बैंड बाजे के साथ हुआ बंदर का अंतिम संस्कार, करंट से हुई थी मौत
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अलवर में बुधवार को करंट की चपेट में आने से एक बंदर की मौत हो गई. मामले की सूचना स्थानीय लोगों को मिली. जिसके बाद तुरंत स्थानीय लोग मौके पर जमा हुए और सभी ने मिलकर विधि-विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया. बैंड बाजे के साथ बंदर की अंतिम यात्रा निकाली गई. यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. अलवर शहर के बीचो-बीच त्रिपोलिया क्षेत्र स्थित त्रिपोलिया महादेव मंदिर की छत पर करंट लगने से एक बंदर की मौत हो गई. बंदर की मौत के बाद उसके साथी अन्य बंदर मौके पर जमा हो गए. बंदरों की आवाज सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे.
उसके बाद लकड़ियों की मदद से बंदर के शव को बिजली के तार से दूर किया, लेकिन उसके साथ ही बंदरों ने बंदर के शव को नहीं ले जाने दिया. कई घंटों के प्रयास के बाद स्थानीय लोगों ने बंदर का शव अन्य बंदरों से दूर किया. उसके बाद एक ई-रिक्शा में बंदर के शव को रखकर बैंड बाजे से बंदर की शव यात्रा निकाली गई. ई-रिक्शा में गुब्बारे लगाए गए तो स्थानीय लोग भी शव यात्रा में शामिल हुए.
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शहर के तीजकी श्मशान घाट पर बंदर के शव का अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे तो अंतिम संस्कार के दौरान पंडित जी को बुलाया गया और विधि विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया गया. स्थानीय लोगों ने कहा कि बंदर को हनुमान जी का सेवक व अवतार माना गया है. इसलिए पूरे विधि-विधान से बंदर का अंतिम संस्कार किया गया है तो वहीं मामले की सूचना नगर परिषद व विद्युत निगम के अधिकारियों को भी दी गई है. स्थानीय लोगों ने कहा कि पहले भी कई बार त्रिपोलिया मंदिर के ऊपर से गुजर रहे तारों के संपर्क में आने से लोगों के करंट लग चुका हैं. प्रशासन को इसकी शिकायत दी गई, लेकिन प्रशासन की तरफ से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसलिए लगातार हादसों का सिलसिला जारी है.