पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के अभियान 'जन सुराज' का कुनबा बड़ा होता जा रहा है. बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होकर इससे जुड़ रहे हैं. इसमें जुड़ने वालों में अलग-अलग विभागों से सेवानिवृत्त होने के बाद अधिकारियों ने आज जन सुराज कार्यालय में पहुंचकर इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि ''प्रशांत किशोर के पद यात्रा के दौरान उनके इस निष्ठा और समाज सुधार अभियान से प्रभावित होकर हमसब प्रशांत किशोर से जुड़ रहे हैं''.
इन 6 पूर्व आईएएस ने थामा जन सुराज का दामन: जन सुराज परिवार से जुड़ने वाले 6 सेवानिवृत्त आईएएस में विशेष सचिव कैबिनेट से सेवानिवृत्त अजय कुमार द्विवेदी (पश्चिमी चंपारण), सचिव पद से सेवानिवृत्त अरविंद कुमार सिंह (भोजपुर), आयुक्त पद से सेवानिवृत्त ललन यादव (मुंगेर). प्रशासक बेतिया राज्य से सेवानिवृत्त तुलसी हजार (पूर्वी चंपारण), संयुक्त सचिव पद से सेवानिवृत्त सुरेश शर्मा (गोपालगंज) और सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव गोपाल नारायण सिंह (औरंगाबाद) के नाम शामिल हैं.
पूर्व IAS अजय कुमार द्विवेदी?: बिहार सरकार के विशेष सचिव कैबिनेट सेवानिवृत्त अजय कुमार द्विवेदी 1981 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं,जो 2015 में सेवानिवृत्त हुए हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम लोग अभी पदयात्रा कर रहे हैं. प्रशांत किशोर के साथ कदम से कदम मिलाकर के लोगों को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि चुनाव के समय में अच्छे लोगों का चुनाव करें. जो लोगों का सेवक हो व्यवस्था परिवर्तन करने में मदद करें.
"यात्रा का डॉक्यूमेंट्री तैयार किया जा रहा है और जब चुनाव में आने की बात होगी, उसको जनता के बीच परोसा जाएगा. उसी आधार पर हम लोग चुनाव में कदम रखेंगे और जनता का आशीर्वाद मिलेगा तो निश्चित तौर पर जन सुराज व्यवस्था परिवर्तन में लोगों के इच्छानुसार खरा उतरने की कोशिश करेंगे."- अजय कुमार द्विवेदी, पूर्व आईएएस
पूर्व IAS सुरेश कुमार शर्मा: वहीं सुरेश कुमार शर्मा जो बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्होंने कहा कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार कि आलोचना करके हम श्रेष्ठ बनने की कोशिश नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि जो भी सरकार थी सभी सरकारों ने अपनी समझ से काम किया है. सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार को जो चीज पर फोकस करना था उन्होंने किया धरातल पर भी उतारा, लेकिन जन सुराज एक नई सोच नई विजन के साथ लोगों को जागरूक कर रही है. जब तक लोग जागेंगे नहीं लोग अपने अधिकार को समझेंगे नहीं.
"जो नेता लोग हमारे पास पैरवी लेकर आते थे उनके बॉडी लैंग्वेज से ही पता चल जाता था कि काम कैसा है. उसके हिसाब से काम किया जा रहा था. लेकिन जो जैनवीन काम था उसको मैं जरूर करता था. जन सुराज परिवार में जुड़ने का मेरा एक ही मकसद है कि राजनीति में नए लोग आए जिससे की समाज सुधारा जा सके."-सुरेश कुमार शर्मा,पूर्व आईएएस
पूर्व IAS ललन यादव: वहीं आयुक्त सेवानिवृत्त ललन यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि सत्ता बदली है लेकिन हमारी समस्याएं नहीं बदली है. बिहार पिछड़े राज्यों की श्रेणी में आता है. बिहार राज्य के अधिकांश लोग दूसरे राज्यों में जाकर के काम करते हैं. यहां पर मजदूरों की बात नहीं होती है. प्रशांत किशोर के साथ जुड़ने का मेरा मकसद है कि किस तरह से बिहार आगे बढ़े जिस सोच के साथ वह लोगों से मिल रहे हैं उसी मकसद से मैं भी इस परिवार का हिस्सा बना हूं.
"जो प्रतिनिधि को आप चुनते हैं अगर वह काम नहीं करता है तो फिर दोबारा नए जो अच्छे काम करने वाले हो उन्हीं को चुने. बिहार की राजनीतिक जात पात धर्म के नाम पर बैठी हुई है. इस जात पात और धर्म से ऊपर उठकर लोगों को जागरूक करने का मकसद जन सुराज का है."- ललन यादव, पूर्व आईएएस