियों तक पहुंचा रहा था. इतना ही नहीं अभी बीजेपी की ओर से हाल में लोगों को जोड़ने के लिए चलाए गए अभियानों में भी सांसद रामशंकर कठेरिया की सहभागिता बहुत कम थी. इसके साथ ही हाल में धनगर के प्रमाण पत्र को लेकर भी कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल और एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया में ठनी हुई थी.दोनों नेता कई बार मंच से भी एक-दूसरे के खिलाफ आग उगल चुके थे. इससे पार्टी की छवि खराब हो रही थी.

इन सब वजहों से ही बीजेपी ने सूबे के कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल पर आगरा सुरक्षित सीट से दांव खेला है. उन्हें यहां प्रत्याशी बनाया गया है.इसकी दूसरी वजह यह भी है कि एसपी सिंह बघेल पूर्व में भी जलेसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर सांसद रह चुके हैं और आगरा सुरक्षित सीट पर जलेसर और एत्मादपुर दोनों ही विधानसभा थीं. ऐसे में एसपी सिंह बघेल की दावेदारी काफी हद तक पार्टी के लिए सही है.

वहीं, बीजेपी में फतेहपुर सीकरी के सांसद बाबूलाल चौधरी के टिकट कटने को लेकर काफी समय से गर्म थी. बीजेपी की ओर से जारी की गई सूची में उनकी जगह पार्टी ने किसान नेता और बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारी राजकुमार चाहर को प्रत्याशी बनाया है. क्योंकि अभी हाल में बसपा ने फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट में ठाकुर वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए पैराशूट प्रत्याशी के रूप में दिल्ली के राजवीर सिंह को उतारा है. ऐसे में बीजेपी के सामने अब जाट वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए ऐसे प्रत्याशी की तलाश थी,जो जाट हो और उसकी छवि अच्छी और साफ हो. इसलिए बीजेपी ने चौधरी बाबूलाल की जगह राजकुमार को फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी बनाया है.

Intro:आगरा।
बीजेपी की ओर से गुरुवार को आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीट के प्रत्याशी घोषित कर दिए गए। आखिरकार बीजेपी ने वही किया, जिसको लेकर आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट को लेकर चर्चाएं हो रही थी, कि दोनों ही सांसदों का टिकट कट सकता है। गुरुवार को बीजेपी की समिति के प्रभारी जेपी नड्डा ने आगरा जिले की दोनों लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए। सूची में बीजेपी ने मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर नए महारथियों पर दांव खेला है। पार्टी ने जहां आगरा सुरक्षित सुरक्षित सीट से सूबे के केबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल पर दांव खेला है , तो फतेहपुर सीकरी में जाट वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए एक बार फिर जाट प्रत्याशी के रूप में राजकुमार चाहर को मैदान में उतारा है। दोनों ही प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बीजेपी में जोश की लहर है और लोगों ने आतिशबाजी की।


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आगरा सुरक्षित सीट से 3 बार से लगातार सांसद रहे रामशंकर कठेरिया का आखिरकार बीजेपी ने टिकट काट दिया। राम शंकर कठेरिया हाल में एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष हैं। आगरा से सांसद हैं, लेकिन आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट की जलेसर विधानसभा और एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार उनका विरोध हो रहा था। गांवों में जनसंपर्क के समय लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाने के साथ ही उनके खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे। इसके साथ ही बीजेपी में एक असंतुष्ट गुट भी लगातार रामशंकर कठेरिया की शिकायत वरिष्ठ पदाधिकारियों तक पहुंचा रहा था। इतना ही नहीं अभी बीजेपी की ओर से हाल में बीजेपी से लोगों को जोड़ने के लिए चलाए गए अभियानों में भी सांसद रामशंकर कठेरिया की सहभागिता बहुत कम थी। इसके साथ ही हाल में धनगर के प्रमाण पत्र को लेकर भी कैबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल और एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया में ठनी हुई थी। दोनों नेता कई बार मंच से भी एक दूसरे के खिलाफ आग उगल चुके थे। इससे पार्टी की छवि खराब हो रही थी, इसके चलते ही बीजेपी ने सूबे के केबिनेट मिनिस्टर एसपी सिंह बघेल पर आगरा सुरक्षित सीट से दांव खेला है। उन्हें प्रत्याशी बना है। इसकी दूसरी वजह यह भी है कि एसपी सिंह बघेल पूर्व में भी जलेसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर सांसद रह चुके हैं और आगरा सुरक्षित सीट पर जलेसर और एत्मादपुर दोनों ही विधान विधान सभा थीं। ऐसे में एस पी सिंह बघेल की दावेदारी काफी हद तक पार्टी के लिए सही है।
वहीं बीजेपी में फतेहपुर सीकरी की फतेहपुर सीकरी के सांसद बाबूलाल चौधरी के टिकट कटने को लेकर काफी समय से गर्म थी। बीजेपी की ओर से जारी की गई सूची में उनकी जगह पार्टी ने किसान नेता और बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारी राजकुमार चाहर को प्रत्याशी बनाया है। क्योंकि अभी हाल में बसपा ने फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट में ठाकुर वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए पैरासूट प्रत्याशी के रूप में दिल्ली के राजवीर सिंह को उतारा है। ऐसे में बीजेपी के सामने अब जाट वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए ऐसे प्रत्याशी की तलाश थी,जो जाट हो और उसकी छवि अच्छी और साफ हो। इसलिए बीजेपी ने चौधरी बाबूलाल की जगह राजकुमार को फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी बनाया है।


Conclusion:दोनों के फोटो एफटीपी से भेज रहा हूं। दोनों की बाइट सुबह करके भेजी जाएगी।


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UP_Agra_21March2019_BJP Candidate
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