उदयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही अब चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है. दक्षिणी राजस्थान की एक विधानसभा सीट जिस पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां बीजेपी-कांग्रेस को एक और पार्टी के साथ जूझना पड़ रहा है. हम बात कर रहे हैं उदयपुर संभाग की सबसे हॉट सीट वल्लभनगर विधानसभा सीट की, जहां की राजनीति अपने आप में अनूठी नजर आती है. इस बार के 'रण' में कांग्रेस, भाजपा के अलावा जनता सेना भी सियासी सरगर्मियां बढ़ा रही है.
वल्लभनगर में दिलचस्प हुआ मुकाबला : राजनीतिक जानकारों की मानें तो वल्लभनगर विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होगा. कांग्रेस पार्टी ने प्रीति शक्तावत पर दांव लगाया है तो वहीं भाजपा ने एक दिन पहले आरएलपी छोड़ भाजपा में शामिल हुए उदयलाल डांगी को मैदान में उतारा है. हालांकि, इस बार जनता सेना पार्टी ने दीपेंद्र कुमार को मैदान में उतारा है, जो जनता सेना पार्टी सुप्रीमो रणधीर सिंह भिंडर की पत्नी हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी इन तीनों ही प्रत्याशियों के बीच दिलचस्प मुकाबला नजर आ रहा है. इस बार यह सीट बीजेपी, कांग्रेस के साथ जनता सेना के लिए भी गले की फांस बनी हुई है. लंबे समय से यहां भाजपा नहीं जीत पाई है.
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क्या बीजेपी का दांव होगा सफल ? : दरअसल, इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उदयलाल डांगी को मैदान में उतारा है. बता दें कि 2021 के विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने उदयलाल डांगी का टिकट काटते हुए हिम्मत सिंह झाला को मैदान में उतारा था. ऐसे में टिकट कटने से नाराज होकर उदयलाल डांगी ने आरएलपी का दामन थाम लिया था और आरएलपी पार्टी से विधानसभा के उपचुनाव में ताल ठोकी थी. हालांकि, उपचुनाव में डांगी और भाजपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा था. यहां से स्वर्गीय गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत चुनाव जीतने में सफल रही थीं, लेकिन एक बार फिर भाजपा ने उदयलाल डांगी को पार्टी में शामिल कर उन्हें मैदान में उतारा है. डांगी ने 2021 के विधानसभा चुनाव में अच्छा खासा वोट हासिल किया था, लेकिन पिछले लंबे अरसे से भाजपा इस विधानसभा सीट पर जीत की फतेह हासिल नहीं कर पाई है.
जनता सेना के लिए भी कड़ी परीक्षा : भाजपा से बगावत कर नई पार्टी बनाने वाले रणधीर सिंह भिंडर क्या इस बार दोनों ही पार्टियों को शिकस्त देने में सफल होंगे ? ये देखने वाली बात होगी. इस बार के विधानसभा चुनाव में भिंडर खुद चुनाव न लड़कर अपनी पत्नी दीपेंद्र कुंवर को मैदान में उतारा है. जानकारी के अनुसार, रणधीर सिंह भींडर लंबे समय से बीजेपी से जुड़े रहे, लेकिन वर्ष 2013 में यहां बड़ा बदलाव हुआ. भाजपा ने रणधीर सिंह भींडर को टिकट नहीं दिया. इसके बाद उन्होंने जनता सेना पार्टी का निर्माण किया और इससे चुनाव लड़ जीत दर्ज की. हालांकि, 2018 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद इसी सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वहीं, इस बार का चुनाव भी उनके आगामी राजनीतिक भविष्य पर असर डालेगा.
क्या प्रीति को फिर मिलेगा मौका ? : हालांकि, इस बार का चुनाव कांग्रेस की प्रीति शक्तावत के लिए भी सियासी भविष्य तय करने वाला होगा, क्योंकि 2021 के वल्लभनगर उपचुनाव में प्रीति शक्तावत को वल्लभनगर की जनता ने जीताकर विधानसभा भेजा था. बता दें कि 2021 में यहां के मौजूदा विधायक रहे स्वर्गीय गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया था. जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ. कांग्रेस पार्टी ने प्रीति शक्तावत पर दांव लगाया था और उन्होंने जीत मिली थी.