सिरोही. जिले में मंगलवार को जिला परिषद की साधारण सभा का आयोजन किया गया. इस बैठक में जिला प्रमुख पायल परसरामपूरिया सहित जिला परिषद के सदस्य पहुंचे. वहीं बैठक में ना तो जिला कलक्टर पहुंचे और ना ही जिला परिषद के सीईओ दिखाई दिए. साथ ही कई विभागों के अधिकारी भी गैरमौजूद रहे. जिसपर जिला प्रमुख सहित परिषद के सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की. वहीं जिला प्रमुख ने आरोप लगाया की सीईओ फोन नही उठाते है जिसके चलते जिले के ग्रामीण इलाको की समस्याओं का समाधान नही हो रहा है.
बता दें, प्रदेश में कांग्रेस सरकार के बनने के बाद से जिन-जिन पदों पर भाजपा के जनप्रतिनिधि पदस्थापित हुए है उन पदो पर टकराव की स्थिति पैदा होने का सिलसिला जारी है. मंगलवार को इसी कड़ी में परिषद की बैठक में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जिला परिषद सीईओ नाथूसिंह राठौड़ ने 2 अगस्त को सूचना भेजकर 13 अगस्त को 11 बजे प्रमुख की अध्यक्षता में जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक के लिए सभी को निमंत्रित किया था.
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जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया जब बैठक में पहुंची तो यहां न तो कोई जिला परिषद के सीईओ मिले और न ही जिला कलेक्टर. इतना ही नहीं अधिकांश अधिकारी भी नहीं पहुंचे थे. इस बारे में जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया ने जब जिला कलेक्टर से बात की तो उन्होंने खुद का पक्ष रखते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग में होने का हवाला दिया. साथ ही बताया कि सीईओ का अवकाश उन्होंने स्वीकृत नहीं किया है. ऐसा नजारा देख जिला प्रमुख ने भी नाराजगी जताते हुए, बैठक को फौरन स्थगित कर दिया.
बकौल प्रमुख में साढ़े चार साल के कार्यकाल में यह पहली बार देखने को मिला है जब सारे अधिकारी समेत कलेक्टर और सीईओ पहुंचे. इस सभा में आमजनता की समस्याओं को लेकर प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा होनी थी, लेकिन अधिकारियों के ना पहुचने से जनता की समस्याएं धरी की धरी रह गई.