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राज्यपाल कल करेंगे पाकिस्तानी सेना को शिकस्त देने वाले टैंक टी-55 का उद्घाटन

प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र शनिवार को उदयपुर में पाकिस्तानी सेना को शिकस्त देने वाले युद्धक टैंक टी-55 का उद्घाटन करेंगे.

Governor to unveil Tank T55 in Udaipur
राज्यपाल कल करेंगे पाकिस्तानी सेना को शिकस्त देने वाले टैंक टी-55 का उद्घाटन
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Published : May 5, 2023, 11:00 PM IST

उदयपुर. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र शनिवार को उदयपुर के दौरे पर आएंगे. यहां वे महाराणा प्रताप स्मारक, मोती मगरी पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे. राज्यपाल मिश्र यहां प्रताप स्मारक, मोती मगरी में पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त देने वाले टैंक टी-55 का उद्घाटन करेंगे.

दरअसल, भारतीय सेना ने 1971 के युद्ध में जिस टी-55 टैंक से पाकिस्तान की सेना को करारी शिकस्त दी थी. वह टैंक टी-55 अब उदयपुर शहर की शान बनेगा. टैंक टी-55 महाराणा प्रताप स्मारक, मोती मगरी पर पहुंच चुका है. इसे क्रेन की मदद से मोती मगरी में रखवा दिया गया है.भारतीय सेना ने महाराणा प्रताप स्मारक समिति, मोती मगरी को यह टैंक पुणे से उपलब्ध करवाया है.

पढ़ेंः 1971 के भारत-पाक युद्ध का 'योद्धा' टी-55 पहुंचा बाड़मेर, वार म्यूजियम की बढ़ाएगा शान

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और समिति अध्यक्ष डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि इस टैंक का प्रताप स्मारक मोती मगरी में उद्घाटन राज्यपाल कलराज मिश्र के कर कमलों से शनिवार को दोपहर 12.15 बजे किया जाएगा. समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल जय सिंह नैन की उपस्थिति रहेगी. टैंक टी-55 को शहरवासियों और देसी-विदेशी पर्यटकों के अवलोकन के लिए मोती मगरी में प्रदर्शित किया जाएगा. यह टैंक साल 1968 में सेना में शामिल हुआ और 2011 तक सेवा देता रहा.

पढ़ेंः Special: तैनात हुआ टैंक टी-55, बढ़ाएगा जालोर व भीनमाल की शोभा

दिन-रात लड़ने की क्षमता वाले टैंक टी-55 की खासियत: दिन-रात लड़ने की क्षमता वाले टैंक टी-55 को 1968 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. टैंक टी-55 का 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था. टैंक टी-55 ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के कई टैंकों को नेस्तनाबूद कर दिया था. टैंक टी-55 की सटीक मारक क्षमता ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे. इससे पहले टैंक टी-55 ने 1967 के अरब-इजराइल युद्ध और 1970 के जॉर्डन के गृह युद्ध तथा 1973 के योम किप्पूर युद्ध में भी पूरी दुनिया के समक्ष अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया था.

कुछ देशों में टैंक टी-55 और इसी तरह के टैंक अभी भी सक्रिय सेवा में मौजूद हैं. 580 एचपी इंजन से लैस टैंक टी-55 रूसी टैंक है. यह टैंक 37 टन वजनी होने के बावजूद तेज गति से चलने वाला बख्तरबंद लड़ाकू वाहन है. इस टैंक में 4 सदस्यों का दल तैनात किया जाता है, जो इस टैंक की मदद से 105 एमएम की राइफल से भी लैस होकर तमाम बाधाएं पार करते जाते हैं.

पढ़ेंः आप भी देख सकेंगे, बीकानेर को मिला वार ट्रॉफी टैंक T-55

राज्यपाल कलराज मिश्र पूरा प्रोग्राम: राज्यपाल कलराज मिश्र शनिवार की सुबह 11.15 बजे राजकीय विमान से उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचेंगे. वे वहां से सड़क मार्ग से सर्किट हाउस आएंगे तथा 12.10 बजे महाराणा प्रताप स्मारक मोती मगरी पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे. राज्यपाल पुनः दोपहर 2.05 बजे सर्किट हाउस पहुंचेंगे तथा शाम 4.30 बजे डबोक एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान कर शाम 5 बजे राजकीय विमान से जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएंगे. जिला कलक्टर ने राज्यपाल की इस यात्रा के मद्देनजर कानून, सुरक्षा, यातायात, प्रोटोकॉल, समन्वय आदि व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न अधिकारियों को दायित्व सौंपे हैं.

उदयपुर. प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र शनिवार को उदयपुर के दौरे पर आएंगे. यहां वे महाराणा प्रताप स्मारक, मोती मगरी पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे. राज्यपाल मिश्र यहां प्रताप स्मारक, मोती मगरी में पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त देने वाले टैंक टी-55 का उद्घाटन करेंगे.

दरअसल, भारतीय सेना ने 1971 के युद्ध में जिस टी-55 टैंक से पाकिस्तान की सेना को करारी शिकस्त दी थी. वह टैंक टी-55 अब उदयपुर शहर की शान बनेगा. टैंक टी-55 महाराणा प्रताप स्मारक, मोती मगरी पर पहुंच चुका है. इसे क्रेन की मदद से मोती मगरी में रखवा दिया गया है.भारतीय सेना ने महाराणा प्रताप स्मारक समिति, मोती मगरी को यह टैंक पुणे से उपलब्ध करवाया है.

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मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और समिति अध्यक्ष डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि इस टैंक का प्रताप स्मारक मोती मगरी में उद्घाटन राज्यपाल कलराज मिश्र के कर कमलों से शनिवार को दोपहर 12.15 बजे किया जाएगा. समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल जय सिंह नैन की उपस्थिति रहेगी. टैंक टी-55 को शहरवासियों और देसी-विदेशी पर्यटकों के अवलोकन के लिए मोती मगरी में प्रदर्शित किया जाएगा. यह टैंक साल 1968 में सेना में शामिल हुआ और 2011 तक सेवा देता रहा.

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दिन-रात लड़ने की क्षमता वाले टैंक टी-55 की खासियत: दिन-रात लड़ने की क्षमता वाले टैंक टी-55 को 1968 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. टैंक टी-55 का 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था. टैंक टी-55 ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के कई टैंकों को नेस्तनाबूद कर दिया था. टैंक टी-55 की सटीक मारक क्षमता ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे. इससे पहले टैंक टी-55 ने 1967 के अरब-इजराइल युद्ध और 1970 के जॉर्डन के गृह युद्ध तथा 1973 के योम किप्पूर युद्ध में भी पूरी दुनिया के समक्ष अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया था.

कुछ देशों में टैंक टी-55 और इसी तरह के टैंक अभी भी सक्रिय सेवा में मौजूद हैं. 580 एचपी इंजन से लैस टैंक टी-55 रूसी टैंक है. यह टैंक 37 टन वजनी होने के बावजूद तेज गति से चलने वाला बख्तरबंद लड़ाकू वाहन है. इस टैंक में 4 सदस्यों का दल तैनात किया जाता है, जो इस टैंक की मदद से 105 एमएम की राइफल से भी लैस होकर तमाम बाधाएं पार करते जाते हैं.

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राज्यपाल कलराज मिश्र पूरा प्रोग्राम: राज्यपाल कलराज मिश्र शनिवार की सुबह 11.15 बजे राजकीय विमान से उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचेंगे. वे वहां से सड़क मार्ग से सर्किट हाउस आएंगे तथा 12.10 बजे महाराणा प्रताप स्मारक मोती मगरी पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे. राज्यपाल पुनः दोपहर 2.05 बजे सर्किट हाउस पहुंचेंगे तथा शाम 4.30 बजे डबोक एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान कर शाम 5 बजे राजकीय विमान से जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएंगे. जिला कलक्टर ने राज्यपाल की इस यात्रा के मद्देनजर कानून, सुरक्षा, यातायात, प्रोटोकॉल, समन्वय आदि व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न अधिकारियों को दायित्व सौंपे हैं.

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