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सीकर: श्रीमाधोपुर नगर पालिका ने की अवैध निर्माण पर कार्रवाई, 6 दुकानों को किया सीज - अवैध निर्माण पर कार्रवाई

सीकर के श्रीमाधोपुर नगर पालिका की ओर से मंगलवार को वार्ड नं. 20 में कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई में बिना स्वीकृति और बिना भू-रूपातंरण किए बनी 5 दुकानें और 1 आटा चक्की को सीज किया.

सीकर समाचार, sikar news
अवैध निर्माण पर कार्रवाई
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Published : Jun 2, 2020, 9:46 PM IST

श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के श्रीमाधोपुर नगर पालिका दस्ते ने मंगलवार को कस्बे के वार्ड नं. 20 में कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को हटाया. इस कार्रवाई के अंतर्गत बिना स्वीकृति और बिना भू-रूपातंरण किए बनी 5 दुकानें और 1 आटा चक्की को सीज किया.

ईओ रजत जैन ने बताया कि वार्ड नं. 20 निवासी श्रवण लाल आचार्य, बजरंग लाल आचार्य, अर्जुन लाल आचार्य व शिम्भु दयाल आचार्य की पत्नियों के नाम से भूखण्ड हैं, जिसमें नगर पालिका की बिना स्वीकृति और बिना भू-उपयोग के आवासीय भूखण्ड में व्यावसायिक रूप से संचालित एक आटा चक्की और शिम्भु दयाल आचार्य व अर्जुन लाल आचार्य के नाम वाले भूखण्ड में बनी 5 दुकानों को सीज करने की कार्रवाई की गई.

पढ़ें- LDC भर्ती 2018 के चयनितों के लिए बड़ी खबर, शिक्षा विभाग में 14 जुलाई तक नियुक्ति प्रक्रिया होगी पूरी

वहीं, इन्हीं के नाम बरगद के पेड़ के पास अवैध 4 दुकानों का निर्माण और दुकानों के बीच मकान का मुख्य दरवाजा एवं सीढ़ियों का निर्माण कर रखा था, जिसकी छत को कटर से काटकर यह अतिक्रमण जेसीबी की मदद से हटाया गया. नगर पालिका दस्ता तहसीलदार महिपाल सिंह राजावत और भारी पुलिस जाब्ते के साथ पहुंचा और जेसीबी से अतिक्रमण हटाकर बिना स्वीकृति लिए बनी दुकानें और चक्की को सीज किया. वहीं, परिवार की महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनको दो-चार दिन का समय भी नहीं दिया नहीं तो वे अपना सामान हटा लेतेस जिससे हमारा नुकसान नहीं होता.

इस मामले में पूर्व पार्षद श्रवण लाल आचार्य ने बताया कि यह भूखण्ड साल 1997 में खरीदा था, उसी समय से यहां चक्की स्थापित थी, साथ ही पट्टे में भी आवास और अन्य निर्माण करने को लेकर लिखा हुआ है. आचार्य और परिजनों ने आरोप लगाया है कि राजनैतिक दबाव के चलते नगर पालिका की ओर से यह कार्रवाई की गई है, जबकि पूर्व में हुई जांच में भी दस्तावेजों में अतिक्रमण जैसी स्थिती नहीं पाई गई थी. जान बूझकर उनके परिवार को राजनीति का शिकार बनाया गया है. नगर पालिका की ओर से की गई यह कार्रवाई विधी के विरुद्ध की गई है.

पढ़ें- सीकर सांसद का 1 साल: नहरी पानी और मेडिकल कॉलेज शुरू करने से लेकर कई बड़े प्रोजेक्ट अधूरे, सिर्फ लंबी दूरी की ट्रेनें मिली

इधर, अधिशाषी अधिकारी रजत जैन ने बताया कि नगर पालिका ने इनपर अतिक्रमण और बिना अनुमति के व्यावसायिक गतिविधी का मुकदमा दर्ज करा रखा था, जिसमें इन्होंने नीचली कोर्ट से स्टे ले रखा था, जो खारिज हो गया. खारिज के खिलाफ उच्च कोर्ट में अपील की थी जिसमें आज तक कोई स्टे नहीं है. ऐसे में नगर पालिका कानूनी रूप से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, जिसके तहत अतिक्रमण हटाने और सीज करने की कार्रवाई की गई है.

श्रीमाधोपुर (सीकर). जिले के श्रीमाधोपुर नगर पालिका दस्ते ने मंगलवार को कस्बे के वार्ड नं. 20 में कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को हटाया. इस कार्रवाई के अंतर्गत बिना स्वीकृति और बिना भू-रूपातंरण किए बनी 5 दुकानें और 1 आटा चक्की को सीज किया.

ईओ रजत जैन ने बताया कि वार्ड नं. 20 निवासी श्रवण लाल आचार्य, बजरंग लाल आचार्य, अर्जुन लाल आचार्य व शिम्भु दयाल आचार्य की पत्नियों के नाम से भूखण्ड हैं, जिसमें नगर पालिका की बिना स्वीकृति और बिना भू-उपयोग के आवासीय भूखण्ड में व्यावसायिक रूप से संचालित एक आटा चक्की और शिम्भु दयाल आचार्य व अर्जुन लाल आचार्य के नाम वाले भूखण्ड में बनी 5 दुकानों को सीज करने की कार्रवाई की गई.

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वहीं, इन्हीं के नाम बरगद के पेड़ के पास अवैध 4 दुकानों का निर्माण और दुकानों के बीच मकान का मुख्य दरवाजा एवं सीढ़ियों का निर्माण कर रखा था, जिसकी छत को कटर से काटकर यह अतिक्रमण जेसीबी की मदद से हटाया गया. नगर पालिका दस्ता तहसीलदार महिपाल सिंह राजावत और भारी पुलिस जाब्ते के साथ पहुंचा और जेसीबी से अतिक्रमण हटाकर बिना स्वीकृति लिए बनी दुकानें और चक्की को सीज किया. वहीं, परिवार की महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनको दो-चार दिन का समय भी नहीं दिया नहीं तो वे अपना सामान हटा लेतेस जिससे हमारा नुकसान नहीं होता.

इस मामले में पूर्व पार्षद श्रवण लाल आचार्य ने बताया कि यह भूखण्ड साल 1997 में खरीदा था, उसी समय से यहां चक्की स्थापित थी, साथ ही पट्टे में भी आवास और अन्य निर्माण करने को लेकर लिखा हुआ है. आचार्य और परिजनों ने आरोप लगाया है कि राजनैतिक दबाव के चलते नगर पालिका की ओर से यह कार्रवाई की गई है, जबकि पूर्व में हुई जांच में भी दस्तावेजों में अतिक्रमण जैसी स्थिती नहीं पाई गई थी. जान बूझकर उनके परिवार को राजनीति का शिकार बनाया गया है. नगर पालिका की ओर से की गई यह कार्रवाई विधी के विरुद्ध की गई है.

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इधर, अधिशाषी अधिकारी रजत जैन ने बताया कि नगर पालिका ने इनपर अतिक्रमण और बिना अनुमति के व्यावसायिक गतिविधी का मुकदमा दर्ज करा रखा था, जिसमें इन्होंने नीचली कोर्ट से स्टे ले रखा था, जो खारिज हो गया. खारिज के खिलाफ उच्च कोर्ट में अपील की थी जिसमें आज तक कोई स्टे नहीं है. ऐसे में नगर पालिका कानूनी रूप से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, जिसके तहत अतिक्रमण हटाने और सीज करने की कार्रवाई की गई है.

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