शामली: जेल भरो आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन को धरना प्रदर्शन की अनुमति प्रशासन ने नहींं दी है. दो लाख समर्थकों के साथ जेल जाने की चेतावनी देने वाले विधायक ने 50 हजार समर्थकों के साथ गिरफ्तारी देने की अनुमति जिला प्रशासन से मांगी थी, लेकिन मजिस्ट्रेट ने इसकी अनुमित नहीं दी. साथ ही कानून व्यवस्था भंग करने की कोशिश करने पर सख्त कार्रवाई करने की हिदायद भी दी है.
जिले के कैराना विधानसभा सीट से सपा विधायक नाहिद हसन पुलिस पर निर्दोष लोगों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए इन दिनों आंदोलन कर रहे हैं. कैराना कोतवाली पहुंचकर उन्होंने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए. उसके बाद पुलिस के खिलाफ जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी. इस दौरान विधायक की पुलिस के साथ नोक-झोंक भी हुई. कैराना कोतवाली पर हुए मामले में पुलिस ने विधायक सहित उनके करीब 40 समर्थकों पर केस दर्ज किया है.
नाहिद हसन ने दो नवंबर को कैराना के मोहल्ला आर्यपुरी स्थित सेलर से 50 हजार लोगों के साथ धरना देने व उसके बाद गिरफ्तारी देने के लिए उप जिला मजिस्ट्रेट कैराना से अनुमित मांगी थी. मजिस्ट्रेट उद्भव त्रिपाठी ने बताया कि विधायक को धरना और गिरफ्तारी देने की अनुमति नहीं दी गई है. उन्होंने बताया कि धरना प्रदर्शन के चलते कानून व्यवस्था भंग हो सकती है. मौजूदा समय में धरना प्रदर्शन कोविड गाइडलाइन एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम के भी खिलााफ है.
अब तक का घटनाक्रम
29 अक्तूबर: सपा विधायक ने दोपहर के समय काफी समर्थकों के साथ कैराना कोतवाली पहुंचकर पुलिस पर निर्दोषों पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. इस दौरान पुलिस से विधायक की नोक-झोंक भी हुई थी.
29 अक्टूबर: शाम के समय विधायक ने कैराना स्थित अपने आवास पर प्रेसवार्ता करते हुए दो नवंबर को जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी थी.
31 अक्टूबर: विधायक ने 50 हजार समर्थकों के साथ पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर गिरफ्तारी देने की अनुमति मांगी.
31 अक्टूबर: भाजपा के दो स्थानीय नेताओं ने विधायक पर कानून व्यवस्था के उल्लंघन की कोशिश का आरोप लगाया.