सिरोही. आबूरोड ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन का शनिवार देर शाम को (Brahma Kumaris Global Summit) आगाज हो गया. सम्मेलन का आयोजन विश्व शांति का अग्रदूत भारत विषय पर किया जा रहा है. सम्मेलन में भाग लेने के लिए देश-विदेश से पांच हजार लोग और नामचीन हस्तियां पहुंचीं हैं. स्वागत सत्र में नेपाल के डिवाइन कल्चरल ग्रुप के कलाकारों ने मयूर डांस पेश किया तो पूरा डायमंड हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
चार दिवसीय सम्मेलन के स्वागत सत्र में मैसूर के महाराजा एचएच महिषापुर दिशा यदुवीरा कृष्णादत्ता ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान देश और समाज हित में बहुत ही सराहनीय कार्य कर रही है. यहां से लोगों को सकारात्मक सोच से विश्व परिवर्तन की शिक्षा दी जा रही है. साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं. भारत पूरे विश्व में शांति लाने के लिए प्रयासरत है. वहीं सम्मेलन के दौरान सामाजिक सरोकार रिपोर्टिंग के लिए Etv भारत के सीनियर रिपोर्ट जसवंत सिंह को भी सम्मानित किया गया.
भारत ने कभी शांति का दामन नहीं छोड़ा: दिल्ली से आए दूरदर्शन के कंसल्टेंट एडिटर मनीष वाजपेयी ने कहा कि देवों शांति का जो (Global Summit in Sirohi) श्लोक है, ये गवाही देता है कि भारत दुनिया को अतीत से आज तक शांति देता रहा है. भारत कई खण्डों और मोड़ से गुजरा है. यहां कई आक्रांता आए. लेकिन यहां की मिट्टी का ही कमाल है कि उन्हें यहां आकर शांति और सम्मान ही मिला है. भारत ने कभी शांति का दामन नहीं छोड़ा है.
पढ़ें. कल से शुरू होगा वैश्विक शिखर सम्मेलन, जुटेंगी देश-विदेश की जानी मानी हस्तियां
भारत का ये पारंपरिक विचार देश के हर नागरिकों में रचा-बसा है. ये बात विदेश के लोगों ने भी कही है कि पूरी दुनिया घूम लीजिए लेकिन भारत जैसी शांति कहीं और नहीं मिल सकती है. भारत ने दुनिया को गले लगाया है. भारत ने आदिकाल से ही वसुधैव कुटुम्बकम का नारा दिया है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां अतिथि देवो भव: की परंपरा है. हमारे आचार-विचार में शांति की बात होती है. हजारों कालखण्डों के बाद शांति जैसे शब्दों का सृजन होता है. संयुक्त राष्ट्र संघ में शांति की जब भी बात आती है तो विश्व शांति में सबसे पहले भारत का नाम आता है.
ब्रह्माकुमारीज में सभी ज्ञान का भंडार हैं: इंडियन बैडमिंटन टीम के खिलाड़ी तरूण भिलन ने कहा कि एक खिलाड़ी के साथ युवा होने के नाते भी देश की तरक्की में अपना सहयोग दे पाऊं. साथ ही देश की उन्नति में अपना सहयोग कर सकूं, ये यहीं सीखा है. ब्रह्माकुमारीज के मल्टीमीडिया प्रमुख बीके करुणा भाई ने कहा कि भारत की भावना वसुधैव कुटुम्बकम की रही है. सारा विश्व एक परिवार है. हमने विश्व को एकता में सूत्र में बांधने का संदेश दिया है.