अयोध्या : 7 सितंबर को अयोध्या के रुदौली ग्रामीण इलाके में प्रस्तावित हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की जनसभा को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. रविवार को अयोध्या के तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास रुदौली पहुंचे. जहां उन्होंने उन स्थानों का निरीक्षण किया. जहां पर ओवैसी को जनसभा करनी है. निरीक्षण के दौरान मंहत परमहंस दास ने साफतौर पर कहा कि संवैधानिक रूप से इस जिले का नाम अब अयोध्या हो चुका है. अगर ओवैसी को अयोध्या में जनसभा करनी है, तो वो आ सकते हैं. लेकिन अगर किसी बैनर-पोस्टर पर फैजाबाद का नाम लिखा पाया गया तो कोई जनसभा अयोध्या का संत समाज नहीं करने देगा.
आपको बता दें कि ओवैसी की जनसभा को लेकर रुदौली में लगाए गए बैनर में जनपद का नाम फैजाबाद लिखा है. जिसे लेकर अयोध्या के संतों ने कड़ी आपत्ति जताई है. रुदौली में तपस्वी छावनी के उत्तरीधिकारी महंत परमहंस दास ने कहा कि जो भी अयोध्या आएगा, उसको अयोध्या स्वीकार करना होगा. अयोध्या की सीमा में कोई कार्यक्रम करना है, तो पोस्टर पर अयोध्या लिखना होगा. प्रदेश सरकार ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या रख दिया है. इसलिए अब ओवैसी को संविधान का पालन करना होगा.
चेतावनी देते हुए परमहंस ने कहा कि अगर फैजाबाद पोस्टर पर लिखकर कार्यक्रम करते हैं, तो फिर कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा. परमहंस ने चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो फिर ओवैसी कार्यक्रम करके दिखाएं. अगर ओवैसी को रुदौली में कार्यक्रम करना है तो पोस्टर पर फैजाबाद की जगह अयोध्या लिखना होगा. परमहंस ने कहा कि ओवैसी जिन्ना बनना चाहता है. अयोध्या में इस समय भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने मुसलमानों को 5 एकड़ जमीन दी है. ओवैसी सियासी लाभ के लिए हिंदू मुस्लिम को लड़ाना चाहता है.
पढ़ेंः मध्य प्रदेश : MBBS के छात्र पढ़ेंगे RSS का 'पाठ', नोटशीट लीक होने पर बढ़ा विवाद