सिरोही: वीडीओ भर्ती परीक्षा (VDO Recruitment Exam 2021) में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार (3 Members of Cheating Gang Arrested in Sirohi) किया है. इस चीटर्स गैंग ने 15 लाख में एक बड़ा सौदा तय किया था. एक दूसरे परीक्षा केन्द्र में एक मुन्नाभाई यानी डमी अभ्यर्थी को भी पकड़ा गया है.
जानकारी के अनुसार सिरोही में एक परीक्षा केन्द्र के बाहर प्रवीण कुमार (पुत्र लादूराम विश्नोई), मांजू (निवासी डीगांव करड़ा, जिला जालोर) काली स्कॉर्पियो में बैठा था. पुलिस को संदिग्ध लगने पर वह वहां से भाग गया. ये लोग जालोर भागने की फिराक में थे. जिसके बाद पुलिस ने इलाके में नाकाबंदी की. बदमाशों का पीछा करते हुए हुए वेलांगरी से पकड़ा गया.
कार की तलाशी लेने पर वीडीओ अभ्यर्थी (VDO Recruitment Exam in Sirohi) इंदुबाला (पुत्री राजेंद्र विश्नोई निवासी जालौर) का प्रवेश पत्र मिला. पुलिस उसे सिरोही कोतवाली ले कर आई और पूछताछ की तो उसने राज उगल दिया. बताया कि उसने राजू ईराम (निवासी कुकावास), प्रकाश गोदारा (निवासी बादली) और अशोक उर्फ प्रकाश उर्फ भेराणी के साथ मिलकर 20 से 21 अभ्यर्थियों को पेपर आउट करवाने के लिए रविवार रात मीरापुरा की एक ढाणी में रोका था. लेकिन रात में पेपर के नहीं आने पर अभ्यर्थियों को अलग-अलग गाड़ी से परीक्षा केंद्र पर छोड़ दिया.
जब पुलिस ने कार में मिले प्रवेश पत्र के आधार पर महिला अभ्यर्थी से तलाश कर पूछताछ की तो उसने बताया कि प्रवीण कुमार, राजू ईराम, प्रकाश गोदारा और अशोक भेराणी को पेपर आउट करवाने के लिए 15 लाख रुपए दिए थे, लेकिन पेपर नहीं मिला. पुलिस ने प्रवीण कुमार, प्रकाश गोदारा और इंदुबाला को को गिरफ्तार कर अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.
उधर जिले में जिला मुख्यालय पर ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा (VDO Recruitment Exam in Sirohi) के तहत केंद्र महावीर पब्लिक स्कूल में ओमप्रकाश (पुत्र जयकिशन विश्नोई, निवासी जालबेरी, जिला बाड़मेर) को पकड़ पुलिस को सौंपा गया. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. जानकारी के अनुसार जिले के श्री महावीर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ग्राम सेवक परीक्षा (Village Development Officer Recruitment exam 2021) के दौरान एक डमी कैंडिडेट के बैठने का मामला सामने आया. अध्यापकों ने डमी कैंडिडेट से पूछताछ के बाद इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों व उच्च अधिकारियों को दी.
प्रथम दृष्टया ऑब्ज़र्वर दुर्गेश गर्ग व प्रिंसिपल राघवेंद्र ने अपने स्तर पर जांच पड़ताल की तो पता चला कि आधार कार्ड में फोटो अलग है व प्रवेश पत्र में फोटो अलग. ऐसे में प्रथमदृष्टया डमी कैंडिडेट होने के कारण परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को दी, इसके बाद कोतवाली पुलिस को परीक्षार्थी सुपुर्द कर दिया गया. फिलहाल कोतवाली पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.