वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में चल रहे एएसआई सर्वे का सोमवार को चौथा दिन था. शाम लगभग 4:45 बजे चौथे दिन की कार्यवाही पूरी कर ली गई. 24 जुलाई को हुए सर्वे के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सर्वे की कार्यवाही हो रही है. इस दौरान रविवार को हुए सर्वे में एएसआई की टीम ने महत्वपूर्ण कार्य करते हुए परिसर में स्थित मुख्य भवन और हॉल के साथ ही व्यास जी के तहखाने की बारीकी से जांच पड़ताल की. इसके अलावा मस्जिद के गुंबद के नीचे क्या है, इसकी सत्यता जानने की कोशिश भी की गई. फिलहाल रोज सुबह 8 बजे से कार्यवाही शुरू होने के बाद आज समय में परिवर्तन किया गया था. इसकी वजह रहा सावन का सोमवार. विश्वनाथ मंदिर में होने वाली जबरदस्त भीड़ को देखते हुए आज सर्वे की कार्रवाई 11 बजे से शुरू हुई. 10:30 बजे तक दोनों पक्षों के अलावा एएसआई की टीम अंदर प्रवेश कर गई थी. शाम तक सोमवार की कार्यवाही पूरी कर ली गई.
गुंबद पर है टीम का पूरा ध्यान : वादिनी पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि सर्वे का काम बहुत ही अच्छे तरीके से चल रहा है. इसके लिए अभी अलग-अलग मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है. जीपीएस तकनीक से एडवांस तकनीकी मशीन और अन्य कई तरह की मशीनें लगाई गईं हैं. यह मशीनें सीधे नेटवर्क से जुड़कर काम करती हैं. इसके लिए बड़े-बड़े एंटीना भी लगाए गए हैं. इसके अतिरिक्त व्यास जी के तहखाने में भी टीम दाखिल हुई. वहां पर जांच की कार्यवाही की गई. पूरा ध्यान मुख्य गुंबद पर ही लगा हुआ है. टीम ने कल भी गुंबद पर ही सर्वे की कार्रवाई की थी और मशीनों का प्रयोग करके उसके अंदर यह जांचने की कोशिश की थी कि गुंबद के नीचे क्या चीजें मौजूद हैं. उसके नीचे का स्ट्रक्चर किस सदी का है, आज भी टीम ने गुंबद के ऊपरी हिस्से में जाकर इसकी तकनीक जानने की कोशिश की है.
दीवारों पर मिले स्ट्रक्चर की जांच : गुंबद के ऊपर भी चढ़े कुछ एक्सपर्ट्स ने ऊपरी हिस्से पर मशीन लगाकर उसके अंदर निर्माण की स्थिति जानने का प्रयास किया है. इसके अलावा जहां पर नमाज अदा की जाती है, यानी मुख्य हॉल हॉल के अंदर दीवारों पर मिले स्ट्रक्चर की जांच की गई है. सुधीर त्रिपाठी का कहना है कि यह जांच कब तक चलेगी यह तो अभी नहीं स्पष्ट है, लेकिन सर्वे की कार्यवाही बहुत ही बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है और तीन चीजों को बारीकी से पढ़ रही है. वहीं सुभाष चतुर्वेदी ने बताया कि टीम के द्वारा मस्जिद के हर हिस्से की जांच की जा रही है. पश्चिमी दीवार पर विशेष फोकस किया गया है, कहीं से कोई कोर कसर न रह जाए, इसलिए टीम ने चार अलग-अलग हिस्सों में खुद को बांटकर काम शुरू किया है. एक टीम खाने में एक टीम गुंबद वाले हिस्से में हॉल पर एक पश्चिमी दीवार पर काम कर रही है. कल सुबह 8:00 बजे से सर्वे की कार्रवाई शुरू की जाएगी
वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज सावन के सोमवार की वजह से सर्वे की कार्रवाई में देरी की गई है. सर्वे की कार्यवाही में मुख्य अलग-अलग तीन बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है, जिसमें सबसे पहले मेज़रमेंट, दूसरा 3D ग्राफिक्स व मैपिंग और तीसरा मशीनों का प्रयोग. तीनों अलग-अलग काम करने के लिए अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं. अभी तक के सर्वे में सेंटर डोम के नीचे तीन गुंबद का सर्वे किया गया है. पश्चिमी दीवार पर विशेष टीम को लगाया गया है. इसके अलावा व्यास जी के तहखाने और मस्जिद की जमीनों को मशीनों के जरिए चेक किया गया है. एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में मौजूद है. अंदर सीलन और गर्मी के कारण 4 एग्जास्ट फैन लगाकर सर्वे की कार्यवाही की जा रही है. जीएनएसएस तकनीक के जरिए पूरे तहखाने की थ्रीडी मैपिंग की जा रही है.
विष्णु शंकर जैन का कहना है कि जीपीएस की एडवांस मशीन तकनीक का प्रयोग करके चीजों को सेंट्रलाइज तरीके से नेटवर्क कनेक्ट करके यह काम किया जा रहा है. अभी जीपीआर तकनीक का प्रयोग नहीं किया गया है. एक-दो दिन में यह तकनीक इस्तेमाल की जाएगी. वहीं, सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि कार्य तेजी से हो रहा है. कहीं, कोई दिक्कत नहीं है. आज 11 बजे से सर्वे की शुरुआत होनी थी, उसमें थोड़ी देरी हुई है. 12:30 बजे तक सर्वे होगा. फिर उसके बाद 2:30 बजे तक लंच के लिए सर्वे रोका जाएगा. इसके बाद 5 बजे तक सर्वे की कार्यवाही चलेगी. जो भी जांच है, उसकी लिस्ट बनाकर कार्यवाही आज आगे बढ़ाई जाएगी.
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की टीम कहीं से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रही है. हर हिस्से पर एएसआई की टीम द्वारा फोटोग्राफी करवाने के साथ वीडियोग्राफी करने का काम किया जा रहा है. टीम में ड्राफ्टमैन सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. वाराणसी में जिला अध्यक्ष के आदेश पर 24 जुलाई को सबसे पहले एएसआई की टीम ने सर्वे की शुरुआत की थी. इसमें ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम जीपीएस से पूरे परिसर का डिजिटल मैप भी तैयार किया गया था. इसके बाद लगातार एएसआई की टीम डिजिटल तरीके से मैपिंग का काम 3D तकनीक के जरिए भी कर रही है.
सूत्रों ने बताया कि इस तकनीक का प्रयोग करने के लिए खास तौर पर एक एंटीना काशी विश्वनाथ धाम में मौजूद ऊंची इमारत पर लगाया गया था और नीचे मौजूद छड़ीनुमा मशीनों से इसे जोड़कर सीधे मिल रहे सिग्नल के जरिए एक बड़े से लैपटॉप पर पूरे परिसर की 3D इमेज तैयार करने का काम किया गया था. पूरे क्षेत्र की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई दर्ज करने का कम इन तीन दिनों के अंदर किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ड्राफ्टमैन निभा रहे हैं. पूरे परिसर का एक दस्तावेज तैयार कर रहे हैं. परिसर में मौजूद साक्ष की कितनी लंबाई है, इनकी चौड़ाई कितनी है और आकार में यह कितने बड़े और छोटे हैं, यह सारी डिटेल ड्राफ्ट में अपने रजिस्टर में मेंटेन कर रहे हैं. गुंबद की जांच के लिए पहुंची टीम ने कल गुंबद और उसके नीचे मौजूद हिस्से की जांच भी की. जिसे हिंदू पक्ष बार-बार शिकार बता रहा है
हिंदू पक्ष का कहना है कि गुंबद के नीचे मंदिर की तीन शिखर मौजूद हैं. इसके ऊपर ही गुंबद का निर्माण किया गया है. इसे ठोकने पर थपथप की आवाज भी आती है. इस वजह से एएसआई की टीम मशीनों के जरिए इसके नीचे की सत्यता जानने की कोशिश कर रही है. सर्वे में 42 सदस्य हैं. हर हिस्से की जांच करने के लिए अलग-अलग हिस्सों में इन सदस्यों को टीम के रूप में बांटा गया है. कुल 4 टीमें बनाई गई हैं, जो अलग-अलग हिस्सों की जांच कर रही हैं. इस टीम में अधिकतर वह लोग शामिल हैं, जो पहले राम जन्मभूमि पर एएसआई सर्वे के दौरान मौजूद रहे हैं. जिसको लीड असिस्टेंट डायरेक्टर एएसआई आलोक त्रिपाठी कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त कानपुर आईआईटी और बीएचयू आईआईटी से जुड़े एक्सपर्ट भी इस टीम में मौजूद हैं.
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