नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र और सांसद कार्ति चिदंबरम को भ्रष्टाचार के एक नये मामले में राहत दी है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वो कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार करने से तीन दिन पहले नोटिस देगी. अभी कार्ति चिदंबरम विदेश में हैं. कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को निर्देश दिया कि वो अपने भारत लौटने पर जांच में सहयोग करें. कार्ति चिदंबरम 12 जनवरी को भारत लौट रहे हैं.
सीबीआई ने कहा गिरफ्तारी की आशंका नहीं:
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि कार्ति चिदंबरम के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 35(3) के तहत कोई नोटिस जारी नहीं की गई है. सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि अभी उनकी गिरफ्तारी की कोई आशंका नहीं है. सीबीआई ने कहा कि कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी नहीं किया गया है.
कार्ति चिदंबरम के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक शराब निर्माता कंपनी डिएगो स्कॉटलैंड एंड सिकोइया कैपिटल ने एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को संदिग्ध रूप से फंड का ट्रांसफर किया. एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड का नियंत्रण कार्ति चिदंबरम और उनके सहयोगी एस भास्कर रमण करते हैं. एफआईआर के मुताबिक भारत में आयात शुल्क मुक्त शराब पर पूरा नियंत्रण इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन (आईटीडीसी) का है.
आईटीडीसी ने डिएगो समूह के भारत में आयात शुल्क शराब पर रोक लगा रखी है. डिएगो समूह ने शराब पर रोक हटाने के लिए कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया और 15 हजार अमेरिकी डॉलर एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग को ट्रांसफर किया. पैसे ट्रांसफर करने के लिए डिएगो स्कॉटलैंड ने कार्तिक की कंपनी से एक फर्जी करार किया.
एफआईआर में कहा गया है कि कार्ति चिदंबरम को ये पैसे डिएगो स्कॉटलैंड के शराब पर लगी रोक को हटाने के लिए इसलिए दिया गया था क्योंकि वो प्रभावशाली लोकसेवक हैं. ये रकम किसी कंसल्टेंसी कार्य के लिए नहीं दिए गए थे. एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 8,9 और 13(1)(डी) के तहत दर्ज की गई है.