सीकर. जिले के खाटूश्यामजी में बाबा श्याम का वार्षिक लक्की मेला चल रहा है. मेले में जहां लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन करने के लिए आते हैं. वहीं इस दौरान बाबा श्याम के श्रृंगार का भी विशेष महत्व है. मेले के दौरान बाबा के सिंगार के लिए देश और विदेश से अलग अलग तरीके के फूल मंगवाए जा रहे हैं. रिपोर्ट देखिये
बाबा के श्रृंगार के लिए एक पूरी टीम अलग से काम कर रही है. जो दिन-रात इसी काम में लगी रहती है और इसमें बंगाली कारीगर शामिल किए गए हैं. खाटू श्याम जी के मेले के दौरान बाबा श्याम के श्रृंगार का विशेष महत्व है. इस बार बाबा श्याम के श्रृंगार के लिए थाईलैंड से आर्किड फूल मंगाए गए हैं. इसके अलावा हर दिन बेंगलुरु कोलकाता और कोयंबटूर से फूल मंगवाए जा रहे हैं.
यह फूल हर दिन हवाई जहाज के जरिए जयपुर एयरपोर्ट लाए जाते हैं और वहां से रोजाना गाड़ी से खाटू तक पहुंचाए जाते हैं. श्रृंगार टीम के प्रभारी किशोरी लाल ने बताया कि बाबा श्याम के श्रृंगार में सबसे ज्यादा गुलाब बाबा श्याम के श्रृंगार में सबसे ज्यादा गुलाब का फूल काम में लिया जाता है. देश विदेश से 10 रंग के गुलाब हर दिन मंगवाए जाते हैं और उनसे श्रंगार किया जाता है. 13 बंगाली कारीगरों की एक टीम बुलाई गई है जो मंदिर परिसर में ही दिन रात मालाएं तैयार करते हैं. इन मालाओं से हर दिन सुबह 7:00 बजे बाबा का श्रृंगार किया जाता है.
इन फूलों का हो रहा श्रृंगार में उपयोग
बाबा श्याम के श्रंगार में सबसे ज्यादा गुलाब के फूलों का उपयोग हो रहा है. इसके साथ साथ रजनीगंधा, केवड़ा, ट्यूलिप, सहित अन्य फूल काम में लिए जा रहे हैं. बाबा के श्रृंगार में सबसे ज्यादा फूल गर्भ गृह में लगते हैं. एकादशी तक हर दिन बाहर से मंगवाए गए फूलों से ही श्रंगार किया जाएगा. बाबा के अलौकिक और भव्य श्रृंगार की कड़ी हर दिन जारी रहती है और इसके लिए खाटू में भी मधुबन वाटिका बनाई गई है. बाबा के श्रृंगार की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु लालायित रहते हैं.