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अद्भुत है पंचमुखी महादेव मंदिर, शिवरात्रि को गंगाधर राव के साथ आती थीं रानी लक्ष्मीबाई

नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तरह झांसी का पंचमुखी महादेव मंदिर भी बहुत पुराना है. पशुपतिनाथ मंदिर की तरह ही यहां खूबसूरत पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है, लोगों का कहना है कि इस मंदिर में महारानी लक्ष्मीबाई अक्सर दर्शन करने के लिए आया करती थीं. शिवरात्रि को महाराज गंगाधर राव के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक भी करती थीं.

शहर में सबसे पुराना है पंचमुखी महादेव मंदिर
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Published : Mar 1, 2019, 6:47 PM IST

झांसी: नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तरह झांसी का पंचमुखी महादेव मंदिर भी बहुत पुराना है. पशुपतिनाथ मंदिर की तरह ही यहां खूबसूरत पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है. इस मंदिर में गंगा, गणेश, गौरी, लक्ष्मी, नारायण और वरुण देवता की भी मूर्ति स्थापित है.

लोगों का कहना है कि इस मंदिर में महारानी लक्ष्मीबाई अक्सर दर्शन करने के लिए आया करती थीं. शिवरात्रि को महाराज गंगाधर राव के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक भी करती थीं.

इस मंदिर के पुजारी बाबा रामदास बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना 1462 में हुई थी. यही नगर का सबसे पुराना मंदिर है. बाद में सभी मंदिरों के निर्माण हुए. इस मंदिर के पास में ही रुद्र अवतार हनुमान जी का भी मंदिर है. मंदिर में आज भी बड़ी तादात में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.

अद्भुत है पंचमुखी महादेव मंदिर.

स्थानीय निवासी हरभजन यादव ने बताया कि मेरे दादा और परदादा बताते थे कि इस मंदिर के आस-पास ही झांसी की रानी का रेजीमेंट था. ये मंदिर भी रानी झांसी के किले के परकोटे के अंदर था. अब इस मंदिर की देखरेख नगर निगम के पास है.

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झांसी: नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तरह झांसी का पंचमुखी महादेव मंदिर भी बहुत पुराना है. पशुपतिनाथ मंदिर की तरह ही यहां खूबसूरत पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है. इस मंदिर में गंगा, गणेश, गौरी, लक्ष्मी, नारायण और वरुण देवता की भी मूर्ति स्थापित है.

लोगों का कहना है कि इस मंदिर में महारानी लक्ष्मीबाई अक्सर दर्शन करने के लिए आया करती थीं. शिवरात्रि को महाराज गंगाधर राव के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक भी करती थीं.

इस मंदिर के पुजारी बाबा रामदास बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना 1462 में हुई थी. यही नगर का सबसे पुराना मंदिर है. बाद में सभी मंदिरों के निर्माण हुए. इस मंदिर के पास में ही रुद्र अवतार हनुमान जी का भी मंदिर है. मंदिर में आज भी बड़ी तादात में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.

अद्भुत है पंचमुखी महादेव मंदिर.

स्थानीय निवासी हरभजन यादव ने बताया कि मेरे दादा और परदादा बताते थे कि इस मंदिर के आस-पास ही झांसी की रानी का रेजीमेंट था. ये मंदिर भी रानी झांसी के किले के परकोटे के अंदर था. अब इस मंदिर की देखरेख नगर निगम के पास है.

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Intro:झांसी : नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तरह झांसी का पंचमुखी महादेव मंदिर भी बहुत पुराना है. नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तरह ही यहां खूबसूरत पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है. इस मंदिर में गंगा, गणेश, गौरी, लक्ष्मी, नारायण और वरुण देवता की मूर्ति भी स्थापित है. इस मंदिर मैं महारानी लक्ष्मीबाई अक्सर दर्शन करने के लिए आया करती थी और शिवरात्रि को महाराज गंगाधर राव के साथ भोलेनाथ का जलाभिषेक करती थीं.


Body:जनपद मुख्यालय के शहर कोतवाली क्षेत्र में स्थापित इस मंदिर के पुजारी बाबा राम दास बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना 1462 में हुई थी. इस मंदिर का निर्माण गुसाईंयों के समय से भी पहले का है. य हम कह सकते हैं कि नगर का यह सबसे पुराना मंदिर है. बाद में सभी मंदिरों के निर्माण हुए हैं. इस मंदिर के पास में ही उनके रूद्र अवतार हनुमान जी का भी मंदिर स्थापित है. मंदिर में आज भी बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. भगवान शिव भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं. मंदिर की महिमा झांसी के अलावा कई शहरों में प्रचलित है.


Conclusion:वहीं स्थानीय निवासी हरभजन यादव का कहना है कि मेरे दादा और परदादा बताते थे कि इस मंदिर के आसपास ही रानी झांसी की रेजीमेंट रहती थी. पास में ही रघुनाथ राव का महल है जहां उनके जेठ रहा करते थे. ये मंदिर भी रानी झांसी के किले के परकोटे के अंदर था. एक समय जब शहर नहीं बस आता तब यह बहुत सुंदर स्थान हुआ करता था. अब इस मंदिर की देखरेख नगर निगम के पास है. कुछ साल पहले ही मंदिर के चारों तरफ पेड़ पौधे लगाए गए हैं और केंपस को साफ-सुथरा किया गया है.

बाइट- रामदास मंदिर के पुजारी।
बाइट- लालजी, स्थानीय निवासी।
बाइट- रविंद्र कुमार सिंह, स्थानीय निवासी।
बाइट- हरभजन यादव, स्थानीय निवासी।



Regards
Ram Naresh Yadav
Jhansi
9458784159
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