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Fraud In ICICI Bank: बैंक के डिप्टी मैनेजर ने ही लगाया 8.65 करोड़ रुपये का चूना, पुलिस ने किया गिरफ्तार

तेलंगाना के वारंगल जिले में आईसीआईसीआई बैंक में एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें बैंक के डिप्टी मैनेजर ने बैंक के साथ ही धोखाधड़ी की और करीब 8.65 करोड़ रुपये का चूना लगाया.

fraud with bank
बैंक के साथ धोखाधड़ी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 12, 2023, 9:46 PM IST

वारंगल: तेलंगाना में वारंगल जिले के नरसंपेट स्थित आईसीआईसीआई बैंक में धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है. ICICI बैंक के डिप्टी मैनेजर बैरीशेट्टी कार्तिक ने बैंक को चूना लगाकर 8.65 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. आरोप है कि उसने फर्जी रिकॉर्ड बनाकर बैंक का पैसा चुराया. ऑडिटिंग में धोखाधड़ी का पता चलने के बाद बैंक अधिकारियों ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई.

आरोपी कार्तिक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. कार्तिक ने पुलिस को बताया कि उसने चोरी की रकम क्रिकेट सट्टेबाजी में गंवा दी. पुलिस ने कहा कि ग्राहकों को इस घोटाले से कोई परेशानी नहीं हुई है. पुलिस के मुताबिक, बैरीशेट्टी कार्तिक वारंगल जिले के नरसंपेटा शहर में आईसीआईसीआई बैंक के गोल्ड लोन सेक्शन में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत है.

वह गोल्ड लोन, नवीनीकरण और समापन का ध्यान रखता है. कार्तिक सट्टेबाजी में करोड़ों रुपये हार गया. पैसे का भुगतान कैसे किया जाए, इसकी जानकारी नहीं होने पर उसने बैंक को धोखा देने की कोशिश की. उसने 128 ग्राहकों के बैंक गोल्ड लोन खातों का इस्तेमाल किया और 8.65 करोड़ रुपये का हेर-फेर किया. ग्राहक कर्ज चुकाने आते हैं और वह पैसे लेकर उनका सोना लौटा देता है.

लेकिन उसने ऐसा नहीं किया जिसने ऋण खाता बंद कर दिया. वह संबंधित खातों में मासिक ब्याज जमा करता था. वह ग्राहकों के पैसे अपने फर्जी खाते में रखता था. किसी भी ग्राहक ने इसकी शिकायत नहीं की. उसने यह दिखाया गया कि सोने का खाता अभी भी बैंक में चलन में है और यहां के कर्मचारियों को शक भी नहीं हुआ. हालांकि, पिछले साल 14 अगस्त को जब बैंक के ऑडिटिंग अधिकारियों ने खातों की जांच की तो पाया कि 8.65 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है.

बैंक अधिकारियों ने इसे लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. इस क्रम में की गई जांच में डिप्टी मैनेजर कार्तिक द्वारा किये गये फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसे भांपकर कार्तिक वहां से भाग गया. दो दिन पहले उसकी तलाश में जुटी पुलिस ने दो दिन पहले उसे गिरफ्तार कर लिया. साल 2019 से अगस्त 2023 तक उसने शाखा में 8.65 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी की.

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि उसने 128 ग्राहकों के खाते का इस्तेमाल किया और उन पैसों को ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे में लगाकर हार गया. पुलिस ने बताया कि ग्राहकों को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. कार्तिक को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की रिमांड पर लिया गया है.

वारंगल: तेलंगाना में वारंगल जिले के नरसंपेट स्थित आईसीआईसीआई बैंक में धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है. ICICI बैंक के डिप्टी मैनेजर बैरीशेट्टी कार्तिक ने बैंक को चूना लगाकर 8.65 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. आरोप है कि उसने फर्जी रिकॉर्ड बनाकर बैंक का पैसा चुराया. ऑडिटिंग में धोखाधड़ी का पता चलने के बाद बैंक अधिकारियों ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई.

आरोपी कार्तिक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. कार्तिक ने पुलिस को बताया कि उसने चोरी की रकम क्रिकेट सट्टेबाजी में गंवा दी. पुलिस ने कहा कि ग्राहकों को इस घोटाले से कोई परेशानी नहीं हुई है. पुलिस के मुताबिक, बैरीशेट्टी कार्तिक वारंगल जिले के नरसंपेटा शहर में आईसीआईसीआई बैंक के गोल्ड लोन सेक्शन में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत है.

वह गोल्ड लोन, नवीनीकरण और समापन का ध्यान रखता है. कार्तिक सट्टेबाजी में करोड़ों रुपये हार गया. पैसे का भुगतान कैसे किया जाए, इसकी जानकारी नहीं होने पर उसने बैंक को धोखा देने की कोशिश की. उसने 128 ग्राहकों के बैंक गोल्ड लोन खातों का इस्तेमाल किया और 8.65 करोड़ रुपये का हेर-फेर किया. ग्राहक कर्ज चुकाने आते हैं और वह पैसे लेकर उनका सोना लौटा देता है.

लेकिन उसने ऐसा नहीं किया जिसने ऋण खाता बंद कर दिया. वह संबंधित खातों में मासिक ब्याज जमा करता था. वह ग्राहकों के पैसे अपने फर्जी खाते में रखता था. किसी भी ग्राहक ने इसकी शिकायत नहीं की. उसने यह दिखाया गया कि सोने का खाता अभी भी बैंक में चलन में है और यहां के कर्मचारियों को शक भी नहीं हुआ. हालांकि, पिछले साल 14 अगस्त को जब बैंक के ऑडिटिंग अधिकारियों ने खातों की जांच की तो पाया कि 8.65 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है.

बैंक अधिकारियों ने इसे लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. इस क्रम में की गई जांच में डिप्टी मैनेजर कार्तिक द्वारा किये गये फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसे भांपकर कार्तिक वहां से भाग गया. दो दिन पहले उसकी तलाश में जुटी पुलिस ने दो दिन पहले उसे गिरफ्तार कर लिया. साल 2019 से अगस्त 2023 तक उसने शाखा में 8.65 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी की.

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि उसने 128 ग्राहकों के खाते का इस्तेमाल किया और उन पैसों को ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे में लगाकर हार गया. पुलिस ने बताया कि ग्राहकों को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है. किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. कार्तिक को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की रिमांड पर लिया गया है.

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