बदायूं: भ्रष्टाचार और मरीजों से अवैध वसूली के लिए पहले से बदनाम बदायूं जिला महिला अस्पताल के हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं. कर्मचारियों की लापरवाही से महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में एक मासूम की जान जाते-जाते बच गई. एसएनसीयू वार्ड में लगे एक वार्मर में नवजात को लिटाने से पहले ही करंट आ गया और नर्स को करंट लगा, जिससे नवजात की जान बच गई. बच्चों के वार्ड में मशीनों के रख-रखाव में बड़ी खामी उजागर हुई है.
जानें क्या है पूरा मामला
- जिला महिला अस्पताल में नवजात बच्चों के इलाज के लिए एसएनसीयू वार्ड बना हुआ है.
- जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू में एक दिन पहले सीएचसी से पहुंचे दो वार्मर में से एक में बुधवार सुबह करंट आ गया.
- स्टाफ उस पर नवजात को शिफ्ट करने जा रहा था.
- अस्पताल में बीमार नवजात शिशु को वार्मर में रखने से पहले जब वहां तैनात नर्स ने वार्मर को चालू किया तो वार्मर में करंट आ गया.
- करंट से नर्स को झटका लग गया.
- घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया.
- साल भर पहले शासन से जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू को 20 वार्मर मिले थे, जबकि 5-5 सीएचसी स्तर पर भेजे गए थे.
- समरेर, बिनावर और बिल्सी सीएचसी से दो-दो वार्मर महिला अस्पताल में बच्चों की संख्या बढ़ने पर मंगवाए गए थे, क्योंकि सीएचसी पर अभी एसएनसीयू सेवा शुरू नहीं है.
वार्मर नया आया था. उसमें बच्चों को रखने से पहले चेक किया जाता है कि वार्मर सही है या खराब. वार्मर में करंट आने पर तुरंत ही टेक्नीशियन को बुलाकर सही करवाया गया. उस समय नर्स वार्मर में बच्चे को रखने जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही स्टाफ को करंट लग गया और बच्चा रखने से बचा लिया गया.
-डॉ संदीप, जिला महिला अस्पताल
वार्मर नया आया था और उसको चालू करते ही उसमें करंट आ गया. इसको तत्काल प्रभाव से इंजीनियर को दिखाकर ठीक करा लिया गया है. अभी हमारे पास 12 वार्मर हैं. इनकी संख्या बढ़ाने को लिखा गया है. जल्द ही और वार्मर भी हमें मिल जाएंगे.
-डॉ रेखा रानी, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल