श्रीगंगानगर. गणपति नगर कॉलोनी निवासी एक ही परिवार का बाड़मेर जाते समय बालोतरा के पास सोमवार को हुए दर्दनाक हादसे में मरने वालों का मंगलवार को गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया. जवाहर नगर एरिया में गणपति नगर की गली नंबर- 4 में रहने वाले अनाज व्यवसाई बनारसी लाल के परिवार में दो दिन पहले तक खुशियों की बहार थी. चार साल के पोते भव्य, दो साल की जीया से तो जैसे घर का आंगन खुशियों से महक रहा था. बनारसीदास के परिवार की खुशियों का ठिकाना भी नहीं था. क्योंकि, बालोतरा में ब्याही उनकी इकलौती पुत्री ने दोहीते को जन्म दिया था. पोते-पोती के बाद दोहीता आने के बाद तो खुशहाली परवान पर थी. लेकिन खुशी के मौके पर यदि कोई मातम की बात करें तो हर किसी को बहुत बुरा लगेगा. लेकिन नियति के आगे शायद खुशियां टिकने वाली नहीं थी.
वक्त ने ऐसी करवट बदली कि देखते ही देखते खुशहाल परिवार में मातम छा गया. बनारसी अपने परिवार के साथ बालोतरा में बेटी से मिलने जा रहे थे, तभी दुर्गापुर में मेगा हाईवे पर सहयोग होटल के निकट यह हादसा हो गया. हादसा इतना भीषण था कि परिवार में दादा-दादी और पोता-पोती की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं पुत्रवधू गंभीर रूप से घायल हो गई, जिनका जोधपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है. हादसे में पदमपुर के वार्ड नंबर- 6 निवासी कार चालक भीमसेन की भी मौत हो गई. हादसे की जानकारी जिस-जिस को मिली, वह स्तब्ध हो गए उठा.
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धार्मिक प्रवृत्ति के परिवार को खुशहाल करने वाले मासूम बच्चों सहित वृद्ध दादा-दादी की मौत से परिवार ही नहीं, बल्कि आसपास रहने वाले लोग और रिश्तेदार भी गमजद हैं. मंगलवार को सभी का शव एंबुलेंस से गणपति नगर उनके निवास लाया गया तो हर किसी की आंखों में आंसू आ गए. लोग परिवारजनों को दिलासा देते रहे, लेकिन रुलाई रुकने का नाम नहीं ले रही थी. जब हादसे की जानकारी मिली थी तो पूरी गली में सन्नाटा पसर गया था और घर में लोग सांत्वना देने के लिए पहुंच रहे थे.
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वहीं मंगलवार को जब चारों के शव लेकर एंबुलेंस घर के द्वार के आगे रुकी तो वहां के हालात देखकर हर किसी का कलेजा फटने लगा. शवों को एंबुलेंस से उतारने के बजाय वहीं पर धार्मिक प्रक्रिया पूरी कर एंबुलेंस से ही शव हनुमानगढ़ रोड स्थित श्मशान भूमि में ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. कल तक हंसी-खुशी से जीवन जीने वाले परिवार में एक साथ एक चार चिताएं जलते देख, हर किसी की आंखों में आंसू निकल रहे थे.