गोवाहाटी : असम के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रंजीत दत्ता और गरियाबंद, मरिया, देसी, जल पार्टी के प्रमुखों के बीच मंगलवार को जनता भवन में एक बैठक हुई.
इस बैठक में फैसला किया गया है कि असम सरकार राज्य के भारतीय मुस्लिम लोगों पर एक जनगणना करेगी. क्योंकि अवैध अप्रवासी मुस्लिमों की बढ़ती दर ने भारतीय मुसलमानों के अस्तित्व के लिए खतरा बढ़ा दिया है. इसलिए राज्य सरकार ने जनगणना करने का फैसला किया है.
इस मामले पर रंजीत दत्ता ने कहा कि उन्होंने कहा कि बिना सही पहचान के मूल मुस्लिम आबादी को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकता है.
उन्होंने कहा,राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में बांग्लादेशी मूल के लाखों लोग शामिल हैं, इसलिए हम इस पर भरोसा नहीं कर सकते. अगर हमने अब कुछ नहीं किया तो एक दिन असम से सभी मूल जनजातियां सामाप्त हो जाएगीं.
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वहीं, भाजपा प्रकोष्ठ अध्यक्ष मोमिनुल अव्वल ने कहा है कि सरकार ने सभी समुदाय के लोगों इस बैठक में आमंत्रित किया इसमें सभी समुदाय के लोग शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमने सरकार से आग्रह किया है. वह जल्द से जल्द सर्वेक्षण करने का कार्य शुरू करें. उन्होंने मीडिया को बताया कि यह सर्वे घर-घर जाकर किया जाएगा और इससे किसी के राजनीतिक अधिकार पर कोई प्रभाव नहीं पढ़ेगा.
बता दें कि असम में कुल 1.3 करोड़ मुस्लिम आबादी है जिनमें से करीब 90 लाख बांग्लादेशी मूल के हैं. शेष 40 लाख विभिन्न जनजातियों से हैं.