श्रीगंगानगर. जेल प्रहरियों ने वेतन विसंगतियों सहित अन्य मांगो को लेकर भूख हड़ताल शुरू कर दी है. भयंकर धूप और उमस के दौर में हड़ताल पर बैठे जेल प्रहरियों में से 7 की तबियत बिगड़ गयी है. उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. लगातार हड़ताल के कारण जेल प्रबंधन के कार्याे में खासी दिक्कत आ रही है.
जानकारी के मुताबिक़ कारागार विभाग के प्रहरी एवं मुख्य प्रहरी पद का वेतनमान वर्ष 1998 तक पुलिस विभाग के कांस्टेबल एवं हेड कांस्टेबल के समान था. विभाग ने वर्ष 1998 में पुलिस विभाग के कार्मिकों का वेतनमान संशोधन किया गया. इस संशोधन के उपरांत जेल कार्मिकों के वेतनमान में असमानता उत्पन्न हो गई. राज्य सरकार ने 4 जून 2019 को प्रहरी एवं मुख्य प्रहरी के मध्य वरिष्ठ प्रहरी का पद सृजित करते हुए प्रहरी पद का वेतनमान यथावत रखा गया एवं अन्य पदों के वेतनमान में संशोधन किया. वर्ष 1998 से ही जेल कार्मिक पुलिस विभाग के समान वेतनमान संशोधन किए जाने की मांग कर रहे हैं.
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राजस्थान जेल कार्मिकों ने प्रहरी के पद का वेतनमान पुलिस कांस्टेबल के समक्ष करने और संशोधित वेतनमान का काल्पनिक परिलाभ वर्ष 1998 से देने, नवसृजित वरिष्ठ प्रहरी के पद को विलोपित करने, राजस्थान कारागार अधीनस्थ सेवा के शेष पदों का वेतनमान एवं भत्ते भी राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा के समक्ष करने, राजस्थान कारागार अधीनस्थ सेवा के कार्मिको का हर ड्यूटी एवं विशेष जोखिम भत्ता राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा के कार्मिकों के समक्ष करने, भविष्य में गृह एवं वित्त विभाग द्वारा पुलिस विभाग के अधीनस्थ कार्मिकों के वेतनमान एवं भत्तों में की जाने वाली बढ़ोतरी जेल विभाग के अधीनस्थ कार्मिकों पर भी समान रूप से लागू करने की मांग की है.
बुधवार से समस्त जेलकर्मियों ने मैस का बहिष्कार शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि अन्न का त्याग करते हुए भूखे रहकर अपने कर्तव्य का पूर्णतया अनुशासन के साथ पालन किया जाएगा. अब 7 कर्मियों की तबियत बिगड़ गयी है, जिन्हे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. गौरतलब है की श्रीगंगानगर की जेल में कई हार्डकोर अपराधी बंद हैं और जेल प्रहरियों की हड़ताल के चलते सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है.
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अलवर में भी भूख हड़तालः अलवर में शनिवार को जेल प्रहरियों ने मंत्री टीकाराम जूली से मुलाकात करके अपनी समस्या रखी. मंत्री ने जल्द ही समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया. इस पर जेल कर्मियों ने कहा कि पहले भी इस तरह का आश्वासन मिल चुका है. जब तक आदेश नहीं आएंगे, वो अपना धरना व भूख हड़ताल जारी रखेंगे. मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि यह मामला बीजेपी सरकार में हुआ. जिसके चलते जेल कार्मिक परेशान हैं. लेकिन अब यह फाइल प्रक्रियाधीन है. हफ्ते भर में जेल कार्मिकों को राहत मिलने की उम्मीद है.
डीग में मैस का बहिष्कारः वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग को लेकर शनिवार को लगातार चौथे दिन उप कारागार डीग में जेल कर्मियों ने मैस का बहिष्कार कर ड्यूटी करते हुए जेल परिसर में धरना दिया. इस दौरान दो जेल कार्मिकों की तबीयत खराब हो गई. जिन्हे डीग के रेफरल चिकित्सालय में भर्ती कराया. चिकित्सालय से मिली जानकारी के अनुसार सन्तोष एवं टुण्डल राम का स्वास्थ्य खराब हो गया. सरकार की वादाखिलाफी को लेकर जेल कार्मिकों ने पहले 7 दिन काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया. लेकिन जब सरकार नहीं चेती, तो अब बुधवार से मैस का बहिष्कार कर ड्यूटी पूरी कर धरना शुरू कर दिया गया है.