राणोली (सीकर). सीकर जिले के राणोली में नेशनल हाईवे 52 से करीब 35 गांवों को जोड़ने वाला अंडरपास बारिश के पानी से लबालब होने के कारण हाईवे से सभी गांवों का संपर्क टूट गया. सावन की पहली ही बारिश ने रेल प्रशासन के दावों की पोल खोलकर रख दी है. रेलवे द्वारा लाखों रुपए की लागत से बनाए गए अंडरपास बारिश के मौसम में लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं.
रेलवे द्वारा बनाए गए किसी भी अंडरपास में वाटर रिचार्ज सिस्टम ना बनाए जाने के कारण अंडरपास नकारा साबित हो रहे हैं. किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में यदि इन 35 गांवों के लोग यदि सीकर-जयपुर जाना चाहे तो अपनी जान हथेली पर रखकर जाने के बराबर होगा. बता दें कि कुछ समय पूर्व फतेहपुर में रेल अंडर पास में पानी भरा होने से एक बाइक सवार डूब कर मौत के मुंह में जा चुका है फिर भी रेल प्रशासन ने अभी तक इस हादसे से सबक नहीं लिया है.
रानोली, शिश्यु, त्रिलोकपुरा गांवों में भी हाईवे से जोड़ने के लिए रेलवे अंडरपास बनाए गए थे. जिनमें कल सुबह से ही करीब 10 फिट पानी भरा होने से आवागमन बंद है. वहीं पलसाना अंडरपास में भी बस फंसने से यात्री की सांसे अटक गई जिसको बाद में लोगों द्वारा ट्रैक्टर से खींचकर निकाला गया.
सुधार के बजाय रेलवे प्रशासन ने किया मार्ग बंद
तेज बारिश के बाद अंडरपास में पानी भरने से रेल प्रशासन ने अपनी गलती सुधारने के बजाय अंडरपास को दोनों ओर से पट्टी लगाकर बंद कर दिया है. कोई भी वैकल्पिक रास्ता ना होने से गांवों का संपर्क टूट गया है.