संबलपुर : ओडिशा के संबलपुर में जिला अदालत परिसर में तोड़फोड़ में कथित संलिप्तता के आरोप में 17 वकीलों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. संबलपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बी गंगाधर ने कहा कि सोमवार को जिले में उड़ीसा उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ की स्थापना की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई घटना के संबंध में टाउन पुलिस थाने में तीन मामले दर्ज किए गए.
उन्होंने कहा, “अब तक, हमने जिला न्यायाधीश के कक्ष में तोड़फोड़ करने के आरोप में 17 वकीलों को गिरफ्तार किया है. उनमें से नौ को अदालत में पेश किया गया और बाद में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.” गंगाधर ने कहा कि घटना में शामिल अन्य लोगों को न्यायाधीश के कक्ष के पास लगे सीसीटीवी से फुटेज का विश्लेषण करने के बाद गिरफ्तार किया जाएगा. एसपी ने यह भी कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कचेरी छक में धरना स्थल पर सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई है और निषिद्ध क्षेत्र के 200 मीटर के दायरे में प्रवेश करने पर कार्रवाई की जाएगी.
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को ओडिशा सरकार से कहा था कि वह बताए कि उसने राज्य में अदालतों के कामकाज में व्यवधान रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है, जहां कुछ जिलों में वकील आंदोलन कर रहे हैं. न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर राज्य पुलिस को फटकार लगाई, जिन्होंने जिला अदालत परिसर में कथित तौर पर तोड़फोड़ की थी. भारतीय बार परिषद (बीसीआई) पहले ही 18 महीने की अवधि के लिए 29 आंदोलनकारी वकीलों के ‘प्रैक्टिस के लाइसेंस’ को निलंबित कर चुकी है.
14 और वकीलों के लाइसेंस निलंबित : बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने 18 महीने की अवधि के लिए 14 और वकीलों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. बीसीआई ने 12 दिसंबर को 29 आंदोलनकारी वकीलों के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे. हाई कोर्ट की स्थायी बेंच की मांग सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए वेस्टर्न ओडिशा के ऑल बार एसोसिएशन की सेंट्रल एक्शन कमेटी ने विरोध प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला किया है.
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