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मेवाड़-वागड़ में बीटीपी-बाप के बढ़ते कदमों से भाजपा और कांग्रेस में चिंता, क्या इस बार भी बदलेंगे सियासी समीकरण ?

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. राजनीतिक दल एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. मेवाड़ के चुनावी समर में भारत आदिवासी पार्टी (बाप) और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) की एंट्री से यहां मुकाबला चतुष्‍कोणिय बनता जा रहा है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 28, 2023, 4:17 PM IST

Updated : Oct 28, 2023, 6:58 PM IST

Rajasthan Election 2023,  Rajasthan Elections 2023 News
मेवाड़ में चुनौती डबल

उदयपुर. प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सत्ता का रास्ता कहे जाने वाला मेवाड़ में इस बार भाजपा और कांग्रेस के लिए दो नई पार्टियां सिरदर्द बनी हुई हैं. 28 विधानसभा सीट वाले उदयपुर-बांसवाड़ा संभाग में भाजपा और कांग्रेस को दो नई पार्टियां चुनौती दे रही हैं. दरअसल 2018 के चुनाव में 2 सीटें जीतकर चौंकाने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी ( बीटीपी) में इस बार 2 फाड़ हो गए हैं. बीटीपी के दोनों विधायकों ने मिलकर भारत आदिवासी पार्टी बना ली है.

राजनीतिक विश्लेषक राजकुमार ने बताया कि बीटीपी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोटों में अच्छी खासी सेंध लगाई थी. हालांकि, इस बार के विधानसभा चुनाव में बीटीपी के टूट जाने के कारण भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) का उदय हुआ है. राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि मेवाड़ में कुल 28 सीटें हैं. ऐसा माना जाता है कि ये सीटें जिस पार्टी की झोली में जाती हैं, राजस्थान में सत्ता उसी पार्टी की बनती है.

पढ़ें:Rajasthan Assembly election 2023: बीटीपी ने उतारे 3 उम्मीदवार, बांसवाड़ा से भगवतीलाल डिंडोर प्रत्याशी

सियासी दलों की चुनौती डबल: दोनों प्रमुख सियासी दलों के लिए अब चुनौती डबल हो गई है,क्योंकि बीटीपी के साथ ही अब यहां भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने कदम रख दिया है. इन दोनों दलों की की एंट्री से बीजेपी और कांग्रेस के सियासी समीकरण को नुकसान हो सकता है. डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में दोनों पार्टी पैर पसारने लगी हैं.

आदिवासी इलाकों में बढ़ने लगा वर्चस्व: दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीटीपी ने 11 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, बीटीपी सिर्फ दो विधानसभा सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. भारतीय ट्राइबल पार्टी ने कांग्रेस और भाजपा के वोट बैंक में काफी हद तक सेंध लगाने में सफल रही थी. बीटीपी को पिछले चुनाव में करीब 2,55,100 वोट मिले थे यानि कि कुल वोटो में से 0.7 से 10 प्रतिशत वोट इस पार्टी को मिले थे.

मेवाड़-वागड़ में दोनों पार्टियां पसारने लगी पांव: राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 25 यानी 12.5% विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग (एसटी) के लिए आरक्षित हैं, इनमें सर्वाधिक 16 सीटें उदयपुर-बांसवाड़ा संभाग में आती हैं, जहां कुल सीटें 33 हैं. इन 16 सीटों में सागवाड़ा और चौरासी सीट पर पिछली बार बीटीपी ने जीत दर्ज की थी. पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में बीटीपी ने दो सीटें जीतकर मेवाड़ वागड़ की सियासत में हड़कंप मचा दिया था. इस बार विधानसभा चुनाव में भी इन दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं, जिससे भाजपा और कांग्रेस को भी अब नई रणनीति बनानी पड़ रही है.

पढ़ेंः Rajasthan Assembly Election 2023 : RLP ने जारी की 10 प्रत्याशियों की पहली सूची, खींवसर से हनुमान बेनीवाल लड़ेंगे चुनाव

दोनों ही पार्टियों ने उतारे उम्मीदवार: विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अपने 12 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. इस बार बांसवाड़ा जिले के 2 और उदयपुर जिले के 1 उम्मीदवार की घोषणा की गई है,जबकि पहली लिस्ट में 9 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा ने बताया की विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरी लिस्ट में 3 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. घोघरा ने बताया कि विधानसभा चुनाव में पार्टी इस बार प्रदेश की 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. बांसवाड़ा सीट से भगवतीलाल थावरचंद डिंडोर को प्रत्याशी बनाया गया है. बांसवाड़ा जिले के घाटोल से धीरजमल गोतिया निनामा, वहीं उदयपुर जिले के गोगुंदा से शंकरलाल पुनाराम पारगी को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. डूंगरपुर, आसपुर और सागवाड़ा की सीट पर पार्टी ने अभी तक कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है.

पढ़ेंः Rajasthan assembly Election 2023 : कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता ने थामा रालोपा का हाथ, कहा- कार्यकर्ताओं को भी प्रमोशन चाहिए होता है

चुनाव में बीएपी की एंट्री: बीटीपी से टूटकर बनी बीएपी (भारत आदिवासी पार्टी) की पहली लिस्ट जारी कर दी गई है. इस बार चौरासी से विधायक राजकुमार रोत बीटीपी की जगह बीएपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. राजकुमार रोत 2018 विधानसभा चुनाव में बीटीपी से पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. उनके साथ सागवाड़ा से विधायक रामप्रसाद डिंडोर भी विधायक बने थे, लेकिन प्रतापगढ़ उपचुनाव के बाद से बीटीपी के दोनों विधायक पार्टी से अलग चल रहे थे. 6 महीने पहले ही दोनों विधायकों ने बीएपी नाम से नई पार्टी बना ली थी. बीएपी से राजकुमार रोत को तो टिकट मिल गया, लेकिन सागवाड़ा से विधायक रामप्रसाद डिंडोर के नाम का ऐलान पहली लिस्ट में नहीं हुआ है. वहीं, आसपुर विधानसभा सीट से पिछली बार बीटीपी से उम्मीदवार रहे उमेश डामोर को ही फिर से मौका दिया गया है. बीएपी ने सिरोही की पिंडवाड़ा सीट से मेघाराम गरासिया, उदयपुर जिले की खेरवाड़ा से विनोद कुमार मीणा, उदयपुर ग्रामीण से अमित कुमार खराड़ी, सलूंबर से जीतेश कुमार मीणा, बांसवाड़ा के घाटोल से अशोक कुमार निनामा, चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादड़ी से फौजीलाल मीणा, प्रतापगढ़ से मांगीलाल मीणा और धरियावाद से थावरचंद मीणा को उम्मीदवार घोषित किया है.

पढ़ें:Rajasthan Election 2023 : चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, ज्योति खंडेलवाल और रविंद्र भाटी सहित कई नेता भाजपा में शामिल

कांग्रेस-भाजपा ने भी लगाया जोर: उदयपुर और बांसवाड़ा संभाग में आदिवासी सीटों पर दोनों प्रमुख सियासी पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है. यही वजह है,कि प्रधानमंत्री मोदी भी आदिवासियों की आस्था का केंद्र कहे जाने वाले मानगढ़ धाम में सभा कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी मानगढ़ धाम में चुनावी सभा कर चुके हैं. प्रदेश के मुखिया सीएम अशोक गहलोत कई बार मानगढ़ धाम और बेणेश्वर धाम का दौरा कर चुके हैं.

उदयपुर. प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सत्ता का रास्ता कहे जाने वाला मेवाड़ में इस बार भाजपा और कांग्रेस के लिए दो नई पार्टियां सिरदर्द बनी हुई हैं. 28 विधानसभा सीट वाले उदयपुर-बांसवाड़ा संभाग में भाजपा और कांग्रेस को दो नई पार्टियां चुनौती दे रही हैं. दरअसल 2018 के चुनाव में 2 सीटें जीतकर चौंकाने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी ( बीटीपी) में इस बार 2 फाड़ हो गए हैं. बीटीपी के दोनों विधायकों ने मिलकर भारत आदिवासी पार्टी बना ली है.

राजनीतिक विश्लेषक राजकुमार ने बताया कि बीटीपी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोटों में अच्छी खासी सेंध लगाई थी. हालांकि, इस बार के विधानसभा चुनाव में बीटीपी के टूट जाने के कारण भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) का उदय हुआ है. राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि मेवाड़ में कुल 28 सीटें हैं. ऐसा माना जाता है कि ये सीटें जिस पार्टी की झोली में जाती हैं, राजस्थान में सत्ता उसी पार्टी की बनती है.

पढ़ें:Rajasthan Assembly election 2023: बीटीपी ने उतारे 3 उम्मीदवार, बांसवाड़ा से भगवतीलाल डिंडोर प्रत्याशी

सियासी दलों की चुनौती डबल: दोनों प्रमुख सियासी दलों के लिए अब चुनौती डबल हो गई है,क्योंकि बीटीपी के साथ ही अब यहां भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने कदम रख दिया है. इन दोनों दलों की की एंट्री से बीजेपी और कांग्रेस के सियासी समीकरण को नुकसान हो सकता है. डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में दोनों पार्टी पैर पसारने लगी हैं.

आदिवासी इलाकों में बढ़ने लगा वर्चस्व: दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीटीपी ने 11 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, बीटीपी सिर्फ दो विधानसभा सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. भारतीय ट्राइबल पार्टी ने कांग्रेस और भाजपा के वोट बैंक में काफी हद तक सेंध लगाने में सफल रही थी. बीटीपी को पिछले चुनाव में करीब 2,55,100 वोट मिले थे यानि कि कुल वोटो में से 0.7 से 10 प्रतिशत वोट इस पार्टी को मिले थे.

मेवाड़-वागड़ में दोनों पार्टियां पसारने लगी पांव: राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से 25 यानी 12.5% विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग (एसटी) के लिए आरक्षित हैं, इनमें सर्वाधिक 16 सीटें उदयपुर-बांसवाड़ा संभाग में आती हैं, जहां कुल सीटें 33 हैं. इन 16 सीटों में सागवाड़ा और चौरासी सीट पर पिछली बार बीटीपी ने जीत दर्ज की थी. पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में बीटीपी ने दो सीटें जीतकर मेवाड़ वागड़ की सियासत में हड़कंप मचा दिया था. इस बार विधानसभा चुनाव में भी इन दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं, जिससे भाजपा और कांग्रेस को भी अब नई रणनीति बनानी पड़ रही है.

पढ़ेंः Rajasthan Assembly Election 2023 : RLP ने जारी की 10 प्रत्याशियों की पहली सूची, खींवसर से हनुमान बेनीवाल लड़ेंगे चुनाव

दोनों ही पार्टियों ने उतारे उम्मीदवार: विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अपने 12 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. इस बार बांसवाड़ा जिले के 2 और उदयपुर जिले के 1 उम्मीदवार की घोषणा की गई है,जबकि पहली लिस्ट में 9 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा ने बताया की विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरी लिस्ट में 3 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. घोघरा ने बताया कि विधानसभा चुनाव में पार्टी इस बार प्रदेश की 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. बांसवाड़ा सीट से भगवतीलाल थावरचंद डिंडोर को प्रत्याशी बनाया गया है. बांसवाड़ा जिले के घाटोल से धीरजमल गोतिया निनामा, वहीं उदयपुर जिले के गोगुंदा से शंकरलाल पुनाराम पारगी को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. डूंगरपुर, आसपुर और सागवाड़ा की सीट पर पार्टी ने अभी तक कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है.

पढ़ेंः Rajasthan assembly Election 2023 : कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता ने थामा रालोपा का हाथ, कहा- कार्यकर्ताओं को भी प्रमोशन चाहिए होता है

चुनाव में बीएपी की एंट्री: बीटीपी से टूटकर बनी बीएपी (भारत आदिवासी पार्टी) की पहली लिस्ट जारी कर दी गई है. इस बार चौरासी से विधायक राजकुमार रोत बीटीपी की जगह बीएपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. राजकुमार रोत 2018 विधानसभा चुनाव में बीटीपी से पहली बार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. उनके साथ सागवाड़ा से विधायक रामप्रसाद डिंडोर भी विधायक बने थे, लेकिन प्रतापगढ़ उपचुनाव के बाद से बीटीपी के दोनों विधायक पार्टी से अलग चल रहे थे. 6 महीने पहले ही दोनों विधायकों ने बीएपी नाम से नई पार्टी बना ली थी. बीएपी से राजकुमार रोत को तो टिकट मिल गया, लेकिन सागवाड़ा से विधायक रामप्रसाद डिंडोर के नाम का ऐलान पहली लिस्ट में नहीं हुआ है. वहीं, आसपुर विधानसभा सीट से पिछली बार बीटीपी से उम्मीदवार रहे उमेश डामोर को ही फिर से मौका दिया गया है. बीएपी ने सिरोही की पिंडवाड़ा सीट से मेघाराम गरासिया, उदयपुर जिले की खेरवाड़ा से विनोद कुमार मीणा, उदयपुर ग्रामीण से अमित कुमार खराड़ी, सलूंबर से जीतेश कुमार मीणा, बांसवाड़ा के घाटोल से अशोक कुमार निनामा, चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादड़ी से फौजीलाल मीणा, प्रतापगढ़ से मांगीलाल मीणा और धरियावाद से थावरचंद मीणा को उम्मीदवार घोषित किया है.

पढ़ें:Rajasthan Election 2023 : चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, ज्योति खंडेलवाल और रविंद्र भाटी सहित कई नेता भाजपा में शामिल

कांग्रेस-भाजपा ने भी लगाया जोर: उदयपुर और बांसवाड़ा संभाग में आदिवासी सीटों पर दोनों प्रमुख सियासी पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है. यही वजह है,कि प्रधानमंत्री मोदी भी आदिवासियों की आस्था का केंद्र कहे जाने वाले मानगढ़ धाम में सभा कर चुके हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी मानगढ़ धाम में चुनावी सभा कर चुके हैं. प्रदेश के मुखिया सीएम अशोक गहलोत कई बार मानगढ़ धाम और बेणेश्वर धाम का दौरा कर चुके हैं.

Last Updated : Oct 28, 2023, 6:58 PM IST
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