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ओमीक्रोन पर केंद्र की सलाह, भीड़ को करें नियंत्रित, कर्फ्यू महत्वपूर्ण कदम

ओमीक्रोन की दस्तक के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अभी से ही चौकस रहने की सलाह दी है. राज्यों को भीड़ नियंत्रण पर कड़े कदम उठाने को कहा गया है, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके. केंद्र ने कहा है कि यदि संभव हो तो रात्रिकालीन कर्फ्यू को भी लागू किया जा सकता है. शाम साढ़े छह बजे पीएम मोदी ने खुद एक बैठक की अध्यक्षता की.

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Published : Dec 23, 2021, 5:06 PM IST

Updated : Dec 23, 2021, 7:35 PM IST

नई दिल्ली : ओमीक्रोन वेरिएंट का बढ़ता मामला पूरे दशे के लिए चिंता का विषय बन गया है. यही वजह है कि इस विषय पर पीएम मोदी ने आज खुद बैठक की अध्यक्षता की. उनकी बैठक से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की. ओमीक्रोन की दस्तक के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अभी से ही चौकन्ना रहने की सलाह दी है. राज्यों को भीड़ नियंत्रण पर कड़े कदम उठाने को कहा गया है, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके.

इस विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य के स्वास्थ्य सचिवों और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी जिले में कुल उपलब्ध ऑक्सीजन युक्त बेड की ऑक्युपेंसी 40 प्रतिशत से अधिक होती है, तो वहां पर कंटेनमेंट जोन बनाए जाने की जरूरत है. या फिर टेस्ट पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी से अधिक होती है, तो भी वहां पर केंटेनमेंट जोन बनाया जा सकता है.

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य चाहे, तो इससे पहले भी स्थानीय स्तर पर इस तरह के कदम उठा सकती है और वहां पर 14 दिनों का रेस्ट्रिक्शन भी लगवाया जा सकता है. उन्होंने पांच महत्वपूर्ण कदम की सलाह दी है. इसमें रात्रिकालीन कर्फ्यू और भीड़ को नियंत्रण में लाने की सलाह दी गई है. साथ ही केंटेनमेंट जोन बनाए जाने पर पहले से ही तैयारी करने को कहा है.

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यदि आप किसी भी एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हैं, तो वहां पर आप डोर-टू-डोर केस की जांच अवश्य करें.

राज्यों को यह भी सूचित किया गया है कि मौजूदा राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल ओमिक्रॉन के लिए अपरिवर्तित है. राज्यों को बिस्तर की क्षमता बढ़ाने, एम्बुलेंस जैसी रसद सुनिश्चित करने और रोगियों के निर्बाध स्थानांतरण के लिए तंत्र लागू करने की सलाह दी गई. मंत्रालय ने राज्यों को सलाह देते हुए कहा, 'आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज (ईसीआरपी-2) के तहत स्वीकृत धन का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करें कि स्वास्थ्य प्रणालियों की अपेक्षित क्षमता किसी भी आपात स्थिति का जवाब देने के लिए हॉटस्पॉट पर/उसके पास विकसित की गई हो.'

कोविड सेफ बिहेवियर के मोर्चे पर, राज्यों से कहा गया है कि वे यह भी सुनिश्चित करें कि नागरिकों के बीच कोई गलत सूचना का प्रसार न हो, जिससे घबराहट पैदा हो सके. राज्यों से कहा गया है कि वे छूटे हुए पहली और दूसरी खुराक के पात्र लाभार्थियों का 100 प्रतिशत कवरेज त्वरित तरीके से सुनिश्चित करें और उन जिलों पर विशेष ध्यान दें, जहां पहली और दूसरी खुराक कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है.

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि टीकाकरण अभियान की रफ्तार को अधिक से अधिक टीके की उपलब्धता के जरिए बढ़ाया गया है. इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की जाती है, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके.

ये भी पढ़ें : भारत में ओमीक्रोन के 236 मामले, कोरोना से 434 की मौत

नई दिल्ली : ओमीक्रोन वेरिएंट का बढ़ता मामला पूरे दशे के लिए चिंता का विषय बन गया है. यही वजह है कि इस विषय पर पीएम मोदी ने आज खुद बैठक की अध्यक्षता की. उनकी बैठक से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्य के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की. ओमीक्रोन की दस्तक के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अभी से ही चौकन्ना रहने की सलाह दी है. राज्यों को भीड़ नियंत्रण पर कड़े कदम उठाने को कहा गया है, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके.

इस विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य के स्वास्थ्य सचिवों और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक की. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी जिले में कुल उपलब्ध ऑक्सीजन युक्त बेड की ऑक्युपेंसी 40 प्रतिशत से अधिक होती है, तो वहां पर कंटेनमेंट जोन बनाए जाने की जरूरत है. या फिर टेस्ट पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी से अधिक होती है, तो भी वहां पर केंटेनमेंट जोन बनाया जा सकता है.

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य चाहे, तो इससे पहले भी स्थानीय स्तर पर इस तरह के कदम उठा सकती है और वहां पर 14 दिनों का रेस्ट्रिक्शन भी लगवाया जा सकता है. उन्होंने पांच महत्वपूर्ण कदम की सलाह दी है. इसमें रात्रिकालीन कर्फ्यू और भीड़ को नियंत्रण में लाने की सलाह दी गई है. साथ ही केंटेनमेंट जोन बनाए जाने पर पहले से ही तैयारी करने को कहा है.

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यदि आप किसी भी एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हैं, तो वहां पर आप डोर-टू-डोर केस की जांच अवश्य करें.

राज्यों को यह भी सूचित किया गया है कि मौजूदा राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल ओमिक्रॉन के लिए अपरिवर्तित है. राज्यों को बिस्तर की क्षमता बढ़ाने, एम्बुलेंस जैसी रसद सुनिश्चित करने और रोगियों के निर्बाध स्थानांतरण के लिए तंत्र लागू करने की सलाह दी गई. मंत्रालय ने राज्यों को सलाह देते हुए कहा, 'आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज (ईसीआरपी-2) के तहत स्वीकृत धन का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करें कि स्वास्थ्य प्रणालियों की अपेक्षित क्षमता किसी भी आपात स्थिति का जवाब देने के लिए हॉटस्पॉट पर/उसके पास विकसित की गई हो.'

कोविड सेफ बिहेवियर के मोर्चे पर, राज्यों से कहा गया है कि वे यह भी सुनिश्चित करें कि नागरिकों के बीच कोई गलत सूचना का प्रसार न हो, जिससे घबराहट पैदा हो सके. राज्यों से कहा गया है कि वे छूटे हुए पहली और दूसरी खुराक के पात्र लाभार्थियों का 100 प्रतिशत कवरेज त्वरित तरीके से सुनिश्चित करें और उन जिलों पर विशेष ध्यान दें, जहां पहली और दूसरी खुराक कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है.

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि टीकाकरण अभियान की रफ्तार को अधिक से अधिक टीके की उपलब्धता के जरिए बढ़ाया गया है. इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की जाती है, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके.

ये भी पढ़ें : भारत में ओमीक्रोन के 236 मामले, कोरोना से 434 की मौत

Last Updated : Dec 23, 2021, 7:35 PM IST

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