लखनऊ: बिजली विभाग में आउटसोर्सिंग के जरिए काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को संबंधित कंपनियों ने कई महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया है. इनमें से कई कर्मचारी अभी कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे हैं. ऐसे में इन कर्मचारियों के सामने दोहरी मुसीबत आ खड़ी हुई है. वहीं कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जो कर्मचारी काम पर आ रहे हैं, उन्हें भी कोविड गाइडलाइन के मुताबिक सैनिटाइजर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं. ना ही विद्युत उपकेंद्र को ही सैनिटाइज किया जा रहा है.
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यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक को सौंपा मांग पत्र
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ ने यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक को इस संबंध में दिए पत्र में कहा है कि मेसर्स ओरियन सिक्योरिटी सलूशन प्राइवेट लिमिटेड ने फतेहपुर, देवरिया, कुशीनगर, सुलतानपुर, आजमगढ़, बलिया जिलों में मार्च माह के वेतन का भुगतान अभी तक नहीं किया है. जबकि, सर्च ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (SBECPL) ने जौनपुर जिले के कर्मचारियों को दिसंबर माह से तथा कुछ कर्मचारियों को फरवरी माह से वेतन का भुगतान नहीं किया है. वहीं मैसेज पीडीएफ कंपनी ने बिजनौर और फर्रुखाबाद जिले में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों के वेतन से ढाई हजार रुपये की गलत तरीके से कटौती करके मार्च माह के वेतन का भुगतान किया है. इसके अलावा मेसर्स नेशनल कंपनी ललितपुर और अररिया में वेतन का भुगतान नहीं कर सकी है और मैसेज रामाइन्फोटेक प्रयागराज में संविदा कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर रही है.
सगे संबंधियों के नाम हो रहा फर्जी भुगतान
पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडे ने आरोप लगाया कि संबंधित कंपनियां अपने कुछ अधिकारियों के सगे संबंधियों के नाम से फर्जी भुगतान करा रही हैं.
मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को मिले मुआवजा
संगठन के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि कार्य के दौरान कोरोना संक्रमित होकर मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और उनके बकाया वेतन के भुगतान के साथ-साथ अन्य हित लाभ भी दिए जाने चाहिए. उन्होंने सभी कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर, क्लास ड्यूटी पास देने तथा बिजली उपकेंद्र के आस-पास सैनिटाइजेशन कराए जाने की भी मांग की है.