सिरोही. सूबे में जारी सियासी घमासान के बीच (Rajasthan Political Crisis) अब सीएम फेस पर रार की स्थिति उत्पन्न हो गई है. एक ओर गहलोत समर्थक विधायक इस्तीफे देकर आलाकमना पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर आलाकमान भी पूरी सख्त से मामले के निपटान में लगा है. वहीं, इस बीच रविवार को गांधी जयंती के मौके पर सिरोही में राष्ट्रपिता महत्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण के बाद सीएम के सलाहकार संयम लोढ़ा ने बड़ा बयान दे (Sanyam Lodha In Sirohi) दिया. उन्होंने गहलोत सरकार के 5 साल पूरे करने पर संशय जाहिर किया. लोढ़ा ने कहा कि अगर सरकार जनवरी तक रही तो सूबे में बदस्तूर विकास कार्य जारी रहेंगे.
वहीं, लोढ़ा के इस बयान के बाद से ही सूबे की सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि सीएम अशोक गहलोत राज्य में हुए घटनाक्रम के लिए आलाकमान से माफी मांग ली हो. लेकिन उनके समर्थकों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर गहलोत मुख्यमंत्री पद से हटते हैं तो फिर सरकार अस्थिर हो सकती है.
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हालांकि, लोढ़ा का यह बयान दो अर्थी है. उनके इस बयान से दो तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. बयान का एक अर्थ यह लगाया जा रहा है कि आलाकमान अशोक गहलोत की जगह किसी अन्य को राज्य की कमान सौंप सकता है. जबकि दूसरा अर्थ यह लगाया जा रहा है कि सियासी घमासान के बीच सरकार जनवरी से पहले गिर सकती है.