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उदयपुर: सुविवि ने एक साथ 171 वेबिनार के साथ मनाया आनन्दम दिवस, हजारों लोगों ने देखे लाइव प्रसारण

उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में आन्नदम दिवस कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य रहा सेवा संस्कार करके ही हम आनंद की अनुभूति कर सकते हैं. सात ही विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास पूर्ण रूप से कर सकते हैं.

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सुविवि ने एक साथ 171 वेबिनार के साथ मनाया आनन्दम दिवस
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Published : Dec 8, 2020, 8:05 AM IST

उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने बांसवाड़ा के गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय और आबूरोड के ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 171 इकाइयों ने एक साथ वेबिनार का आयोजन किया. मूल कार्यक्रम को ब्रम्हकुमारीज के छह हजार केंद्रों पर हज़ारों लोगों ने लाइव देखा. पिछले महीने नई शिक्षा नीति पर 155 वेबीनार आयोजित करके मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने केरल के रिकॉर्ड को तोड़ा था. इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि दूसरों की सेवा करके ही हम आनंद की अनुभूति कर सकते हैं. विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संस्कारों से ही होता है.

साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कारों और मानवीय मूल्यों के साथ ही हम आपसी वैमनस्य को दूर करते सकते हैं. समाज को तरक्की की ओर अग्रसर करते हैं. उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता रोकना, सफाई रखना, पौधारोपण करना, वृद्धजन और कमजोर तबके की मदद करना, बिजली पानी की बर्बादी रोक कर भी हम लोग समाज में आनंद का संचार कर सकते हैं. भाटी ने कहा कि आनंदम सेवाभाव का प्रतीक है और राजस्थान सरकार ने कोरोना का हाल में सेवा के कई कार्य किए हैं. इसके साथ ही 2019-20 के बजट में 87 कॉलेज खोले गए हैं. पत्रकारिता एवम विधि विश्वविद्यालय खोला गया है. बालिका शिक्षा एवं ग्रामीण शिक्षा बढ़ाने के प्रति राज्य सरकार कृत संकल्पित है.

पढ़े. LIVE: किसानों का भारत बंद आज, केंद्र सरकार ने जारी किया ये परामर्श

गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी ने कहा कि जनजाति के लोग अत्यधिक आनंद का जीवन यापन करते हैं. क्योंकि अशिक्षित लोगों में प्रायः आनंद का एहसास ज्यादा होता हैं, इसीलिए शिक्षित वर्ग के आनंदम पाठ्यक्रम की आवश्यकता हुई है. त्रिवेदी ने कहा कि आज का विद्यार्थी कई समस्याओं से परेशान हैं और निराश हैं. उनके लिए कौशल विकास की आवश्यकता है. ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रमुख डॉ मृत्युंजय ने कहा कि समाज में शांति समरसता एवं सकारात्मक भाव बढ़ाने के लिए मन में खुशी एवं आनंद को महसूस करना होगा.

यदि हम लोग आत्मिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे तो समाज में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, जो नए समाज का निर्माण करेगा. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अमेरिका सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों में सृजनात्मकता एवं जीवन मूल्यों का बोध विकसित हो इस उद्देश्य से व्यक्तित्व विकास, चरित्र निर्माण एवम सामाजिक समरसता, जागरूकता के मुद्दों पर यह वेबिनार की श्रंखला आयोजित की गई.

यह भी पढ़े. भारत बंद : कौन-कौन हैं शामिल और सेवाएं कितनी होंगी प्रभावित, जानें

इससे विद्यार्थियों शिक्षकों एवं कर्मचारियों में नई एवम सकारात्मक ऊर्जा का विकास होगा. आनंदम योजना के प्रभारी प्रो नीरज शर्मा ने आनंदम योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला. धन्यवाद की रस्म शिक्षा विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर अल्पना सिंह ने निभाई. कार्यक्रम का संचालन डॉ कुमुद पुरोहित एवं डॉ मुनमुन शर्मा ने किया. बता दे कि ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के देश भर में कार्यरत छह हजार केंद्रों पर इस वेबिनार का जीवंत प्रसारण किया गया.

जिसे से हजारों लोगों ने देखा. इस मूल कार्यक्रम के बाद दोपहर के सत्र में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा एवं ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों द्वारा 170 वेबिनार आनंदम से जुड़े विभिन्न विषयों पर आयोजित किए गए. जिसमें स्नातक स्नातकोत्तर एवं शोध छात्रों के साथ ही शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी भाग लिया.

उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने बांसवाड़ा के गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय और आबूरोड के ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 171 इकाइयों ने एक साथ वेबिनार का आयोजन किया. मूल कार्यक्रम को ब्रम्हकुमारीज के छह हजार केंद्रों पर हज़ारों लोगों ने लाइव देखा. पिछले महीने नई शिक्षा नीति पर 155 वेबीनार आयोजित करके मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने केरल के रिकॉर्ड को तोड़ा था. इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि दूसरों की सेवा करके ही हम आनंद की अनुभूति कर सकते हैं. विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संस्कारों से ही होता है.

साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कारों और मानवीय मूल्यों के साथ ही हम आपसी वैमनस्य को दूर करते सकते हैं. समाज को तरक्की की ओर अग्रसर करते हैं. उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता रोकना, सफाई रखना, पौधारोपण करना, वृद्धजन और कमजोर तबके की मदद करना, बिजली पानी की बर्बादी रोक कर भी हम लोग समाज में आनंद का संचार कर सकते हैं. भाटी ने कहा कि आनंदम सेवाभाव का प्रतीक है और राजस्थान सरकार ने कोरोना का हाल में सेवा के कई कार्य किए हैं. इसके साथ ही 2019-20 के बजट में 87 कॉलेज खोले गए हैं. पत्रकारिता एवम विधि विश्वविद्यालय खोला गया है. बालिका शिक्षा एवं ग्रामीण शिक्षा बढ़ाने के प्रति राज्य सरकार कृत संकल्पित है.

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गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी ने कहा कि जनजाति के लोग अत्यधिक आनंद का जीवन यापन करते हैं. क्योंकि अशिक्षित लोगों में प्रायः आनंद का एहसास ज्यादा होता हैं, इसीलिए शिक्षित वर्ग के आनंदम पाठ्यक्रम की आवश्यकता हुई है. त्रिवेदी ने कहा कि आज का विद्यार्थी कई समस्याओं से परेशान हैं और निराश हैं. उनके लिए कौशल विकास की आवश्यकता है. ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रमुख डॉ मृत्युंजय ने कहा कि समाज में शांति समरसता एवं सकारात्मक भाव बढ़ाने के लिए मन में खुशी एवं आनंद को महसूस करना होगा.

यदि हम लोग आत्मिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे तो समाज में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, जो नए समाज का निर्माण करेगा. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अमेरिका सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों में सृजनात्मकता एवं जीवन मूल्यों का बोध विकसित हो इस उद्देश्य से व्यक्तित्व विकास, चरित्र निर्माण एवम सामाजिक समरसता, जागरूकता के मुद्दों पर यह वेबिनार की श्रंखला आयोजित की गई.

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इससे विद्यार्थियों शिक्षकों एवं कर्मचारियों में नई एवम सकारात्मक ऊर्जा का विकास होगा. आनंदम योजना के प्रभारी प्रो नीरज शर्मा ने आनंदम योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला. धन्यवाद की रस्म शिक्षा विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर अल्पना सिंह ने निभाई. कार्यक्रम का संचालन डॉ कुमुद पुरोहित एवं डॉ मुनमुन शर्मा ने किया. बता दे कि ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के देश भर में कार्यरत छह हजार केंद्रों पर इस वेबिनार का जीवंत प्रसारण किया गया.

जिसे से हजारों लोगों ने देखा. इस मूल कार्यक्रम के बाद दोपहर के सत्र में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा एवं ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों द्वारा 170 वेबिनार आनंदम से जुड़े विभिन्न विषयों पर आयोजित किए गए. जिसमें स्नातक स्नातकोत्तर एवं शोध छात्रों के साथ ही शिक्षकों और कर्मचारियों ने भी भाग लिया.

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