भीलवाड़ा में 45 वर्षों से चली आ रही नंद महोत्सव की परंपरा, देखें वीडियो
भीलवाड़ा के प्राचीन श्री दूधाधारी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बीते 45 सालों से नंद महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. कृष्ण जन्म के दूसरे दिन शनिवार को नंद महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. वर्षों की परंपरा निभाते हुए दही हांडी लीला के साथ ही बधाई गान का आयोजन किया गया. इस दौरान आकर्षक मलखंभ का भी प्रदर्शन किया गया. श्री दूधाधारी मंदिर के पुजारी कल्याण शर्मा ने कहा कि भीलवाड़ा के श्री दूधाधारी मंदिर में 45 साल पहले इस मंदिर के संत ने यह प्रतियोगिता शुरू की थी, जो आज भी जारी है. श्रद्धालु उत्साह के साथ इस प्रतियोगिता को देखने पहुंचते हैं. इसके तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस महोत्सव में मलखंभ का बड़ा महत्व है. मलखंभ में सिक्के अन्य खाद्य सामग्री लूटने के लिए ग्वाल बाल प्रयास करते हैं और दूसरी तरफ उन से बचाने के लिए पानी की बौछार की जाती है. 25 फीट ऊंचे मलखंभ पर पहले मुल्तानी मिट्टी और तेल मला जाता है जिससे लीला और आकर्षक हो जाती है. इसमें पहलवान व ग्वाले मलखंभ पर चढ़ने का प्रयास करते हैं और वहां रखे सिक्के व मेवा व अन्य सामग्री लूटने की लीला प्रदर्शित करते हैं.